3 जब वह दमिश्क पहुँचनेवाला था, तो रास्ते में अचानक उसके चारों तरफ आकाश से रौशनी चमक उठी।+ 4 तब वह ज़मीन पर गिर पड़ा और उसने एक आवाज़ सुनी जो उससे कह रही थी, “शाऊल, शाऊल, तू क्यों मुझ पर ज़ुल्म कर रहा है?” 5 शाऊल ने कहा, “हे प्रभु, तू कौन है?” उसने कहा, “मैं यीशु हूँ,+ जिस पर तू ज़ुल्म कर रहा है।+