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  • 1 कुरिंथियों 3
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1 कुरिंथियों का सारांश

      • कुरिंथ के लोगों की दुनियावी सोच (1-4)

      • परमेश्‍वर बढ़ाता है (5-9)

        • परमेश्‍वर के सहकर्मी (9)

      • आग में टिकनेवाली चीज़ों से बनाना (10-15)

      • तुम परमेश्‍वर का मंदिर हो (16, 17)

      • दुनिया की बुद्धि मूर्खता है (18-23)

1 कुरिंथियों 3:1

फुटनोट

  • *

    शा., “शारीरिक।”

संबंधित आयतें

  • +1कुर 2:15; कुल 1:9
  • +1कुर 14:20

1 कुरिंथियों 3:2

संबंधित आयतें

  • +इब्र 5:12-14

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    1/1/1996, पेज 29

1 कुरिंथियों 3:3

संबंधित आयतें

  • +रोम 8:7, 8
  • +गल 5:19, 20

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    1/1/1992, पेज 24-25

1 कुरिंथियों 3:4

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 18:24, 25

1 कुरिंथियों 3:5

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  • +2कुर 3:5, 6; कुल 1:23; 1ती 1:12

1 कुरिंथियों 3:6

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  • +प्रेष 18:4
  • +प्रेष 18:26-28; 19:1

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    7/2021, पेज 3

    प्रहरीदुर्ग,

    7/15/1999, पेज 12

    10/1/1996, पेज 22

    राज-सेवा,

    9/1991, पेज 3

1 कुरिंथियों 3:7

संबंधित आयतें

  • +रोम 9:16

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    7/15/2008, पेज 12, 16

1 कुरिंथियों 3:8

फुटनोट

  • *

    या “उनका एक ही मकसद है।”

संबंधित आयतें

  • +रोम 2:6; 1कुर 4:5; प्रक 22:12

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    5/2018, पेज 15

    परमेश्‍वर का राज हुकूमत कर रहा है!, पेज 92

    प्रहरीदुर्ग,

    7/15/2008, पेज 13-14

    त्रियेक, पेज 24

1 कुरिंथियों 3:9

संबंधित आयतें

  • +इफ 2:22; 1पत 2:5

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  • खोजबीन गाइड

    मेरा चेला बन जा, पेज 132

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    7/2021, पेज 3

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 21

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    8/2018, पेज 23

    प्रहरीदुर्ग,

    11/15/2012, पेज 17

    7/15/1999, पेज 12

    11/1/1998, पेज 8

1 कुरिंथियों 3:10

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  • +रोम 15:20; इब्र 6:1

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    7/15/1999, पेज 13

    11/1/1998, पेज 8-10, 14-15

1 कुरिंथियों 3:11

संबंधित आयतें

  • +भज 118:22; यश 28:16; मत 21:42; इफ 2:20; 1पत 2:6

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    7/15/1999, पेज 13-14

    11/1/1998, पेज 9-10

    5/1/1992, पेज 27-28

1 कुरिंथियों 3:12

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    7/15/1999, पेज 12-13

    11/1/1998, पेज 10-12

    5/1/1992, पेज 29

    पारिवारिक सुख, पेज 55

1 कुरिंथियों 3:13

संबंधित आयतें

  • +1पत 4:12

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    7/15/1999, पेज 12-13

    12/15/1998, पेज 30

    11/1/1998, पेज 10-11

    5/1/1992, पेज 30

1 कुरिंथियों 3:14

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    11/1/1998, पेज 11

    5/1/1992, पेज 30

1 कुरिंथियों 3:15

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    11/1/1998, पेज 11, 13

1 कुरिंथियों 3:16

संबंधित आयतें

  • +2कुर 6:16; इफ 2:21; 1पत 2:5
  • +1कुर 6:19

1 कुरिंथियों 3:17

संबंधित आयतें

  • +1पत 2:5

1 कुरिंथियों 3:18

फुटनोट

  • *

    या “दुनिया की व्यवस्था।” शब्दावली देखें।

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    12/1/1992, पेज 20

1 कुरिंथियों 3:19

संबंधित आयतें

  • +अय 5:13

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    5/2019, पेज 21-25

1 कुरिंथियों 3:20

फुटनोट

  • *

    अति. क5 देखें।

संबंधित आयतें

  • +भज 94:11

1 कुरिंथियों 3:22

फुटनोट

  • *

    पतरस भी कहलाता था।

संबंधित आयतें

  • +1कुर 1:12

1 कुरिंथियों 3:23

संबंधित आयतें

  • +यूह 17:9; 2कुर 10:7

दूसरें अनुवाद

मिलती-जुलती आयतें देखने के लिए किसी आयत पर क्लिक कीजिए।

दूसरी

1 कुरिं. 3:11कुर 2:15; कुल 1:9
1 कुरिं. 3:11कुर 14:20
1 कुरिं. 3:2इब्र 5:12-14
1 कुरिं. 3:3रोम 8:7, 8
1 कुरिं. 3:3गल 5:19, 20
1 कुरिं. 3:4प्रेष 18:24, 25
1 कुरिं. 3:52कुर 3:5, 6; कुल 1:23; 1ती 1:12
1 कुरिं. 3:6प्रेष 18:4
1 कुरिं. 3:6प्रेष 18:26-28; 19:1
1 कुरिं. 3:7रोम 9:16
1 कुरिं. 3:8रोम 2:6; 1कुर 4:5; प्रक 22:12
1 कुरिं. 3:9इफ 2:22; 1पत 2:5
1 कुरिं. 3:10रोम 15:20; इब्र 6:1
1 कुरिं. 3:11भज 118:22; यश 28:16; मत 21:42; इफ 2:20; 1पत 2:6
1 कुरिं. 3:131पत 4:12
1 कुरिं. 3:162कुर 6:16; इफ 2:21; 1पत 2:5
1 कुरिं. 3:161कुर 6:19
1 कुरिं. 3:171पत 2:5
1 कुरिं. 3:19अय 5:13
1 कुरिं. 3:20भज 94:11
1 कुरिं. 3:221कुर 1:12
1 कुरिं. 3:23यूह 17:9; 2कुर 10:7
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
  • नयी दुनिया अनुवाद (nwt) में पढ़िए
  • नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र (bi7) में पढ़िए
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
1 कुरिंथियों 3:1-23

