25 उस वक्त यीशु ने कहा, “हे पिता, स्वर्ग और पृथ्वी के मालिक, मैं सबके सामने तेरी बड़ाई करता हूँ कि तूने ये बातें बुद्धिमानों और ज्ञानियों से तो छिपाए रखीं, मगर नन्हे-मुन्नों पर प्रकट की हैं।+
20 तू ठीक कह रहा है! मगर उन्हें इसलिए तोड़ा गया क्योंकि उनमें विश्वास की कमी थी,+ पर तू अपने विश्वास की वजह से कायम है।+ घमंड करना बंद कर, बल्कि सावधान रह।
16 दूसरों के बारे में वैसा ही नज़रिया रखो जैसा तुम खुद के बारे में रखते हो। बड़ी-बड़ी बातों के बारे में मत सोचो,* बल्कि जिन बातों को छोटा और मामूली समझा जाता है उनमें लगे रहो।+ खुद को बड़ा बुद्धिमान मत समझो।+
26 भाइयो, तुम अपने ही मामले में देख सकते हो कि परमेश्वर ने जिन्हें बुलाया है, उनमें ज़्यादातर ऐसे नहीं जो इंसान की नज़र में* बुद्धिमान हैं,+ ताकतवर हैं या ऊँचे खानदान में पैदा हुए हैं।+