ଓ୍ଵାଚଟାଓ୍ଵର ଅନଲାଇନ୍ ଲାଇବ୍ରେରୀ
ଓ୍ଵାଚଟାଓ୍ଵର
ଅନଲାଇନ୍ ଲାଇବ୍ରେରୀ
ଓଡ଼ିଆ
  • ବାଇବଲ
  • ପ୍ରକାଶନ
  • ସଭା
  • mwbr21 ସେପ୍ଟେମ୍ବର ପୃଷ୍ଠା ୧-୧୧
  • ଜୀବନ ଓ ସେବା ସଭା ପୁସ୍ତିକା ପାଇଁ ରେଫରେନ୍‌ସ

ଏ ସମ୍ୱନ୍ଧରେ କୌଣସି ଭିଡିଓ ଉପଲବ୍ଧ ନାହିଁ ।

ଭିଡିଓ ଲୋଡିଙ୍ଗ୍ ହେବାରେ କିଛି ତ୍ରୁଟି ରହିଛି । ଆମେ ଦୁଃଖିତ ।

  • ଜୀବନ ଓ ସେବା ସଭା ପୁସ୍ତିକା ପାଇଁ ରେଫରେନ୍‌ସ
  • ଜୀବନ ଓ ସେବା ପାଇଁ ରେଫରେନ୍‌ସ—ସଭା ପୁସ୍ତିକା (୨୦୨୧)
  • ଉପଶୀର୍ଷକ
  • ୬-୧୨ ସେପ୍ଟେମ୍ବର
  • ୧୩-୧୯ ସେପ୍ଟେମ୍ବର
  • ୨୦-୨୬ ସେପ୍ଟେମ୍ବର
  • ୨୭ ସେପ୍ଟେମ୍ବର–୩ ଅକ୍ଟୋବର
  • ୪-୧୦ ଅକ୍ଟୋବର
  • ୧୧-୧୭ ଅକ୍ଟୋବର
  • ୧୮-୨୪ ଅକ୍ଟୋବର
  • ୨୫-୩୧ ଅକ୍ଟୋବର
ଜୀବନ ଓ ସେବା ପାଇଁ ରେଫରେନ୍‌ସ—ସଭା ପୁସ୍ତିକା (୨୦୨୧)
mwbr21 ସେପ୍ଟେମ୍ବର ପୃଷ୍ଠା ୧-୧୧

ଜୀବନ ଓ ସେବା ସଭା ପୁସ୍ତିକା ପାଇଁ ରେଫରେନ୍‌ସ

୬-୧୨ ସେପ୍ଟେମ୍ବର

ବାଇବଲର ବହୁମୂଲ୍ୟ ଧନ ପାଆନ୍ତୁ | ଦ୍ୱିତୀୟ ବିବରଣ ୩୩-୩୪

“यहोवा की बाँहों में महफूज़ रहिए”

इंसाइट-2 पेज 51

यशूरून

यह नाम इसराएल राष्ट्र के सम्मान में उसे दिया गया था। यूनानी सेप्टुआजेंट में “यशूरून” शब्द का अनुवाद “प्यारा” किया गया है। इसका मतलब यह था कि यहोवा इसराएल राष्ट्र से बहुत प्यार करता था। यह नाम इसराएलियों को याद दिलाता था कि यहोवा ने उनके साथ करार किया है। इसलिए उनका फर्ज़ था कि वे सीधे-सच्चे लोग बने रहें यानी अपना चालचलन शुद्ध बनाए रखें।—व्य 33:5, 6; यश 44:2.

बहाल पेज 120, बक्स

अपने पैरों पर उठ खड़े होने के लिए सहारा

यहेजकेल के दिनों से सदियों पहले मूसा ने बताया कि यहोवा के पास न सिर्फ अपने लोगों को बचाने की ताकत है, बल्कि वह ऐसा करना भी चाहता है। मूसा ने लिखा, “परमेश्‍वर मुद्दतों से तेरी पनाह रहा है, उसकी बाँहें तुझे सदा थामे रहेंगी।” (व्यव. 33:27) दुख की घड़ी में अगर हम अपने परमेश्‍वर यहोवा को पुकारें, तो वह अपना हाथ बढ़ाकर हमें थाम लेगा, प्यार से हमें उठाएगा और हमें अपने पैरों पर खड़ा करेगा।—यहे. 37:10.

प्र11 9/15 पेज 19 पै 16

धीरज से दौड़ते रहिए

16 अब्राहम की तरह मूसा ने अपनी ज़िंदगी में परमेश्‍वर के वादे को पूरा होते हुए नहीं देखा। जब इसराएली वादा किए देश में जाने ही वाले थे तब मूसा को कहा गया: “वह देश जो मैं इस्राएलियों को देता हूं, तू अपने साम्हने देख लेगा, परन्तु वहां जाने न पाएगा।” ऐसा इसलिए कहा गया क्योंकि इससे पहले वह और हारून लोगों के ज़िद्दी रवैये से इस हद तक आपा खो बैठे कि “कादेश के मरीबा नाम सोते पर,” “इस्राएलियों के मध्य में” “दोनों ने [परमेश्‍वर का] अपराध किया।” (व्यव. 32:51, 52) क्या मूसा वादा किए देश में दाखिल न होने की बात से हद-से-ज़्यादा दुखी हो गया? नहीं। उसने लोगों को आशीष दी और अपनी बात इन शब्दों से खत्म की: “हे इस्राएल, तू क्या ही धन्य है! हे यहोवा से उद्धार पाई हुई प्रजा, तेरे तुल्य कौन है? वह तो तेरी सहायता के लिये ढाल, और तेरे प्रताप के लिये तलवार है।”—व्यव. 33:29.

ବହୁମୂଲ୍ୟ ରତ୍ନ

ଇନସାଇଟ୍‌-୨ ପୃ ୪୩୯ ¶୩

ମୋଶା

ଲୋକମାନେ ମୋଶାଙ୍କ କବରକୁ ଏକ ପୂଜା ସ୍ଥଳୀ ତିଆରି କରି ଉପାସନା କରିଥାʼନ୍ତେ, ତେଣୁ ଯିହୋବା ଏପରି କଲେ । ଶୟତାନ ମିଥ୍ୟା ଉପାସନା କରାଇବା ପାଇଁ ମୋଶାଙ୍କ ଶବକୁ ପାଇବା ପାଇଁ ଚେଷ୍ଟା କରୁଥିଲା । ଏହି କଥା ଆମେ ଯିହୂଦାଙ୍କ ଶବ୍ଦରୁ ଜାଣିପାରିବା । “ପ୍ରଧାନ ଦୂତ ମୀଖାୟେଲ ମୋଶାଙ୍କ ଶବ ବିଷୟରେ ଶୟତାନ ସହିତ ବାଦାନୁବାଦ କରିବା ସମୟରେ ନିନ୍ଦା କରି ତାହାର ବିଚାର କରିବାକୁ ସାହସୀ ହୋଇ ନ ଥିଲେ, କେବଳ ଏତିକି କହିଲେ, ପ୍ରଭୁ ତୁମ୍ଭକୁ ଧମକ ଦିଅନ୍ତୁ ।”—ଯିହୂଦା ୯.

