20 इसके बजाय, अपने लिए स्वर्ग में धन जमा करो,+ जहाँ न तो कीड़ा, न ही ज़ंग उसे खाते हैं+ और न चोर सेंध लगाकर चुराते हैं। 21 क्योंकि जहाँ तेरा धन होगा, वहीं तेरा मन होगा।
9 मैं तुमसे यह भी कहता हूँ, इस दुष्ट दुनिया की दौलत+ से अपने लिए दोस्त बना लो ताकि जब यह दौलत न रहे, तो ये दोस्त तुम्हें उन जगहों में ले लें जो हमेशा बनी रहेंगी।+
18 उनसे यह भी कह कि वे भले काम करें और भले कामों में धनी बनें, दरियादिल हों और जो उनके पास है वह दूसरों को देने के लिए तैयार रहें।+19 इस तरह वे मानो परमेश्वर की नज़र में खज़ाना जमा कर रहे होंगे, यानी भविष्य के लिए एक बढ़िया नींव डाल रहे होंगे+ ताकि असली ज़िंदगी पर अपनी पकड़ मज़बूत कर सकें।+