मीका
क्या न्याय करना तुम्हारा काम नहीं?
2 लेकिन तुम अच्छाई से नफरत+ और बुराई से प्यार करते हो,+
मेरे लोगों की चमड़ी उधेड़ देते हो, उनकी हड्डियों से माँस नोंच लेते हो।+
3 यही नहीं, तुम मेरे लोगों का माँस खाते हो,+
उनकी खाल खींच लेते हो।
जैसे हंडे* में माँस पकाने के लिए उसके टुकड़े-टुकड़े किए जाते हैं,
वैसे ही तुम मेरे लोगों की हड्डियाँ तोड़ते हो, उन्हें चूर-चूर करते हो।+
4 उस समय तुम मदद के लिए यहोवा को पुकारोगे,
लेकिन वह तुम्हें कोई जवाब नहीं देगा,
तुम्हारे दुष्ट कामों की वजह से वह तुमसे मुँह फेर लेगा।+
5 भविष्यवक्ता मेरे लोगों को गुमराह कर रहे हैं।+
जब उन्हें खाना* मिलता है तो वे कहते हैं, ‘शांति है, शांति!’+
मगर जब कोई उन्हें खाना नहीं देता,* तो वे उसके खिलाफ जंग छेड़ देते हैं।
ऐसे भविष्यवक्ताओं के खिलाफ यहोवा यह ऐलान करता है,
6 ‘तुम पर ऐसी रात आएगी,+ जब तुम्हें कोई दर्शन नहीं मिलेगा,+
तुम्हारे चारों तरफ अँधेरा-ही-अँधेरा होगा,
तुम ज्योतिषी का काम नहीं कर पाओगे।
भविष्यवक्ताओं के लिए सूरज डूब जाएगा,
दिन अंधकार में बदल जाएगा।+
उन्हें परमेश्वर की तरफ से कोई जवाब नहीं मिलेगा,
इसलिए सब-के-सब अपनी मूँछें* ढाँप लेंगे।’”
8 लेकिन यहोवा की पवित्र शक्ति ने मुझे ताकत से भर दिया है
कि मैं न्याय और हिम्मत के साथ
याकूब को उसके अपराध और इसराएल को उसके पाप बता सकूँ।
9 हे याकूब के घराने के मुखियाओ,
हे इसराएल के घराने के शासको, सुनो!+
तुम न्याय से घृणा करते हो, जो सीधा है उसे टेढ़ा कर देते हो।+
10 तुमने सिय्योन को खून-खराबे से और यरूशलेम को बुरे कामों से खड़ा किया है।+
हम पर कोई मुसीबत नहीं आएगी।”+