୧୩-୧୯ ସେପ୍ଟେମ୍ବର

ବାଇବଲର ବହୁମୂଲ୍ୟ ଧନ ପାଆନ୍ତୁ | ଯିହୋଶୂୟ ୧-୨

“कामयाब होने के लिए क्या करें?”

प्र13 1/15 पेज 8 पै 7

हिम्मत से काम लीजिए—यहोवा आपके साथ है!

7 हमें परमेश्‍वर के वचन का अध्ययन करना होगा और उसे लागू करना होगा तभी हम उसकी मरज़ी पूरी करने के लिए ज़रूरी हिम्मत पाएँगे। यही सलाह यहोशू को भी दी गयी थी, जब उसे मूसा के बाद इसराएलियों का अगुवा ठहराया गया था। यहोशू को यह बताया गया था, “तू हियाव बान्धकर और बहुत दृढ़ होकर जो व्यवस्था मेरे दास मूसा ने तुझे दी है उन सब के अनुसार करने में चौकसी करना . . . व्यवस्था की यह पुस्तक तेरे चित्त से कभी न उतरने पाए, इसी में दिन रात ध्यान दिए रहना, इसलिये कि जो कुछ उस में लिखा है उसके अनुसार करने की तू चौकसी करे; क्योंकि ऐसा ही करने से तेरे सब काम सुफल होंगे, और तू प्रभावशाली होगा।” (यहो. 1:7, 8) यहोशू ने यह सलाह मानी और उसके ‘सब काम सफल’ हुए। अगर हम ऐसा करें तो हमें भी परमेश्‍वर की सेवा करने के लिए और भी हिम्मत मिलेगी और हम कामयाब होंगे।

प्र13 1/15 पेज 11 पै 20

हिम्मत से काम लीजिए—यहोवा आपके साथ है!

20 मुश्‍किलों से भरी इस दुष्ट दुनिया में हम पर आए दिन कोई-न-कोई परीक्षा आती है इसलिए परमेश्‍वर की बतायी राह पर चलना हमेशा आसान नहीं होता। लेकिन इस राह पर चलते रहने के लिए हमारे पास काफी मदद हाज़िर है। हमारा परमेश्‍वर हमारे साथ है। उसका बेटा यीशु भी हमारी मदद करता है जो मसीही मंडली का मुखिया है। उनके अलावा, दुनिया-भर में रहनेवाले सत्तर लाख से ज़्यादा मसीही भाई-बहन हमारे साथ हैं। आइए हम सब मिलकर अपना विश्‍वास दिखाते रहें और सन्‌ 2013 का यह सालाना वचन हमेशा मन में रखकर खुशखबरी सुनाने का काम करते रहें, ‘हिम्मत से काम ले और हौसला रख। तेरा परमेश्‍वर यहोवा तेरे साथ है।’—यहो. 1:9.

ବହୁମୂଲ୍ୟ ରତ୍ନ

ପ୍ର୦୪-ହି ୧୨/୧ ପୃ ୯ ¶୧

ଯିହୋଶୂୟ ବହିର ମୁଖ୍ୟାଂଶ

ଯିହୋଶୂୟ ୨:୪, ୫—ରାହାବ ରାଜାର ଲୋକମାନଙ୍କୁ କାହିଁକି ଠିକ୍‌ ଠିକ୍‌ କଥା ଜଣାଇଲେ ନାହିଁ ?

ରାହାବ ନିଜ ଜୀବନକୁ ବିପଦରେ ପକାଇ ଗୁପ୍ତଚରମାନଙ୍କୁ ରକ୍ଷା କଲେ । କାରଣ ସେ ଯିହୋବାଙ୍କ ଉପରେ ବିଶ୍ୱାସ କରୁଥିଲେ । ତେଣୁ ଯେଉଁମାନେ ଈଶ୍ୱରଙ୍କ ସେବକମାନଙ୍କୁ କ୍ଷତି ପହଞ୍ଚାଇବା ପାଇଁ ଚାହୁଁଥିଲେ, ସେମାନଙ୍କୁ ଗୁପ୍ତଚରମାନଙ୍କ ବିଷୟରେ ସେ ଠିକ୍‌ ଠିକ୍‌ କଥା ଜଣାଇଲେ ନାହିଁ । (ମାଥିଉ ୭:୬; ୨୧:୨୩-୨୭; ଯୋହନ ୭:୩-୧୦) ରାହାବ ନିଜ “କର୍ମ ଦ୍ୱାରା ଧାର୍ମିକ ଗଣିତ ହେଲେ”, ସେମଧ୍ୟରୁ ଗୋଟିଏ ଥିଲା, ରାଜାଙ୍କ ଲୋକମାନଙ୍କୁ ଭୁଲ ରାସ୍ତାରେ ପଠାଇବା ।—ଯାକୁବ ୨:୨୪-୨୬.

୨୦-୨୬ ସେପ୍ଟେମ୍ବର

ବାଇବଲର ବହୁମୂଲ୍ୟ ଧନ ପାଆନ୍ତୁ | ଯିହୋଶୂୟ ୩-୫

“विश्‍वास से काम करें, यहोवा की आशीष पाएँ”

इंसाइट-2 पेज 105

यरदन

यरदन नदी का जो हिस्सा गलील झील के नीचे की तरफ है वह 3 से 10 फुट गहरा और करीब 90 से 100 फुट चौड़ा होता है। मगर वसंत के मौसम में यरदन के किनारे पानी उमड़ने लगता है और यह नदी और भी गहरी और चौड़ी हो जाती है। (यह 3:15) ऐसे वक्‍त में यरदन नदी पार करने से इसराएलियों की जान को खतरा हो सकता था। इसराएलियों में बहुत-सी औरतें और बच्चे भी थे, इसलिए नदी पार करना आसान नहीं होता। खासकर यरीहो के पास खतरा और भी ज़्यादा था। वहाँ नदी का पानी आज भी बहुत तेज़ बहता है। आज के ज़माने में जब वहाँ कुछ लोग नहाने गए, तो वे पानी की तेज़ धारा में बहकर मर गए। लेकिन इसराएलियों के ज़माने में यहोवा ने चमत्कार से पानी को बहने से रोक दिया, इसलिए वे उसे पार करके सूखी ज़मीन पर सही-सलामत पहुँच गए।—यह 3:14-17.

