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  • “यहोवा की मंज़ूरी पाने के साल का प्रचार करूँ”
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हमारी मसीही ज़िंदगी और सेवा — सभा पुस्तिका—2017
mwb17 फरवरी पेज 5

पाएँ बाइबल का खज़ाना | यशायाह 58-62

“यहोवा की मंज़ूरी पाने के साल का प्रचार करूँ”

‘यहोवा की मंज़ूरी पाने का साल’ सचमुच का कोई साल नहीं है

61:1, 2

  • यह एक दौर है जब यहोवा दीन लोगों को रिहाई का पैगाम सुनाता है और उन्हें मौका देता है कि वे उसके मुताबिक कदम उठाएँ

  • पहली सदी में मंज़ूरी पाने का साल ईसवी सन्‌ 29 में शुरू हुआ जब यीशु ने अपनी सेवा शुरू की थी। यह दौर यहोवा के “बदला लेने के दिन” तक चला यानी ईसवी सन्‌ 70 तक जब यरूशलेम का विनाश हुआ

  • हमारे दिनों में मंज़ूरी पाने का साल 1914 में शुरू हुआ जब यीशु को स्वर्ग में राजा बनाया गया। यह दौर महा-संकट के साथ खत्म होगा

ई. 29 से लेकर ई. 70 तक और 1914 से लेकर महा-संकट तक मंरी पाने के साल की समय-रेखा

यहोवा अपने लोगों के लिए “नेकी के बड़े-बड़े पेड़” लगाता है

61:3, 4

  • दुनिया के सबसे ऊँचे पेड़ जंगलों में साथ-साथ बढ़ते हैं और एक-दूसरे को सहारा देते हैं

  • पेड़ों की जड़ें दूर-दूर तक फैली होती हैं और आपस में गुंथी होती हैं, जिस वजह से पेड़ों को मज़बूती मिलती है और वे तूफान के थपेड़ों का सामना कर पाते हैं

  • ऊँचे पेड़ अपने चारों तरफ के छोटे-छोटे पौधों को छाँव देते हैं। साथ ही, उन पेड़ों से झड़नेवाले पत्ते मिट्टी को उपजाऊ बनाते हैं

“नेकी के बड़े-बड़े पेड़” यानी बचे हुए अभिषिक्‍त जन, दुनिया-भर में फैली मसीही मंडली के सभी सदस्यों को सहारा और हिफाज़त देते हैं

बड़े पेड़ जिनकी जड़ें मज़बूत हैं और जो छोटे-छोटे पौधों को छाँव देते हैं
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