20 इसके बाद उसने कहा, “इंसान के अंदर से जो निकलता है, वही उसे दूषित करता है।+ 21 क्योंकि इंसानों के अंदर से, उनके दिलों से+ ही बुरे विचार निकलते हैं। इनकी वजह से नाजायज़ यौन-संबंध, चोरी, कत्ल, 22 व्यभिचार, लालच, दुष्ट काम, धोखाधड़ी, निर्लज्ज काम, ईर्ष्या, निंदा, घमंड और मूर्खता की जाती है।