प्र13 9/15 पेज 16 पै 17

यहोवा की चितौनियों को अपने हृदय के हर्ष का कारण बनाइए

17 विश्‍वास के ये काम यहोवा पर हमारा भरोसा कैसे मज़बूत करते हैं? ज़रा सोचिए कि उस वक्‍त क्या हुआ था जब इसराएलियों का वादा किए गए देश में कदम रखने का वक्‍त आया। यहोवा ने वाचा का संदूक उठानेवाले याजकों को निर्देश दिया था कि वे यरदन नदी के बीचों-बीच जाकर खड़े हो जाएँ। लेकिन, जब लोग नदी के पास आए, तो उन्होंने देखा कि सावन की बारिश की वजह से नदी लबालब भरी है और पानी तेज़ी से बह रहा है। अब इसराएली क्या करते? क्या वे नदी किनारे डेरा डालकर हफ्तों इंतज़ार करते, जब तक कि पानी कम नहीं हो जाता? नहीं, इसके बजाय उन्होंने यहोवा पर पूरा भरोसा रखा और उसके निर्देशों को माना। इसका क्या नतीजा हुआ? वाकया बताता है, ‘जब याजकों के पैर तट के जल में पड़े, तब ऐसा हुआ कि जलधारा थम गई।’ इसके बाद, ‘याजक यरदन के बीचोंबीच सूखी भूमि पर स्थिर खड़े रहे और समस्त इस्राएल सूखी भूमि पर से पार हुआ।’ (यहो. 3:12-17, अ न्यू हिंदी ट्रांस्लेशन) ज़रा कल्पना कीजिए कि तेज़ी से बहते हुए पानी को थमते देख इसराएलियों में क्या ही खुशी की लहर दौड़ गयी होगी! वाकई, इसराएलियों का परमेश्‍वर पर भरोसा कितना बढ़ा होगा, क्योंकि उन्होंने उसके निर्देशों को माना।

प्र13 9/15 पेज 16 पै 18

यहोवा की चितौनियों को अपने हृदय के हर्ष का कारण बनाइए

18 यह सच है कि यहोवा आज अपने लोगों की खातिर ऐसे चमत्कार नहीं करता। लेकिन जब हम यहोवा पर विश्‍वास दिखाते हैं और उसके निर्देश मानते हैं, तो वह हमें आशीष ज़रूर देता है। परमेश्‍वर की पवित्र शक्‍ति हमें हिम्मत देती है ताकि हम दुनिया-भर में राज के संदेश का प्रचार कर सकें। और यहोवा के खास गवाह, जी उठाए गए यीशु मसीह ने अपने चेलों को यकीन दिलाया कि इस ज़रूरी काम में वह उनका साथ देगा। उसने कहा: “जाओ और सब राष्ट्रों के लोगों को मेरा चेला बनना सिखाओ।” उसने यह भी कहा: “मैं दुनिया की व्यवस्था के आखिरी वक्‍त तक हमेशा तुम्हारे साथ हूँ।” (मत्ती 28:19, 20) बहुत-से साक्षी जो शायद दूसरों से बात करते वक्‍त शर्माते या घबराते थे, उन्होंने अनुभव किया है कि परमेश्‍वर की पवित्र शक्‍ति ने उन्हें इतनी हिम्मत दी है कि वे प्रचार में बिना डरे अजनबियों से बात कर पाते हैं।—भजन 119:46; 2 कुरिंथियों 4:7 पढ़िए।

ବହୁମୂଲ୍ୟ ରତ୍ନ

ପ୍ର୦୪-ହି ୧୨/୧ ପୃ ୯ ¶୨

ଯିହୋଶୂୟ ବହିର ମୁଖ୍ୟାଂଶ

ଯିହୋଶୂୟ ୫:୧୪, ୧୫—“ଯିହୋବାଙ୍କ ସୈନ୍ୟର ସେନାପତି” କିଏ ? ପ୍ରତିଜ୍ଞାତ ଦେଶ ଉପରେ ଆକ୍ରମଣ କରିବା ବେଳେ ଯିହୋଶୂୟଙ୍କ ସାହସ ବାନ୍ଧିବା ପାଇଁ ଯେଉଁ ସେନାପତି ଆସିଥିଲେ, ହୁଏତ ସେ “ବାକ୍ୟ” ଥିଲେ । ଏହି ବାକ୍ୟ ଯୀଶୁ ଖ୍ରୀଷ୍ଟ ଅଟନ୍ତି । (ଯୋହନ ୧:୧; ଦାନିୟେଲ ୧୦:୧୩) ଏହା ଜାଣି କେତେ ସାହସ ମିଳେ ଯେ ଆଜି ମହିମାରେ ପରିପୂର୍ଣ୍ଣ ଯୀଶୁ ଖ୍ରୀଷ୍ଟ ଈଶ୍ୱରଙ୍କ ଲୋକମାନଙ୍କ ଆଧ୍ୟାତ୍ମିକ ଯୁଦ୍ଧରେ ସେମାନଙ୍କ ସହିତ ଅଛନ୍ତି ।

୨୭ ସେପ୍ଟେମ୍ବର–୩ ଅକ୍ଟୋବର

ବାଇବଲର ବହୁମୂଲ୍ୟ ଧନ ପାଆନ୍ତୁ | ଯିହୋଶୂୟ ୬-୭

“बेकार की चीज़ों से दूर रहिए”

प्र10 4/15 पेज 20 पै 5

व्यर्थ की चीज़ों से अपनी आँखें हटा दो!

5 सके सदियों बाद आकान नाम का एक इसराएली अपनी आँखों के धोखे में आ गया। इसलिए उसने यरीहो शहर की कुछ चीज़ें चुरा लीं। परमेश्‍वर ने इसराएलियों को आज्ञा दी थी कि उस शहर पर हमला करने के बाद वे वहाँ की सारी चीज़ें नाश कर दें और सिर्फ उन चीज़ों को छोड़ दें जो यहोवा के खज़ाने के लिए दी जानी थीं। उन्हें यह चेतावनी दी गयी थी: “तुम अर्पण की हुई वस्तुओं से सावधानी से अपने आप को अलग रखो, ऐसा न हो कि . . . उसी अर्पण की वस्तु में कुछ ले लो।” लेकिन आकान ने यह बात नहीं मानी, इसलिए जब इसराएलियों ने ऐ शहर पर हमला किया तो वे हार गए और बहुत-से इसराएली मारे गए। आकान ने अपना जुर्म तब तक कबूल नहीं किया जब तक कि इसका खुलासा नहीं किया गया। उसने कहा कि वे चीज़ें ‘जब मुझे दिखायी पड़ीं, तब मैं ने उनका लालच करके उन्हें रख लिया।’ अंजाम, उसकी आँखों की चाहत ने उसे और “जो कुछ उसका था” वह सब खाक में मिला दिया। (यहो. 6:18, 19; 7:1-26) आकान ने उन्हीं चीज़ों का लालच किया जिनकी मनाही थी।

प्र97 8/15 पेज 28 पै 3

जो बुरा है उसकी रिपोर्ट क्यों करें?

