2 इसलिए जब तू दान दे,+ तो अपने आगे-आगे तुरही न बजवा, जैसे कपटी सभा-घरों और गलियों में बजवाते हैं ताकि लोग उनकी वाह-वाही करें।+ मैं तुमसे सच कहता हूँ, वे अपना पूरा फल पा चुके हैं।
25 मगर अब्राहम ने कहा, ‘बच्चे, याद कर कि तूने अपनी सारी ज़िंदगी बढ़िया-बढ़िया चीज़ों का खूब मज़ा लिया, मगर लाज़र ने दुख-ही-दुख झेला। लेकिन अब वह यहाँ आराम से है जबकि तू तड़प रहा है।+