14 तुम किसी और देवता के आगे झुककर उसे दंडवत मत करना,+ क्योंकि यहोवा यह माँग करने के लिए जाना जाता है* कि सिर्फ उसी की भक्ति की जाए।* हाँ, वह ऐसा परमेश्वर है जो माँग करता है कि सिर्फ उसी की भक्ति की जाए, किसी और की नहीं।+
22 जो काँटों के बीच बोया गया है, यह वह इंसान है जो वचन को सुनता तो है, मगर इस ज़माने की ज़िंदगी की चिंता+ और धोखा देनेवाली पैसे की ताकत* वचन को दबा देती है और वह* फल नहीं देता।+
13 कोई भी दास दो मालिकों की सेवा नहीं कर सकता। क्योंकि या तो वह एक से नफरत करेगा और दूसरे से प्यार या वह एक से जुड़ा रहेगा और दूसरे को तुच्छ समझेगा। तुम परमेश्वर के दास होने के साथ-साथ धन-दौलत की गुलामी नहीं कर सकते।”+