कुरिंथियों के नाम पहली चिट्ठी

3 इसलिए भाइयो, मैं तुमसे ऐसे बात नहीं कर सका जैसे परमेश्‍वर की सोच रखनेवालों से की जाती है,+ बल्कि मुझे ऐसे बात करनी पड़ी जैसे दुनियावी* सोच रखनेवालों से की जाती है और जो मसीह में दूध-पीते बच्चे हैं।+ 2 मैंने तुम्हें दूध ही दिया, न कि ठोस खाना क्योंकि तुम उस वक्‍त उसे पचाने के काबिल नहीं थे। दरअसल तुम अब भी काबिल नहीं हो+ 3 क्योंकि तुम अब तक दुनियावी हो।+ तुम्हारे बीच जलन है और झगड़े होते हैं, इसलिए क्या तुम दुनियावी लोगों जैसे नहीं हो+ और क्या तुम इंसानों जैसी चाल नहीं चल रहे? 4 जब कोई कहता है, “मैं पौलुस का चेला हूँ,” और दूसरा कहता है, “मैं अपुल्लोस+ का हूँ,” तो क्या तुम दुनियावी लोगों जैसा बरताव नहीं कर रहे?

5 अपुल्लोस क्या है? और हाँ, पौलुस क्या है? सिर्फ सेवक हैं,+ ठीक जैसे प्रभु ने हरेक को सेवा सौंपी है और जिनके ज़रिए तुम विश्‍वासी बने हो। 6 मैंने लगाया,+ अपुल्लोस ने पानी देकर सींचा+ लेकिन परमेश्‍वर उसे बढ़ाता रहा। 7 इसलिए न तो लगानेवाला कुछ है, न ही पानी देनेवाला कुछ है मगर परमेश्‍वर सबकुछ है जो इसे बढ़ाता है।+ 8 जो पौधा लगाता है और पानी देता है, वे दोनों एकता में हैं,* मगर हर कोई अपनी मेहनत का इनाम पाएगा।+ 9 हम परमेश्‍वर के सहकर्मी हैं। तुम परमेश्‍वर का खेत हो जिसमें खेती की जा रही है और परमेश्‍वर की इमारत हो।+

10 परमेश्‍वर ने मुझ पर जो महा-कृपा की है, उसकी बदौलत मैंने एक कुशल राजमिस्त्री की तरह नींव डाली।+ मगर कोई दूसरा उस नींव पर इमारत खड़ी कर रहा है। हर कोई ध्यान देता रहे कि वह नींव पर किस तरह इमारत खड़ी कर रहा है। 11 इसलिए कि कोई भी इंसान उस नींव के सिवा जो डाली जा चुकी है, दूसरी नींव नहीं डाल सकता और यह नींव यीशु मसीह है।+ 12 कोई इस नींव पर सोने, चाँदी और कीमती पत्थरों से इमारत खड़ी करता है तो कोई लकड़ी, भूसे या घास-फूस से। 13 एक इंसान का काम कैसा है, यह उस दिन पता चल जाएगा जिस दिन उसे परखा जाएगा क्योंकि आग सबकुछ ज़ाहिर कर देगी+ और साबित कर देगी कि हरेक का काम कैसा है। 14 अगर किसी की इमारत जो उसने नींव पर खड़ी की है, टिकी रहेगी तो वह इनाम पाएगा। 15 और अगर किसी की इमारत जल जाएगी तो उसे नुकसान उठाना पड़ेगा लेकिन वह खुद बचा लिया जाएगा, फिर भी यह ऐसा होगा मानो वह आग से जलते-जलते बचा हो।

16 क्या तुम नहीं जानते कि तुम लोग परमेश्‍वर का मंदिर हो+ और परमेश्‍वर की पवित्र शक्‍ति तुममें निवास करती है?+ 17 अगर कोई परमेश्‍वर के मंदिर को नाश करता है, तो परमेश्‍वर उसे नाश करेगा इसलिए कि परमेश्‍वर का मंदिर पवित्र है और यह मंदिर तुम लोग हो।+

18 कोई खुद को न बहकाए: अगर तुममें से कोई सोचता है कि वह इस ज़माने* में बुद्धिमान है, तो वह मूर्ख बन जाए ताकि वह बुद्धिमान बन सके। 19 इस दुनिया की बुद्धि परमेश्‍वर की नज़र में मूर्खता है क्योंकि लिखा है, “वह बुद्धिमानों को उन्हीं की चालाकी में फँसा देता है।”+ 20 और यह भी लिखा है, “यहोवा* जानता है कि बुद्धिमानों के तर्क बेकार हैं।”+ 21 इसलिए कोई भी इंसानों पर शेखी न मारे क्योंकि सबकुछ तुम्हारा है, 22 चाहे पौलुस हो या अपुल्लोस या कैफा*+ या यह दुनिया या मौत या ज़िंदगी या आज की या आनेवाली चीज़ें, सबकुछ तुम्हारा है। 23 और तुम मसीह के हो+ और मसीह, परमेश्‍वर का है।

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