27 लेकिन क्या परमेश्वर वाकई धरती पर निवास करेगा?+ देख, तू तो आकाश में, हाँ, विशाल आकाश में भी नहीं समा सकता।+ फिर यह भवन क्या है जो मैंने बनाया है, कुछ भी नहीं!+
11 हे यहोवा, महानता,+ ताकत,+ सौंदर्य, वैभव और प्रताप* तेरा ही है+ क्योंकि आकाश और धरती पर जो कुछ है, सब तेरा है।+ हे यहोवा, राज तेरा है।+ तू ऐसा परमेश्वर है जिसने खुद को सबसे ऊँचा किया है, तू परम-प्रधान है।