28 जो चोरी करता है वह अब से चोरी न करे। इसके बजाय, वह कड़ी मेहनत करे और अपने हाथों से ईमानदारी का काम करे+ ताकि किसी ज़रूरतमंद को देने के लिए उसके पास कुछ हो।+
11 और जैसा हमने तुम्हें हिदायत दी थी, तुम अपना यह लक्ष्य बना लो कि तुम शांति से जीवन बिताओगे,+ अपने काम से काम रखोगे+ और अपने हाथों से मेहनत करोगे+12 ताकि तुम बाहरवालों की नज़र में शराफत से जीनेवाले ठहरो+ और तुम्हें किसी चीज़ की कमी न हो।
7 तुम खुद जानते हो कि तुम्हें कैसे हमारी मिसाल पर चलना चाहिए,+ क्योंकि हम तुम्हारे बीच रहते वक्त बेकायदा नहीं चले, 8 न ही हमने मुफ्त की* रोटी तोड़ी।+ इसके बजाय, हम रात-दिन कड़ी मेहनत और संघर्ष करते थे ताकि तुममें से किसी पर भी खर्चीला बोझ न बनें।+