23 मगर मैं अपने शरीर* में दूसरे कानून को काम करता हुआ पाता हूँ, जो मेरे सोच-विचार पर राज करनेवाले कानून से लड़ता है+ और मुझे पाप के उस कानून का गुलाम बना लेता है+ जो मेरे शरीर* में है।
17 इसलिए कि पापी शरीर की इच्छाएँ, पवित्र शक्ति के खिलाफ होती हैं और पवित्र शक्ति, शरीर के खिलाफ है। ये दोनों एक-दूसरे के विरोध में हैं इसलिए जो तुम करना चाहते हो वही तुम नहीं करते।+
11 प्यारे भाइयो, मैं तुमसे गुज़ारिश करता हूँ कि इस दुनिया में परदेसियों और प्रवासियों की तरह+ जीते हुए शरीर की इच्छाओं से खुद को दूर रखो,+ जो तुम पर हावी होने की कोशिश करती हैं।+