20 मैंने जो बात तुमसे कही थी, उसे याद रखो। एक दास अपने मालिक से बड़ा नहीं होता। अगर उन्होंने मुझे सताया है तो तुम्हें भी सताएँगे।+ अगर उन्होंने मेरी बात मानी है तो तुम्हारी भी मानेंगे।
22 वहाँ उन्होंने चेलों की हिम्मत बँधायी+ और यह कहकर उन्हें अपना विश्वास मज़बूत बनाए रखने का बढ़ावा दिया, “हमें बहुत तकलीफें झेलकर ही परमेश्वर के राज में दाखिल होना है।”+