पाप की रिपोर्ट करने का एक कारण यह है कि यह कलीसिया की शुद्धता बनाए रखने के लिए कार्य करता है। यहोवा एक शुद्ध परमेश्‍वर, एक पवित्र परमेश्‍वर है। उसकी माँग है कि वे सभी जो उसकी उपासना करते हैं, आध्यात्मिक व नैतिक रूप से शुद्ध हों। उसका प्रेरित वचन सलाह देता है: “आज्ञाकारी बालकों की नाईं अपनी अज्ञानता के समय की पुरानी अभिलाषाओं के सदृश न बनो। पर जैसा तुम्हारा बुलानेवाला पवित्र है, वैसे ही तुम भी अपने सारे चालचलन में पवित्र बनो। क्योंकि लिखा है, कि पवित्र बनो, क्योंकि मैं पवित्र हूं।” (1 पतरस 1:14-16) ऐसे व्यक्‍ति जो अशुद्ध काम या पाप करते रहते हैं, वे कलीसिया को मलीन कर देते हैं और पूरी कलीसिया पर यहोवा की नाराज़गी ला सकते हैं यदि इसे सुधारने या हटाने के लिए कार्यवाही नहीं की जाती है।—यहोशू , अध्याय 7 से तुलना कीजिए।

प्र10 4/15 पेज 21 पै 8

व्यर्थ की चीज़ों से अपनी आँखें हटा दो!

8 सच्चे मसीही भी आँखों और शरीर की ख्वाहिशों के असर से अछूते नहीं हैं। इसलिए परमेश्‍वर का वचन हमें इस मामले में खुद को अनुशासित करने का बढ़ावा देता है कि हम अपनी आँखों से क्या देखते हैं और कैसी बातों की चाहत रखते हैं। (1 कुरिं. 9:25, 27; 1 यूहन्‍ना 2:15-17 पढ़िए।) अय्यूब, जो एक खरा इंसान था, वह अच्छी तरह जानता था कि हमारी आँखों का दिल से गहरा संबंध है, यानी जब कोई चीज़ हमारी आँखों को भा जाती है तो उसे पाने की चाहत दिल में ज़ोर पकड़ने लगती है। इसलिए अय्यूब ने कहा: “मैं ने अपनी आंखों के विषय वाचा बान्धी है, फिर मैं किसी कुंवारी पर क्योंकर आंखें लगाऊं?” (अय्यू. 31:1) अय्यूब ने किसी स्त्री को गलत इरादे से कभी नहीं छुआ, उसने तो यहाँ तक ठान लिया था कि वह अपने मन में ऐसा खयाल तक पनपने नहीं देगा। यीशु ने ज़ोर देकर बताया कि अपने मन को शुद्ध रखने के लिए ज़रूरी है कि हम अनैतिक विचारों को कोई जगह न दें। उसने कहा: “हर वह आदमी जो किसी स्त्री को ऐसी नज़र से देखता रहता है जिससे उसके मन में स्त्री के लिए वासना पैदा हो, वह अपने दिल में उस स्त्री के साथ व्यभिचार कर चुका।”—मत्ती 5:28.

ବହୁମୂଲ୍ୟ ରତ୍ନ

ପ୍ର୧୫-ହି ୧୧/୧୫ ପୃ ୧୩ ¶୨-୩

ପାଠକମାନଙ୍କ ପ୍ରଶ୍ନ

ପ୍ରାଚୀନ ସମୟରେ କୌଣସି ଦେଶକୁ ଜିତିବା ପାଇଁ ଶତ୍ରୁ ସେନା ସେହି ସହରର ଚାରିପଟେ ଘେରାବନ୍ଦୀ କରୁଥିଲେ । ଯଦି ସେହି ଘେରାବନ୍ଦୀ ଅଧିକ ଦିନ ଯାଏ ରହୁଥିଲା, ତେବେ ଲୋକମାନେ ଜମା କରିଥିବା ଖାଦ୍ୟ ଶେଷ ହୋଇଯାଉଥିଲା । ଆଉ ଯେତେବେଳେ ସୈନିକମାନେ ସେହି ଦେଶକୁ କବଜା କରୁଥିଲେ, ସେତେବେଳେ ସବୁକିଛି ସେମାନେ ଲୁଟି ନେଉଥିଲେ । ଏପରିକି ଖାଇବା ଜିନିଷକୁ ମଧ୍ୟ । ପଲେଷ୍ଟୀୟ ସହରଗୁଡ଼ିକରେ ମଧ୍ୟ ଏପରି ଭାବେ ଆକ୍ରମଣ ହୋଇଥିଲା । ତେଣୁ ଏହି ସହରର ଧ୍ୱଂସ ହୋଇଥିବା ଜିନିଷଗୁଡ଼ିକୁ ଅନୁସନ୍ଧାନ କରୁଥିବା ଗବେଷକମାନେ ଯେତେବେଳେ ଅନୁସନ୍ଧାନ କଲେ, ସେମାନଙ୍କୁ ଖାଇବା ଜିନିଷ ବହୁତ କମ୍‌ ମିଳିଲା । କିନ୍ତୁ ଯିରୀହୋ ସହରକୁ ଅନୁସନ୍ଧାନ କରିବା ବେଳେ ଖାଇବା ଜିନିଷ ବହୁତ ମିଳିଲା । ଏହି ବିଷୟରେ ବିବ୍ଲିକାଲ ଆର୍କିଓଲୋଜି ରିଭ୍ୟୁ ନାମକ ଗୋଟିଏ ପତ୍ରିକା କହେ: ‘ଧ୍ୱଂସ ହୋଇଥିବା ଜିନିଷଗୁଡ଼ିକରୁ ମାଟିର ପାତ୍ର ମିଳିଲା । ତାʼସହ ବହୁତ ଖାଇବା ଜିନିଷ ମିଳିଲା । ପଲେଷ୍ଟୀୟ ଇତିହାସର ଅନୁସନ୍ଧାନରୁ ଜଣାପଡ଼େ ଯେ ଏହା ବହୁତ ଆଶ୍ଚର୍ଯ୍ୟର କଥା ଥିଲା । ଖାଇବା ଜିନିଷରେ ଭରା ଗୋଟେ କିମ୍ବା ଦୁଇଟି ହାଣ୍ଡି ମିଳିବା ସାଧାରଣ କଥା, କିନ୍ତୁ ଏତେ ପରିମାଣରେ ଖାଇବା ଜିନିଷ ମିଳିବା ସାଧାରଣ କଥା ନୁହେଁ ।’

