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  • प्रकाशितवाक्य 7
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)

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प्रकाशितवाक्य का सारांश

      • चार स्वर्गदूत विनाश की हवाओं को थामे हुए (1-3)

      • 1,44,000 मुहरबंद (4-8)

      • बड़ी भीड़ सफेद चोगे पहने हुए (9-17)

प्रकाशितवाक्य 7:1

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    11/15/2013, पेज 13

    पेज 18

    12/1/1988, पेज 7

प्रकाशितवाक्य 7:3

संबंधित आयतें

  • +2कुर 1:22; इफ 1:13; 4:30
  • +प्रक 9:4

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    1/2016, पेज 23

    प्रहरीदुर्ग,

    3/15/2015, पेज 15

    11/15/2013, पेज 13

    पेज 18

    5/1/1998, पेज 15

    2/1/1995, पेज 9-10

प्रकाशितवाक्य 7:4

संबंधित आयतें

  • +प्रक 14:1, 3
  • +रोम 2:29; 9:6; गल 6:16; प्रक 21:12

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    पवित्र शास्त्र से जवाब जानिए, लेख 116

    प्रहरीदुर्ग,

    9/1/2004, पेज 30-31

    12/1/1999, पेज 11

प्रकाशितवाक्य 7:6

संबंधित आयतें

  • +उत 41:51

प्रकाशितवाक्य 7:9

फुटनोट

  • *

    या “ज़बान।”

संबंधित आयतें

  • +यश 2:2; प्रक 15:4
  • +प्रक 7:14
  • +लैव 23:40; यूह 12:13

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    5/2022, पेज 16

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    1/2021, पेज 16

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    9/2019, पेज 26-31

    मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा पुस्तिका,

    12/2019, पेज 2

    शुद्ध उपासना, पेज 134

    एकमात्र सच्चा परमेश्‍वर, पेज 120-127

    प्रहरीदुर्ग,

    5/15/2001, पेज 14-15

    12/1/1999, पेज 11-12, 17

    4/15/1995, पेज 31

    2/1/1995, पेज 13, 14-19

    7/1/1989, पेज 30

    9/1/1987, पेज 31

    4/1/1987, पेज 11-12

    शासन, पेज 28

प्रकाशितवाक्य 7:10

संबंधित आयतें

  • +प्रक 4:2, 3
  • +प्रेष 4:12; प्रक 5:6

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    2/1/1995, पेज 19

प्रकाशितवाक्य 7:11

संबंधित आयतें

  • +प्रक 4:4; 11:16

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    1/2021, पेज 16

प्रकाशितवाक्य 7:12

संबंधित आयतें

  • +प्रक 4:11

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    1/2021, पेज 16

प्रकाशितवाक्य 7:13

संबंधित आयतें

  • +प्रक 7:9

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    1/15/2009, पेज 31

    1/1/2007, पेज 29-30

प्रकाशितवाक्य 7:14

संबंधित आयतें

  • +मत 24:21; मर 13:19
  • +यूह 1:29; इब्र 9:14; 1यूह 1:7; प्रक 1:5

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    1/2021, पेज 16

    प्रहरीदुर्ग,

    3/15/2009, पेज 18-19

    1/15/2009, पेज 31

    1/15/2008, पेज 25

    1/1/2007, पेज 29-30

    11/1/2006, पेज 27

    11/15/2000, पेज 13

    2/15/1995, पेज 11-12, 13-17

    2/1/1995, पेज 15-16, 19

    5/1/1992, पेज 11-12

    9/1/1987, पेज 31

    4/1/1987, पेज 11-12

    एकमात्र सच्चा परमेश्‍वर, पेज 121-126

प्रकाशितवाक्य 7:15

संबंधित आयतें

  • +प्रक 4:2
  • +भज 15:1; प्रक 21:3

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    10/2023, पेज 28

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    1/2021, पेज 16

    मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा पुस्तिका,

    12/2019, पेज 2

    सभा पुस्तिका के लिए हवाले, 12/2019, पेज 1

    शुद्ध उपासना, पेज 134

    प्रहरीदुर्ग,

    2/15/2010, पेज 17

    1/15/2010, पेज 21, 23

    9/15/2008, पेज 28

    5/1/2002, पेज 30-31

    11/15/2000, पेज 13-14

    7/1/1996, पेज 20-21

    2/1/1995, पेज 15-16, 18

    3/1/1988, पेज 19

प्रकाशितवाक्य 7:16

संबंधित आयतें

  • +भज 121:6; यश 49:10

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    1/2021, पेज 16-17

    सभा पुस्तिका के लिए हवाले, 12/2019, पेज 1

प्रकाशितवाक्य 7:17

फुटनोट

  • *

    या “के बीच में।”

