18 मगर मैं पूछता हूँ, क्या उन्होंने संदेश नहीं सुना? बेशक सुना क्योंकि लिखा है, “संदेश सुनानेवालों की आवाज़ सारी धरती पर गूँज उठी और उनका संदेश धरती के कोने-कोने तक पहुँचा।”+
6 फिर मैंने एक और स्वर्गदूत को देखा जो आकाश के बीचों-बीच* उड़ रहा था और उसके पास सदा तक कायम रहनेवाली खुशखबरी थी ताकि वह इसे धरती पर रहनेवालों को यानी हर राष्ट्र, गोत्र, भाषा* और जाति के लोगों को सुनाए।+