28 मैं तुमसे सच कहता हूँ, इंसानों की सब बातें माफ की जाएँगी, फिर चाहे उन्होंने जो भी पाप किए हों और जो भी निंदा की बातें कही हों। 29 मगर जो कोई पवित्र शक्ति के खिलाफ निंदा की बातें कहेगा, उसे कभी माफ नहीं किया जाएगा,+ बल्कि वह ऐसे पाप का दोषी होगा जो कभी नहीं मिटेगा।”+