वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • प्रकाशितवाक्य 5
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

प्रकाशितवाक्य का सारांश

      • सात मुहरोंवाला खर्रा (1-5)

      • मेम्ना खर्रा लेता है (6-8)

      • मेम्ना मुहरें खोलने के योग्य है (9-14)

प्रकाशितवाक्य 5:1

फुटनोट

  • *

    शा., “अंदर और पीछे की तरफ।”

संबंधित आयतें

  • +प्रक 4:2, 3

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    सभा पुस्तिका के लिए हवाले, 12/2019, पेज 3

प्रकाशितवाक्य 5:5

संबंधित आयतें

  • +उत 49:9, 10; इब्र 7:14
  • +2शम 7:8, 12; प्रक 22:16
  • +यश 11:1, 10; रोम 15:12
  • +यूह 16:33

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    मेरा चेला बन जा, पेज 36

प्रकाशितवाक्य 5:6

फुटनोट

  • *

    या “बीच।”

संबंधित आयतें

  • +इफ 1:22
  • +यश 53:7; यूह 1:29; 1पत 1:19
  • +यूह 19:30; प्रक 5:12
  • +प्रक 1:4

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    1/15/2009, पेज 30

प्रकाशितवाक्य 5:7

संबंधित आयतें

  • +भज 47:8; यश 6:1

प्रकाशितवाक्य 5:8

संबंधित आयतें

  • +प्रक 5:14; 19:4
  • +भज 141:2; प्रक 8:4

प्रकाशितवाक्य 5:9

फुटनोट

  • *

    या “ज़बान।”

संबंधित आयतें

  • +भज 33:3; 144:9; यश 42:10; प्रक 14:3
  • +प्रक 14:4
  • +मत 26:27, 28; 1कुर 6:20; इब्र 9:12; 1पत 1:18, 19

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 31

प्रकाशितवाक्य 5:10

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 19:6; लूक 12:32; 22:28-30; 1पत 2:9; प्रक 1:5, 6
  • +मत 19:28; प्रक 20:4, 6; 22:5

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 31

    प्रहरीदुर्ग,

    9/1/2006, पेज 6-7

प्रकाशितवाक्य 5:11

संबंधित आयतें

  • +दान 7:9, 10

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 24

    सजग होइए!,

    7/2011, पेज 27

    प्रहरीदुर्ग,

    10/1/1987, पेज 12

प्रकाशितवाक्य 5:12

संबंधित आयतें

  • +यश 53:7; प्रक 5:6
  • +मत 28:18

प्रकाशितवाक्य 5:13

संबंधित आयतें

  • +फिल 2:9, 10
  • +प्रक 4:2, 3
  • +यूह 1:29; प्रक 7:17
  • +यूह 5:23; 1ती 6:16
  • +1पत 4:11

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    3/2017, पेज 8-9

दूसरें अनुवाद

मिलती-जुलती आयतें देखने के लिए किसी आयत पर क्लिक कीजिए।

दूसरी

प्रका. 5:1प्रक 4:2, 3
प्रका. 5:5उत 49:9, 10; इब्र 7:14
प्रका. 5:52शम 7:8, 12; प्रक 22:16
प्रका. 5:5यश 11:1, 10; रोम 15:12
प्रका. 5:5यूह 16:33
प्रका. 5:6इफ 1:22
प्रका. 5:6यश 53:7; यूह 1:29; 1पत 1:19
प्रका. 5:6यूह 19:30; प्रक 5:12
प्रका. 5:6प्रक 1:4
प्रका. 5:7भज 47:8; यश 6:1
प्रका. 5:8प्रक 5:14; 19:4
प्रका. 5:8भज 141:2; प्रक 8:4
प्रका. 5:9भज 33:3; 144:9; यश 42:10; प्रक 14:3
प्रका. 5:9प्रक 14:4
प्रका. 5:9मत 26:27, 28; 1कुर 6:20; इब्र 9:12; 1पत 1:18, 19
प्रका. 5:10निर्ग 19:6; लूक 12:32; 22:28-30; 1पत 2:9; प्रक 1:5, 6
प्रका. 5:10मत 19:28; प्रक 20:4, 6; 22:5
प्रका. 5:11दान 7:9, 10
प्रका. 5:12यश 53:7; प्रक 5:6
प्रका. 5:12मत 28:18
प्रका. 5:13फिल 2:9, 10
प्रका. 5:13प्रक 4:2, 3
प्रका. 5:13यूह 1:29; प्रक 7:17
प्रका. 5:13यूह 5:23; 1ती 6:16
प्रका. 5:131पत 4:11
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
  • नयी दुनिया अनुवाद (nwt) में पढ़िए
  • नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र (bi7) में पढ़िए
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
  • 6
  • 7
  • 8
  • 9
  • 10
  • 11
  • 12
  • 13
  • 14
पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
प्रकाशितवाक्य 5:1-14