ବାଇବଲ କହେ ଯେ ଇସ୍ରାଏଲୀୟମାନେ ଯିରୀହୋ ସହରକୁ ଲୁଟି ନ ଥିଲେ । କାରଣ ଯିହୋବା ସେମାନଙ୍କୁ ଏପରି କରିବା ପାଇଁ ମନା କରିଥିଲେ । (ଯିହୋ. ୬:୧୭, ୧୮) ସେମାନେ ଯିରୀହୋ ସହର ଉପରେ ବସନ୍ତ ଋତୁରେ ଆକ୍ରମଣ କରିଥିଲେ । ଆଉ ଶସ୍ୟ କାଟିବା ପରେ ବସନ୍ତ ଋତୁ ଆସେ । ତେଣୁ ସହରରେ ବହୁତ ଖାଇବା ଜିନିଷ ଥିଲା । (ଯିହୋ. ୩:୧୫-୧୭; ୫:୧୦) ଖାଇବା ଜିନିଷ ଘେରାବନ୍ଦୀ ପରେ ମଧ୍ୟ ଶେଷ ହୋଇ ନ ଥିଲା । ସେଇଠି ଏବେ ମଧ୍ୟ ବହୁତ ପରିମାଣରେ ଖାଇବା ଜିନିଷ ଥିଲା । ଏଥିରୁ ସ୍ପଷ୍ଟ ଜଣାପଡ଼େ ଯେ ଇସ୍ରାଏଲୀୟମାନେ ଯିରୀହୋ ସହର ଉପରେ ବେଶି ସମୟ ଧରି ଘେରାବନ୍ଦୀ କରି ନ ଥିଲେ, ଠିକ୍‌ ଯେପରି ବାଇବଲ କହେ ।

୪-୧୦ ଅକ୍ଟୋବର

ବାଇବଲର ବହୁମୂଲ୍ୟ ଧନ ପାଆନ୍ତୁ | ଯିହୋଶୂୟ ୮-୯

“गिबोनियों की घटना से हम क्या-क्या सीखते हैं?”

इंसाइट-1 पेज 930-931

गिबोन

यहोशू के दिनों में। यहोशू के दिनों में गिबोनी लोग सात कनानी जातियों में से एक थे। यहोवा ने इन सबका नाश करने की आज्ञा दी थी। (व्य 7:1, 2; यह 9:3-7) मगर गिबोनी लोग बाकी कनानी जातियों से अलग थे। वे समझ गए कि वे इसराएलियों को हरा नहीं सकते, क्योंकि यहोवा उनकी तरफ से लड़ रहा था। गिबोनी लोगों के पास बहुत बड़ी सेना थी और उनका शहर भी बहुत बड़ा और मज़बूत था, फिर भी उन्होंने मान लिया कि वे इसराएलियों का मुकाबला नहीं कर सकते। इसलिए ऐ और यरीहो के नाश के बाद उन्होंने अपने कुछ आदमियों को यहोशू के पास भेजा ताकि वे उससे बिनती करें कि वे गिबोनी जाति का नाश न करें। गिबोनी आदमी फटे-पुराने कपड़े और जूते पहनकर गए और अपने साथ फटी हुई पुरानी मशकें और सूखी भुरभुरी रोटियाँ ले गए ताकि ऐसा लगे कि वे किसी दूर देश से आए हैं। उन्हें देखने पर ऐसा लगा जैसे वे वादा किए गए देश के बाहर से आए हैं और सात कनानी जातियों में से नहीं हैं। उन्होंने यहोशू के सामने माना कि मिस्र और अमोरी राजा सीहोन और ओग के साथ जो भी हुआ वह यहोवा की वजह से था। मगर उन्होंने यरीहो और ऐ के नाश की बात नहीं की ताकि यहोशू को शक न हो कि अगर वे “दूर देश” से आए हैं, तो उन्हें सीहोन और ओग के बारे में कैसे पता चला क्योंकि यह खबर दूर देश तक पहुँचने में काफी समय लगता।—यह 9:3-15.

प्र11 11/15 पेज 8 पै 14

“अपनी समझ का सहारा न लेना”

14 असिद्ध होने की वजह से हम सबको, जी हाँ अनुभवी प्राचीनों को भी, इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि फैसले लेते वक्‍त मार्गदर्शन के लिए यहोवा की ओर देखें। ध्यान दीजिए कि मूसा के बाद अगुवाई लेनेवाले यहोशू और इसराएल के दूसरे बुज़ुर्गों ने तब क्या किया जब चालाक गिबोनियों ने भेष बदलकर किसी दूर देश से आने का ढोंग किया। यहोशू और उसके साथियों ने यहोवा से पूछे बिना उनके साथ शांति की वाचा बाँधी। हालाँकि बाद में यहोवा ने उनके इस फैसले को कबूल किया और उनका साथ दिया लेकिन उन्होंने फैसला लेने से पहले यहोवा से ना पूछने की जो भूल की थी, उसे भी यहोवा ने शास्त्र में दर्ज़ करवाया।—यहो. 9:3-6, 14, 15.

प्र04 10/15 पेज 18 पै 14

‘इस देश में चल फिर’

14 उन दूतों ने कहा: “तेरे दास बहुत दूर के देश से तेरे परमेश्‍वर यहोवा का नाम सुनकर आए हैं।” (तिरछे टाइप हमारे; यहोशू 9:3-9) उनके कपड़ों और उनकी खाने की चीज़ों से वाकई ऐसा लग रहा था कि वे किसी दूर देश से आए हैं। लेकिन असल में गिबोन, गिलगाल के पास ही था, करीब 30 किलोमीटर दूर। [19] यहोशू और उसके प्रधानों ने गिबोनियों की बात पर यकीन कर लिया और उन्होंने गिबोन और उसके पड़ोसी शहरों के साथ दोस्ती की वाचा बाँधी। क्या गिबोनियों ने सिर्फ नाश होने से बचने के लिए यह चाल चली थी? नहीं, बल्कि वे इस्राएल के परमेश्‍वर का अनुग्रह पाना चाहते थे। यहोवा ने वाकई उन पर अनुग्रह किया, इसलिए वे इस्राएलियों की ‘मण्डली और यहोवा की वेदी के लिये लकड़हारे और पानी भरनेवाले’ बने। (यहोशू 9:11-27) उन्होंने बलिदान की वेदी पर जलाने के लिए लकड़ी जमा करने का काम किया। गिबोनियों ने यहोवा की सेवा में छोटे-छोटे काम भी करने के लिए तैयार रहने की यह भावना हमेशा बनाए रखी। शायद इनमें से कुछ लोग उन नतीनों में से थे, जिन्होंने बाबुल से लौटकर, दोबारा बनाए गए मंदिर में सेवा की। (एज्रा 2:1, 2, 43-54; 8:20) हम भी अगर परमेश्‍वर के साथ शांति बनाए रखने की कोशिश करें और उसकी सेवा में छोटे-छोटे काम करने को भी तैयार रहें तो हम गिबोनियों की मिसाल पर चल रहे होंगे।

