16 मगर वे सच्चे परमेश्वर के दूतों का मज़ाक उड़ाते रहे,+ उसकी बातों को तुच्छ समझा+ और उसके भविष्यवक्ताओं की खिल्ली उड़ाते रहे।+ ऐसा वे तब तक करते रहे जब तक कि यहोवा का क्रोध अपने लोगों पर भड़क न उठा+ और उनके चंगे होने की कोई गुंजाइश नहीं बची।
12 तब तुम मगन होना और खुशियाँ मनाना+ इसलिए कि स्वर्ग में तुम्हारे लिए बड़ा इनाम है।+ उन्होंने तुमसे पहले के भविष्यवक्ताओं पर भी इसी तरह ज़ुल्म ढाए थे।+
52 ऐसा कौन-सा भविष्यवक्ता हुआ है जिस पर तुम्हारे पुरखों ने ज़ुल्म नहीं ढाए?+ हाँ, उन्होंने उन लोगों को मार डाला जिन्होंने पहले से उस नेक जन के आने का ऐलान किया था।+ और अब तुमने भी उसके साथ विश्वासघात किया और उसका खून कर दिया।+