18 “देखो! मेरा सेवक+ जिसे मैंने चुना है। मेरा प्यारा, जिसे मैंने मंज़ूर किया है!+ मैं उस पर अपनी पवित्र शक्ति उँडेलूँगा+ और वह राष्ट्रों को साफ-साफ दिखाएगा कि सच्चा न्याय क्या होता है।
5 वह बोल ही रहा था कि तभी एक उजला बादल उन पर छा गया और देखो! उस बादल में से यह आवाज़ आयी,+ “यह मेरा प्यारा बेटा है जिसे मैंने मंज़ूर किया है।+ इसकी सुनो।”+
22 और परमेश्वर की पवित्र शक्ति कबूतर जैसे आकार में उसके ऊपर उतरी और स्वर्ग से यह आवाज़ सुनायी दी: “तू मेरा प्यारा बेटा है। मैंने तुझे मंज़ूर किया है।”+
17 इसलिए कि उसने परमेश्वर यानी हमारे पिता से आदर और महिमा पायी, जब उस महाप्रतापी ने उससे यह कहा,* “यह मेरा प्यारा बेटा है जिसे मैंने खुद मंज़ूर किया है।”+18 हाँ, हमने आकाश से ये शब्द उस वक्त सुने थे जब हम उसके साथ पवित्र पहाड़ पर थे।