ବହୁମୂଲ୍ୟ ରତ୍ନ

ଇନସାଇଟ୍‌-୧ ପୃ ୧୦୩୦

କାଠ ଖୁଣ୍ଟରେ କଣ୍ଟା ପିଟି ଦିଆଯାଉଥିଲା

ଇସ୍ରାଏଲୀୟମାନଙ୍କୁ ଯେଉଁ ବ୍ୟବସ୍ଥା ଦିଆଯାଇଥିଲା, ସେହି ବ୍ୟବସ୍ଥା ଅନୁସାରେ ଜଣେ ଅପରାଧୀକୁ ହତ୍ୟା କଲା ପରେ ତାʼ ଶବକୁ କାଠ ଖୁଣ୍ଟରେ କଣ୍ଟା ପିଟି ଦିଆଯାଉଥିଲା । ଏପରି ବିଶ୍ୱାସ କରାଯାଉଥିଲା ଯେ ଯେଉଁ ବ୍ୟକ୍ତିକୁ କାଠ ଖୁଣ୍ଟରେ କଣ୍ଟା ପିଟି ଦିଆଯାଉଥିଲା, ସେ ଈଶ୍ୱରଙ୍କ ତରଫରୁ ଶାପିତ ଅଟେ । ଶବକୁ କାଠ ଖୁଣ୍ଟରେ କଣ୍ଟା ପିଟିବା, ଲୋକମାନଙ୍କ ପାଇଁ ଚେତାବନୀ ଥିଲା ଯେ ସେମାନେ ଖରାପ କାମ ନ କରନ୍ତୁ ।

୧୧-୧୭ ଅକ୍ଟୋବର

ବାଇବଲର ବହୁମୂଲ୍ୟ ଧନ ପାଆନ୍ତୁ | ଯିହୋଶୂୟ ୧୦-୧୧

“यहोवा इसराएलियों की तरफ से लड़ा”

इंसाइट-1 पेज 50

अदोनी-सेदेक

अदोनी-सेदेक उन दिनों यरूशलेम का राजा था जब इसराएलियों ने वादा किए गए देश पर हमला किया। जब गिबोनी लोगों ने यहोशू से मेल-मिलाप कर लिया, तो अदोनी-सेदेक को चिंता होने लगी कि कहीं बाकी राज्य भी इसराएलियों की तरफ न हो जाएँ। इसलिए उसने चार राजाओं के साथ मिलकर गिबोनी लोगों से लड़ाई की।

इंसाइट-1 पेज 1020

ओले

यहोवा ने ओले बरसाए। यहोवा ने कभी-कभी अपने वादे पूरा करने और अपनी महा-शक्‍ति दिखाने के लिए ओले बरसाए थे। (निर्ग 9:18-26; भज 78:47, 48; 105:32, 33; 148:1, 8; यश 30:30) वादा किए गए देश में जब पाँच अमोरी राजाओं ने गिबोनी लोगों पर हमला किया और इसराएली युद्ध में गिबोनी लोगों की मदद करने गए, तो यहोवा ने अमोरी लोगों पर बड़े-बड़े ओले बरसाए। ओलों की वजह से मरनेवालों की गिनती युद्ध में मारे गए लोगों से ज़्यादा थी।

प्र04 12/1 पेज 11 पै 1

यहोशू किताब की झलकियाँ

10:13—यह हैरतअँगेज़ नज़ारा कैसे मुमकिन है? क्या आकाश और पृथ्वी के सिरजनहार “यहोवा के लिये कोई काम कठिन है?” (उत्पत्ति 18:14) वह चाहे तो पृथ्वी की परिक्रमा में इस तरह बदलाव कर सकता है कि इसके रहनेवालों को सूरज और चाँद थमे हुए नज़र आएँ। या फिर वह पृथ्वी और चाँद की परिक्रमा को बिना रोके, सूरज और चाँद से निकलनेवाली किरणों की दिशा यूँ मोड़ सकता है कि उनसे मिलनेवाला प्रकाश पृथ्वी पर हमेशा चमकता रहे। यहोवा ने चाहे जो भी किया हो मगर यह एक सच्चाई है कि इंसान के इतिहास में “न तो उस से पहिले कोई ऐसा दिन हुआ और न उसके बाद।”—यहोशू 10:14.

ବହୁମୂଲ୍ୟ ରତ୍ନ

ପ୍ର୦୯-ହି ୩/୧୫ ପୃ ୩୨ ¶୫

ପାଠକମାନଙ୍କ ପ୍ରଶ୍ନ

ଏହା ସତ ଯେ ବାଇବଲରେ ଅନ୍ୟ କିଛି ପୁସ୍ତକ କିମ୍ବା ସେଥିରେ ଦିଆଯାଇଥିବା ତଥ୍ୟଗୁଡ଼ିକ ବିଷୟରେ ଦିଆଯାଇଛି । ତାʼର ଅର୍ଥ ଏହା ନୁହେଁ ଯେ ସେହି ପୁସ୍ତକଗୁଡ଼ିକ ଈଶ୍ୱରଙ୍କ ପ୍ରେରଣାରେ ଲେଖା ଯାଇଥିଲା । ଯେଉଁ ପୁସ୍ତକଗୁଡ଼ିକରେ “ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ବାକ୍ୟ” ଅଛି, ସେଗୁଡ଼ିକୁ ଯିହୋବା ସୁରକ୍ଷିତ ରଖିଛନ୍ତି ଆଉ ସେସବୁ “ଅନନ୍ତକାଳସ୍ଥାୟୀ” ରହିବ । (ଯିଶା. ୪୦:୮) ସେ ବାଇବଲରେ ୬୬ଟି ବହିଗୁଡ଼ିକରେ ଯେଉଁ ତଥ୍ୟ ଦେଇଛନ୍ତି, ତାହା ଆମ ପାଇଁ “ସିଦ୍ଧ ହୋଇ ସମସ୍ତ ଉତ୍ତମ କାର୍ଯ୍ୟ ନିମନ୍ତେ ସୁସଜ୍ଜିତ” ହେବା ପାଇଁ ଯଥେଷ୍ଟ ଅଟେ ।—୨ ତୀମ. ୩:୧୬, ୧୭.

