7 उस पर अत्याचार किए गए,+ पर उसने सबकुछ सह लिया,+
अपने मुँह से एक शब्द नहीं निकाला।
वह भेड़ की तरह बलि होने के लिए लाया गया।+
जैसे मेम्ना अपने ऊन कतरनेवाले के सामने चुपचाप रहता है,
वैसे ही उसने अपने मुँह से एक शब्द नहीं निकाला।+
8 ज़ुल्म और अन्याय से उसकी जान ले ली गयी।
मगर क्या किसी ने यह जानना चाहा कि वह कौन है, कहाँ से आया है?
उसे दुनिया से मिटा दिया गया,+
मेरे लोगों के अपराधों के लिए उसे मार डाला गया।+
9 उसने कोई बुराई नहीं की,
न उसके मुँह से छल की बातें निकलीं,+
फिर भी उसे दुष्टों के साथ कब्र में दफनाया गया,+
जब उसकी मौत हुई, तो उसे अमीरों के साथ गाड़ा गया।+