23 कई सालों* बाद मिस्र का राजा मर गया,+ मगर इसराएली अब भी गुलाम थे और उन पर इतने ज़ुल्म ढाए जाते थे कि वे आहें भर-भरकर जीते थे। वे मदद के लिए दिन-रात सच्चे परमेश्वर से फरियाद करते और उसकी दुहाई देते थे।+
7 फिर यहोवा ने उससे कहा, “मैंने बेशक देखा है कि मिस्र में मेरे लोग कितनी दुख-तकलीफें झेल रहे हैं। मैंने उनका रोना-बिलखना सुना है क्योंकि मिस्र में उनसे जबरन मज़दूरी करवायी जा रही है। मैं अपने लोगों का दुख अच्छी तरह समझ सकता हूँ।+