୧୮-୨୪ ଅକ୍ଟୋବର

ବାଇବଲର ବହୁମୂଲ୍ୟ ଧନ ପାଆନ୍ତୁ | ଯିହୋଶୂୟ ୧୨-୧୪

“पूरे दिल से यहोवा की बात मानिए”

प्र04 12/1 पेज 12 पै 3

यहोशू किताब की झलकियाँ

यहोशू 14:10-13 कालेब 85 साल का होते हुए भी गुज़ारिश करता है कि हेब्रोन के इलाके से लोगों को बेदखल करने का मुश्‍किल काम उसे दिया जाए। इस इलाके में अनाकी जाति के लोग रहते हैं जो डील-डौल में लंबे-चौड़े और ताकतवर हैं। लेकिन यहोवा की मदद से यह अनुभवी योद्धा कामयाबी हासिल करता है, और हेब्रोन एक शरणनगर बन जाता है। (यहोशू 15:13-19; 21:11-13) कालेब का यह उदाहरण हमें उकसाता है कि हमें परमेश्‍वर की सेवा में मुश्‍किल ज़िम्मेदारियाँ हाथ में लेने से कभी कतराना नहीं चाहिए।

प्र06 10/1 पेज 19 पै 11

विश्‍वास और परमेश्‍वर के भय के ज़रिए साहसी बनना

11 सच्चा विश्‍वास बढ़ता जाता है। और ऐसा तब होता है, जब हम सच्चाई को अपनी ज़िंदगी में लागू करते हैं, उसके फायदों को ‘चखते’ (फुटनोट) हैं, और ‘देखते’ हैं कि हमें अपनी प्रार्थनाओं का जवाब मिला है। साथ ही, दूसरे तरीकों से हम महसूस करते हैं कि यहोवा हमें ज़िंदगी में राह दिखा रहा है। (भजन 34:8; 1 यूहन्‍ना 5:14, 15) हम इस बात का पूरा यकीन रख सकते हैं कि परमेश्‍वर की भलाई को चखकर यहोशू और कालेब का विश्‍वास और भी मज़बूत हुआ होगा। (यहोशू 23:14) गौर कीजिए कि उन्हें क्या-क्या आशीषें मिलीं: परमेश्‍वर के वादे के मुताबिक, वे दोनों 40 साल तक विराने में भटकने के बाद भी ज़िंदा बचे। (गिनती 14:27-30; 32:11, 12) जब इस्राएल जाति ने कनान देश पर अपना कब्ज़ा करने के लिए छः साल तक लड़ाई की, तो उसमें यहोशू और कालेब ने अहम भूमिका निभायी। आखिरकार, उन दोनों ने लंबी उम्र और अच्छी सेहत का लुत्फ उठाया, यहाँ तक कि उन्हें विरासत में अलग-से ज़मीन भी दी गयी। वाकई, यहोवा अपने वफादार और साहसी सेवकों को क्या ही भरपूर आशीषें देता है!—यहोशू 14:6, 9-14; 19:49, 50; 24:29.

ବହୁମୂଲ୍ୟ ରତ୍ନ

ଇନସାଇଟ୍‌-୧ ପୃ ୯୦୨-୯୦୩

ଗବାଲ

ଯିହୋବା ଇସ୍ରାଏଲୀୟମାନଙ୍କୁ କହିଥିଲେ ଯେ ସେମାନେ କେଉଁ କେଉଁ ଦେଶକୁ କବଜା କରିବେ । ସେମଧ୍ୟରୁ ଗୋଟିଏ ଥିଲା, “ଗିବ୍‌ଲୀୟମାନଙ୍କ ଦେଶ ।” (ଯିହୋ ୧୩:୧-୫) କିଛି ଲୋକ କହନ୍ତି ଯେ ଏହି ପଦରେ ଭୁଲରେ ଗିବ୍‌ଲୀୟମାନଙ୍କ ଦେଶ ଲେଖା ହୋଇଛି । କାରଣ ଏହି ସହର ଇସ୍ରାଏଲରୁ ବହୁତ ଦୂରରେ ଉତ୍ତରରେ ଥିଲା । (ଦାନରୁ ପ୍ରାୟ ୧୦୦ କିଲୋମିଟର ଉତ୍ତରରେ) ସେମାନେ କହନ୍ତି ଯେ ଏହି କାରଣରୁ ଇସ୍ରାଏଲୀୟମାନେ ଗିବ୍‌ଲୀୟମାନଙ୍କ ଦେଶକୁ କେବେ ବି କବଜା କରି ନ ଥିଲେ । ବାଇବଲର ଅଧ୍ୟୟନ କରୁଥିବା କିଛି ଲୋକ ଏହା ବି କହନ୍ତି ଯେ ଆରମ୍ଭରେ ଗ୍ରୀକ୍‌ର ଏହି ପଦ ହୁଏତ ଏପରି ଲେଖାଥିଲା, “ଲିବାଲୋନ୍‌ମାନଙ୍କ ଦେଶ” କିମ୍ବା “ଗିବ୍‌ଲୀୟମାନଙ୍କ ଦେଶର ସୀମା ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ।” ପରେ ଏହି ଶବ୍ଦକୁ ହଟାଇ ଦିଆଗଲା । କିନ୍ତୁ ଆମେ ମନେ ରଖିବା ଉଚିତ୍‌ ଯେ ଯିହୋଶୂୟ ୧୩:୨-୭ରେ ଯିହୋବା ଇସ୍ରାଏଲୀୟମାନଙ୍କୁ ଯେଉଁ ଦେଶ ଦେବା ପାଇଁ ପ୍ରତିଜ୍ଞା କରିଥିଲେ, ତାହା ସେମାନଙ୍କୁ ଆଜ୍ଞା ପାଳନ କଲେ ମିଳିଥାʼନ୍ତା । ସେମାନେ ଯିହୋବାଙ୍କ ଆଜ୍ଞା ଭାଙ୍ଗିବା ଯୋଗୁଁ ଇସ୍ରାଏଲୀୟମାନଙ୍କୁ ଗିବ୍‌ଲୀୟମାନଙ୍କ ଦେଶ ମିଳିଲା ନାହିଁ ।—ଯିହୋ ୨୩:୧୨, ୧୩ ସହ ତୁଳନା କରନ୍ତୁ ।

୨୫-୩୧ ଅକ୍ଟୋବର

ବାଇବଲର ବହୁମୂଲ୍ୟ ଧନ ପାଆନ୍ତୁ | ଯିହୋଶୂୟ ୧୫-୧୭

“एक अनमोल विरासत पाने का मौका मत गँवाइए”

इंसाइट-1 पेज 1083 पै 3

हेब्रोन

इसराएलियों ने यहोशू के निर्देश में हेब्रोन पर कब्ज़ा कर लिया था, मगर ऐसा मालूम पड़ता है कि उन्होंने उस इलाके की रक्षा करने के लिए वहाँ सैनिक तैनात नहीं किए। शायद इसराएली जब दूसरे इलाकों पर कब्ज़ा करने के लिए वहाँ युद्ध कर रहे थे, तो अनाकी लोगों ने फिर से हेब्रोन पर कब्ज़ा कर लिया। शुरू में हेब्रोन शहर कालेब को विरासत में दिया गया था, इसलिए कालेब को (या कालेब के निर्देश में यहूदा के वंशजों को) वह शहर अनाकी लोगों के हाथ से छुड़ाना था।—यह 11:21-23; 14:12-15; 15:13,14; न्या 1:10.

