7 इसलिए जिसका जो हक बनता है वह उसे दो। जो कर की माँग करता है उसे कर चुकाओ।+ जो महसूल की माँग करता है उसे महसूल दो। जिससे डरना चाहिए उससे डरो,+ जिसे आदर देना चाहिए उसे आदर दो।+
22 हे दासो, जो दुनिया में तुम्हारे मालिक हैं हर बात में उनकी आज्ञा मानो,+ सिर्फ तब नहीं जब वे तुम्हें देख रहे हों, मानो तुम इंसानों को खुश करना चाहते हो, बल्कि मन की सीधाई से और यहोवा* का डर मानते हुए ऐसा करो।