भजन
वह वैभव का लिबास पहने है,
यहोवा ने ताकत धारण की है,
कमर-पट्टी की तरह उसे पहने हुए है।
3 हे यहोवा, नदियाँ उफन रही हैं,
नदियाँ उफन रही हैं, गरज रही हैं,
नदियाँ लगातार उफन रही हैं, ज़ोर से गड़गड़ा रही हैं।
4 ऊँचे पर विराजमान यहोवा प्रतापी है,
गहरे सागर के गरजन से भी ज़्यादा शक्तिशाली है,+
किनारों से टकराती ऊँची-ऊँची लहरों से भी ताकतवर है।+
5 तू जो हिदायतें याद दिलाता है वे पूरी तरह भरोसेमंद हैं+
हे यहोवा, पवित्रता तेरे भवन को सदा के लिए शोभा देती है।+