इंसाइट-1 पेज 848

जबरन मज़दूरी

यहोवा ने इसराएलियों से कहा था कि जब वे वादा किए गए देश में जाएँगे, तो वहाँ से सभी कनानी लोगों को भगा दें और उनका नाश कर दें। मगर इसराएलियों ने यहोवा की बात नहीं मानी। उन्होंने कुछ कनानी लोगों को छोड़ दिया और उन्हें दास बना लिया। इसका अंजाम बहुत बुरा हुआ। कनानी लोगों ने इसराएलियों को झूठे देवताओं की पूजा करने के लिए लुभा लिया।—यह 16:10; न्या 1:28; 2:3, 11, 12.

इंसाइट-1 पेज 402 पै 3

कनान

यह सच है कि जब इसराएलियों ने कनानी जातियों का नाश किया, तो उसके बाद भी बहुत-से कनानी लोग बच गए। फिर भी हम कह सकते हैं कि “यहोवा ने इसराएलियों को वह सारा देश दिया, जिसे देने का वादा उसने उनके पुरखों से किया था।” उसने उन्हें “चारों तरफ से चैन दिया” और “इसराएल के घराने से जितने भी बेहतरीन वादे किए थे वे सब-के-सब पूरे हुए, एक भी वादा बिना पूरा हुए नहीं रहा।” (यह 21:43-45) इसराएल देश के चारों तरफ जितने भी दुश्‍मन थे वे इसराएलियों से डरते थे और जब तक इसराएली यहोवा की बात मानते तब तक उन्हें दुश्‍मनों से कोई खतरा नहीं था । कनानी लोगों के पास युद्ध के बहुत खतरनाक हथियार थे। उनके युद्ध-रथों के पहियों में तलवारें लगी होती थीं। (यह 17:16-18; न्या 4:13) फिर भी यहोवा ने इसराएलियों को भरोसा दिलाया कि जीत उन्हीं की होगी। जब भी इसराएली कनानी लोगों से हारे, तो इसका यह मतलब नहीं था कि यहोवा ने अपना वादा नहीं निभाया । कसूर इसराएलियों का ही था । यहोवा की आज्ञा तोड़ने की वजह से वे हार जाते थे।—गि 14:44, 45; यह 7:1-12.

ବହୁମୂଲ୍ୟ ରତ୍ନ

ପ୍ର୧୫-ହି ୭/୧୫ ପୃ ୩୨

କʼଣ ଆପଣ ଜାଣିଥିଲେ ?

ବାଇବଲରେ ଯେପରି କୁହାଯାଇଛି କʼଣ ପ୍ରାଚୀନ ଇସ୍ରାଏଲରେ ସେପରି ଘଞ୍ଚ ଜଙ୍ଗଲ ଥିଲା ?

ବାଇବଲ କହେ ଯେ ପ୍ରତିଜ୍ଞାତ ଦେଶର କିଛି ଅଞ୍ଚଳରେ ଜଙ୍ଗଲ ଥିଲା ଏବଂ ଗଛଗୁଡ଼ିକର “ବାହୁଲ୍ୟ” ବା ବହୁତ ଗଛ ଥିଲା । (୧ରାଜା ୧୦:୨୭; ଯିହୋ ୧୭:୧୫, ୧୮) କିନ୍ତୁ ଆଜି ସେହି ଦେଶଗୁଡ଼ିକର ଅଧିକାଂଶ ଅଞ୍ଚଳରେ ଗଛ ଦେଖିବାକୁ ମିଳେନି । ତେଣୁ କିଛି ଲୋକ ହୁଏତ ସନ୍ଦେହ କରିପାରନ୍ତି, କʼଣ ପ୍ରକୃତରେ ସେଠାରେ ଜଙ୍ଗଲ ଥିଲା ।

ବାଇବଲର ଇସ୍ରାଏଲରେ ଜୀବନ (ଇଂରାଜୀ) ବହି କହେ ଯେ “ଆଜି ଅପେକ୍ଷା ପ୍ରାଚୀନ କାଳର ଇସ୍ରାଏଲରେ ଅଧିକ ଜଙ୍ଗଲ ଥିଲା ।” ପାହାଡ଼ିଆ ଅଞ୍ଚଳର ଜଙ୍ଗଲଗୁଡ଼ିକରେ ଅଧିକ ମାତ୍ରାରେ ଝାଉଁ ଗଛ (ପାଇନସ ହେଲେପ୍ୟେନସିସ) ବାରମାସୀ ଫୁଲ (କ୍ୱାରକସ କ୍ୟେଲିପ୍ରିନୋସ) ଆଉ ଓକ ଗଛ (ପିସଟାକିଆ ପ୍ୟେଲେସାଟିନା) ଥିଲା । ବଡ଼ ବଡ଼ ପାହାଡ଼ ଓ ଭୂମଧ୍ୟ ସାଗର ମଝିରେ ଛୋଟ ଛୋଟ ପାହାଡ଼ିଆ ଅଞ୍ଚଳରେ ଡିମ୍ବିରି ଗଛ (ଫିକସ ସାଇକୋମୋରସ) ଅଧିକ ମାତ୍ରାରେ ଥିଲା । ଏହି ଅଞ୍ଚଳକୁ ସିଫେଲା ନାମରେ ଜଣାଯାଏ ।

ବାଇବଲ ସମୟର ଗଛଲତା (ଇଂରାଜୀ) ବହି କହେ ଯେ ଆଜି ଇସ୍ରାଏଲ ଦେଶର କିଛି ଅଞ୍ଚଳଗୁଡ଼ିକରେ ଗଛଲତା ବିଲକୁଲ ବି ନାହିଁ । ଏପରି କେମତି ହେଲା ? ବହି କହେ ଯେ ଏହା ତୁରନ୍ତ ହୋଇ ନ ଥିଲା, ସମୟ ଅନୁସାରେ ଧିରେ ଧିରେ ଏପରି ହେଲା । ବହି ଏହା ବି କହେ ଯେ ‘ଲୋକମାନେ ଗଛଲତା କାଟୁଛନ୍ତି । ସେମାନେ ଚାଷ ଜମି ଓ ଗୋଚର ଭୂମିର ଅଞ୍ଚଳ ବଢ଼ାଇବା ପାଇଁ, ତାʼସହ ଘର ତିଆରି କରିବା ପାଇଁ କାଠ ଓ ନିଆଁ ଜାଳିବା ପାଇଁ ଲଗାତାର ଗଛ କଟା ଯାଉଛି ।’

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