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  • Köpölōn Tö Ngam Pīhö Lòt
    Haköplö Hī Töpōiṙāi Aṅmat ngam Paipöl
    • लूत की पत्नी नमक का खंभा बन जाती है। लूत और उसकी बेटियाँ सदोम से बच निकलते हैं

      Lesön 10

      Köpölōn Tö Ngam Pīhö Lòt

      लूत अपने चाचा अब्राहम के साथ कनान देश में रहता था। कुछ समय बाद अब्राहम और लूत के पास बहुत-से जानवर हो गए और उनके लिए जगह कम पड़ रही थी। इसलिए अब्राहम ने लूत से कहा, ‘अब हम सब एक जगह नहीं रह सकते। इसलिए तू चुन तू कहाँ जाना चाहता है और मैं दूसरी जगह जाऊँगा।’ देखा आपने, अब्राहम ने अपने फायदे के बारे में नहीं बल्कि दूसरों के बारे में सोचा!

      लूत ने देखा कि सदोम नाम के शहर के पास की ज़मीन बहुत अच्छी है। वहाँ ढेर सारा पानी और खूब हरी घास है। इसलिए उसने वह जगह चुनी और अपने परिवार को लेकर वहाँ रहने लगा। बाद में वे सदोम के अंदर रहने लगे।

      सदोम और पास के शहर अमोरा के लोग बहुत बुरे थे। वे इतने बुरे थे कि यहोवा ने उन शहरों का नाश करने का फैसला किया। मगर वह लूत और उसके परिवार को बचाना चाहता था। इसलिए उसने अपने दो स्वर्गदूत भेजे। उन्होंने लूत और उसके परिवार से कहा, ‘तुम जल्दी से इस शहर से निकल जाओ! यहोवा इसका नाश करनेवाला है।’

      लूत शहर छोड़ने में देर कर रहा था। इसलिए स्वर्गदूतों ने उसका, उसकी पत्नी और दोनों बेटियों का हाथ पकड़ा और उन्हें फटाफट शहर के बाहर ले गए। उन्होंने कहा, ‘अपनी जान बचाकर भागो यहाँ से! पीछे मुड़कर मत देखना, वरना तुम मर जाओगे!’

      सदोम और अमोरा पर आग और गंधक बरस रही है

      जब वे सोआर शहर पहुँचे तो यहोवा ने सदोम और अमोरा पर आग और गंधक बरसायी। दोनों शहर पूरी तरह मिट गए। लूत की पत्नी ने यहोवा की बात नहीं मानी, उसने पीछे मुड़कर देखा और वह नमक का खंभा बन गयी! मगर लूत और उसकी बेटियों को कुछ नहीं हुआ क्योंकि उन्होंने यहोवा की बात मानी। उन्हें बहुत दुख हुआ होगा कि लूत की पत्नी ने परमेश्‍वर की बात नहीं मानी। मगर साथ ही उन्हें इस बात की खुशी थी कि उन्होंने यहोवा की बात मानी।

      “लूत की पत्नी को याद रखो।”—लूका 17:32

      Intöönö: Kūö yòh ang Yāvē nö ahetngen ngam panam Sôtöm, Kômòra? Kūö yòh ang ngam pīhö Lòt nö vī-ingre nö sāl?

      Ranehlö 13:1-13; 19:1-26; Lūkös 17:28, 29, 32; 2Pītör 2:6-9

  • Kinlaha ngam Ṙinatö-ellōn
    Haköplö Hī Töpōiṙāi Aṅmat ngam Paipöl
    • अब्राहम और इसहाक चलकर मोरिया जा रहे हैं

      Lesön 11

      Kinlaha ngam Ṙinatö-ellōn

      अब्राहम ने अपने बेटे इसहाक को यहोवा से प्यार करना और उसके सभी वादों पर भरोसा रखना सिखाया। मगर जब इसहाक करीब 25 साल का था तो यहोवा ने अब्राहम से एक ऐसा काम करने के लिए कहा जो बहुत मुश्‍किल था। वह काम क्या था?

      परमेश्‍वर ने अब्राहम से कहा, ‘तू अपने इकलौते बेटे को मोरिया देश ले जा और वहाँ एक पहाड़ पर उसकी बलि चढ़ा।’ अब्राहम को बिलकुल भी पता नहीं था कि यहोवा ने क्यों ऐसा करने के लिए कहा। फिर भी उसने यहोवा की बात मानी।

      अगले दिन सुबह-सुबह अब्राहम ने अपने साथ इसहाक और दो सेवकों को लिया और मोरिया देश की तरफ निकल पड़ा। तीन दिन बाद उन्हें दूर से वह पहाड़ दिखायी दिया। अब्राहम ने अपने सेवकों से कहा कि वे वहीं रुकें और वह इसहाक को लेकर बलिदान चढ़ाने जाएगा। अब्राहम ने एक चाकू लिया और इसहाक से कहा कि वह लकड़ियाँ उठाए। इसहाक ने अपने पिता से पूछा, ‘बलिदान चढ़ाने के लिए जानवर कहाँ है?’ अब्राहम ने कहा, ‘बेटा, यहोवा देगा।’

      जब वे चलते-चलते पहाड़ पर पहुँचे तो उन्होंने वहाँ एक वेदी बनायी। फिर अब्राहम ने इसहाक के हाथ-पैर बाँधे और उसे वेदी पर लिटा दिया।

      इसहाक के हाथ-पैर बाँध दिए गए हैं और वह वेदी पर है। अब्राहम के हाथ में चाकू है

      फिर अब्राहम ने हाथ में चाकू लिया। वह इसहाक को मारने ही वाला था कि यहोवा के स्वर्गदूत ने स्वर्ग से पुकारा, ‘अब्राहम! लड़के को मत मार! अब मैं जान गया हूँ कि तुझे परमेश्‍वर पर विश्‍वास है क्योंकि तू अपने बेटे की बलि चढ़ाने के लिए भी तैयार हो गया।’ तब अब्राहम ने देखा कि वहाँ एक मेढ़ा है जिसके सींग झाड़ियों में फँसे हैं। उसने जल्दी से इसहाक के हाथ-पैर खोल दिए और उसके बदले मेढ़े की बलि चढ़ायी।

      उस दिन से यहोवा ने अब्राहम को अपना दोस्त कहा। जानते हो क्यों? क्योंकि यहोवा ने अब्राहम से जो भी कहा उसने वही किया। उसने तब भी यहोवा की बात मानी जब उसे समझ नहीं आया कि यहोवा ने ऐसा क्यों कहा।

      अब्राहम, इसहाक के हाथ-पैर खोल रहा है

      यहोवा ने एक बार फिर अब्राहम से वादा किया, ‘मैं तुझे आशीष दूँगा और तुझे बहुत-से बच्चे होंगे।’ इसका मतलब यह था कि यहोवा अब्राहम के परिवार के ज़रिए सभी अच्छे लोगों को आशीष देता।

      “परमेश्‍वर ने दुनिया से इतना प्यार किया कि उसने अपना इकलौता बेटा दे दिया ताकि जो कोई उस पर विश्‍वास करे, वह नाश न किया जाए बल्कि हमेशा की ज़िंदगी पाए।”—यूहन्‍ना 3:16

      Intöönö: Sitih inlahen mikahkūö öi tö Aprahām nö kiröngen ṙinātö-ellōn nö in Yāvē? Asuh ök kinlēngô Yāvē nö in Aprahām?

      Ranehlö 22:1-18; Heprāi 11:17-19; Yāköp 2:21-23

Ṙô Tarik Līpöre (2014-2025)
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