17 अगर हमें आग के भट्ठे में फेंक दिया जाना है, तो यही सही। हमारा परमेश्वर, जिसकी हम सेवा करते हैं, हमें उस भट्ठे से और तेरे हाथ से छुड़ाने की ताकत रखता है।+ 18 लेकिन अगर वह हमें नहीं छुड़ाता, तो भी हे राजा, हम न तेरे देवताओं की सेवा करेंगे, न ही तेरी खड़ी करायी मूरत की पूजा करेंगे।”+