15 मैं चाहता तो अपना हाथ बढ़ाकर तुझ पर और तेरे लोगों पर कोई महामारी लाता और अब तक धरती से तेरा नामो-निशान मिटा चुका होता। 16 मगर मैंने तुझे इसलिए ज़िंदा रहने दिया है ताकि तुझे अपनी शक्ति दिखा सकूँ और पूरी धरती पर अपने नाम का ऐलान करा सकूँ।+
17 इसलिए कि शास्त्रवचन फिरौन के बारे में कहता है, “मैंने तुझे इसलिए ज़िंदा छोड़ा है ताकि तेरे मामले में अपनी शक्ति दिखाऊँ और पूरी धरती पर अपने नाम का ऐलान करा सकूँ।”+