यूहन्‍ना को दिया गया प्रकाशितवाक्य

5 और मैंने देखा कि राजगद्दी पर बैठे+ परमेश्‍वर के दाएँ हाथ में एक खर्रा है जिस पर दोनों तरफ* लिखा हुआ है और उसे सात मुहरों से मुहरबंद किया गया है। 2 मैंने देखा कि एक ताकतवर स्वर्गदूत ज़ोरदार आवाज़ में ऐलान कर रहा था: “कौन इन मुहरों को तोड़ने और इस खर्रे को खोलने के योग्य है?” 3 लेकिन न तो स्वर्ग में, न धरती पर, न ही धरती के नीचे कोई ऐसा था जो उस खर्रे को खोलने या उसे पढ़ने के योग्य हो। 4 और मैं फूट-फूटकर रोने लगा क्योंकि ऐसा कोई भी न मिला जो उसे खोलने या पढ़ने के योग्य हो। 5 तब प्राचीनों में से एक ने मुझसे कहा, “मत रो। यहूदा गोत्र के इस शेर को देख+ जो दाविद+ की जड़ है।+ इसने जीत हासिल की है+ ताकि इस खर्रे और इसकी सात मुहरों को खोले।”

6 और मैंने उस राजगद्दी के पास* और उन चार जीवित प्राणियों के बीच और उन प्राचीनों के बीच+ एक मेम्ना देखा+ जिसे मानो बलि किया गया था।+ उसके सात सींग और सात आँखें थीं। इन आँखों का मतलब परमेश्‍वर की सात पवित्र शक्‍तियाँ हैं+ जिन्हें सारी धरती पर भेजा गया है। 7 वह मेम्ना फौरन आगे बढ़ा और उसने राजगद्दी पर बैठे+ परमेश्‍वर के दाएँ हाथ से वह मुहरबंद खर्रा ले लिया। 8 और जब उसने वह खर्रा लिया तो उन चार जीवित प्राणियों और 24 प्राचीनों ने मेम्ने के सामने गिरकर प्रणाम किया।+ हर प्राचीन के पास एक सुरमंडल और सोने का एक कटोरा था जिसमें धूप भरा हुआ था। (इस धूप का मतलब है, पवित्र जनों की प्रार्थनाएँ।)+ 9 और वे एक नया गीत गाते हुए कहते हैं,+ “तू ही इस खर्रे को लेने और इसकी मुहरें खोलने के योग्य है, क्योंकि तुझे बलि किया गया और तूने अपने खून से हर गोत्र, भाषा* और जाति और राष्ट्र से+ परमेश्‍वर के लिए लोगों को खरीद लिया+ 10 और तूने उन्हें हमारे परमेश्‍वर के लिए राजा और याजक बनाया+ और वे राजाओं की हैसियत से धरती पर राज करेंगे।”+

11 और मैंने उस राजगद्दी और उन जीवित प्राणियों और उन प्राचीनों के चारों तरफ अनगिनत स्वर्गदूत देखे और उनकी आवाज़ सुनी। उनकी गिनती लाखों-करोड़ों में थी।+ 12 और वे ज़ोरदार आवाज़ में कह रहे थे, “यह मेम्ना जो बलि किया गया था,+ शक्‍ति, दौलत, बुद्धि, ताकत, आदर, महिमा और आशीष पाने के योग्य है।”+

13 और मैंने स्वर्ग में, धरती पर, धरती के नीचे+ और समुंदर के ऊपर और इनमें मौजूद हर प्राणी को और इनमें जो कुछ था, उन सबको यह कहते सुना, “परमेश्‍वर जो राजगद्दी पर बैठा है उसका+ और मेम्ने का+ गुणगान हो और आदर,+ महिमा और शक्‍ति हमेशा-हमेशा के लिए उन्हीं की हो।”+ 14 और वे चार जीवित प्राणी कह रहे थे, “आमीन!” और उन प्राचीनों ने गिरकर परमेश्‍वर की उपासना की।

हिंदी साहित्य (1972-2025)
लॉग-आउट
लॉग-इन
  • हिंदी
  • दूसरों को भेजें
  • पसंदीदा सेटिंग्स
  • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
  • इस्तेमाल की शर्तें
  • गोपनीयता नीति
  • गोपनीयता सेटिंग्स
  • JW.ORG
  • लॉग-इन
दूसरों को भेजें