संबंधित आयतें

  • +प्रक 5:6
  • +यूह 10:11
  • +प्रक 22:1
  • +यश 25:8; प्रक 21:4

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    9/2022, पेज 16

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    1/2021, पेज 16-17

    प्रहरीदुर्ग,

    9/15/2010, पेज 29

    9/15/2008, पेज 28

    10/1/1994, पेज 14

    3/1/1992, पेज 20

दूसरें अनुवाद

मिलती-जुलती आयतें देखने के लिए किसी आयत पर क्लिक कीजिए।

दूसरी

प्रका. 7:32कुर 1:22; इफ 1:13; 4:30
प्रका. 7:3प्रक 9:4
प्रका. 7:4प्रक 14:1, 3
प्रका. 7:4रोम 2:29; 9:6; गल 6:16; प्रक 21:12
प्रका. 7:6उत 41:51
प्रका. 7:9यश 2:2; प्रक 15:4
प्रका. 7:9प्रक 7:14
प्रका. 7:9लैव 23:40; यूह 12:13
प्रका. 7:10प्रक 4:2, 3
प्रका. 7:10प्रेष 4:12; प्रक 5:6
प्रका. 7:11प्रक 4:4; 11:16
प्रका. 7:12प्रक 4:11
प्रका. 7:13प्रक 7:9
प्रका. 7:14मत 24:21; मर 13:19
प्रका. 7:14यूह 1:29; इब्र 9:14; 1यूह 1:7; प्रक 1:5
प्रका. 7:15प्रक 4:2
प्रका. 7:15भज 15:1; प्रक 21:3
प्रका. 7:16भज 121:6; यश 49:10
प्रका. 7:17प्रक 5:6
प्रका. 7:17यूह 10:11
प्रका. 7:17प्रक 22:1
प्रका. 7:17यश 25:8; प्रक 21:4
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
  • नयी दुनिया अनुवाद (nwt) में पढ़िए
  • नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र (bi7) में पढ़िए
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
प्रकाशितवाक्य 7:1-17

यूहन्‍ना को दिया गया प्रकाशितवाक्य

7 इसके बाद मैंने देखा कि पृथ्वी के चार कोनों पर चार स्वर्गदूत खड़े हैं और वे पृथ्वी की चारों हवाओं को मज़बूती से थामे हुए हैं ताकि पृथ्वी या समुंदर या किसी भी पेड़ पर हवा न चले। 2 और मैंने एक और स्वर्गदूत को पूरब से ऊपर आते देखा, जो जीवित परमेश्‍वर की मुहर लिए हुए था। और उसने उन चारों स्वर्गदूतों को जिन्हें पृथ्वी और समुंदर को नुकसान पहुँचाने का अधिकार दिया गया था, बड़ी ज़ोरदार आवाज़ में पुकारकर कहा, 3 “जब तक हम अपने परमेश्‍वर के दासों के माथे पर मुहर न लगा दें,+ तब तक पृथ्वी या समुंदर या पेड़ों को नुकसान मत पहुँचाना।”+

4 और मैंने उनकी गिनती सुनी जिन पर मुहर लगायी गयी थी। वे 1,44,000 थे+ और उन्हें इसराएल के बेटों के हर गोत्र में से लिया गया था:+

5 यहूदा गोत्र में से 12,000 पर मुहर लगायी गयी,

रूबेन गोत्र में से 12,000 पर,

गाद गोत्र में से 12,000 पर,

6 आशेर गोत्र में से 12,000 पर,

नप्ताली गोत्र में से 12,000 पर,

मनश्‍शे+ गोत्र में से 12,000 पर,

7 शिमोन गोत्र में से 12,000 पर,

लेवी गोत्र में से 12,000 पर,

इस्साकार गोत्र में से 12,000 पर,

8 जबूलून गोत्र में से 12,000 पर,

यूसुफ गोत्र में से 12,000 पर,

बिन्यामीन गोत्र में से 12,000 पर मुहर लगायी गयी।

9 इसके बाद देखो मैंने क्या देखा! सब राष्ट्रों और गोत्रों और जातियों और भाषाओं* में से निकली एक बड़ी भीड़, जिसे कोई आदमी गिन नहीं सकता,+ राजगद्दी के सामने और उस मेम्ने के सामने सफेद चोगे पहने+ और हाथों में खजूर की डालियाँ लिए खड़ी है।+ 10 और यह भीड़ ज़ोरदार आवाज़ में बार-बार पुकारकर कहती है, “हम अपने उद्धार के लिए अपने परमेश्‍वर का जो राजगद्दी पर बैठा है+ और मेम्ने+ का एहसान मानते हैं।”

11 सारे स्वर्गदूत जो उस राजगद्दी और प्राचीनों+ और चार जीवित प्राणियों के चारों तरफ खड़े थे, राजगद्दी के सामने मुँह के बल गिरकर परमेश्‍वर की उपासना करने लगे 12 और कहने लगे, “आमीन! हमारे परमेश्‍वर की सदा तारीफ, धन्यवाद और महिमा होती रहे और बुद्धि, आदर, शक्‍ति और ताकत सदा उसी के हों।+ आमीन।”

13 यह देखकर एक प्राचीन ने मुझसे कहा, “ये जो सफेद चोगे पहने हुए हैं,+ ये कौन हैं और कहाँ से आए हैं?” 14 तब मैंने फौरन उससे कहा, “मेरे प्रभु, तू ही जानता है कि ये कौन हैं।” और उसने मुझसे कहा, “ये वे हैं जो उस महा-संकट से निकलकर आए हैं+ और इन्होंने अपने चोगे मेम्ने के खून में धोकर सफेद किए हैं।+ 15 इसी वजह से ये परमेश्‍वर की राजगद्दी के सामने हैं और ये दिन-रात उसके मंदिर में उसकी पवित्र सेवा करते हैं। और राजगद्दी पर बैठा+ परमेश्‍वर इन पर अपना तंबू तानेगा।+ 16 ये फिर कभी भूखे-प्यासे न रहेंगे और न इन पर सूरज की तपती धूप पड़ेगी, न झुलसाती गरमी,+ 17 क्योंकि वह मेम्ना+ जो राजगद्दी के पास* है, इन्हें चरवाहे की तरह+ जीवन के पानी के सोतों तक ले जाएगा।+ और परमेश्‍वर इनकी आँखों से हर आँसू पोंछ डालेगा।”+

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