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  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)

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प्रकाशितवाक्य का सारांश

      • स्वर्ग में मौजूद यहोवा का दर्शन (1-11)

        • वह राजगद्दी पर बैठा है (2)

        • 24 प्राचीन राजगद्दियों पर बैठे हैं (4)

        • चार जीवित प्राणी (6)

प्रकाशितवाक्य 4:2

संबंधित आयतें

  • +1रा 22:19; यश 6:1; यहे 1:26, 27; दान 7:9; प्रेष 7:55

प्रकाशितवाक्य 4:3

फुटनोट

  • *

    या “लाल रंग का एक कीमती रत्न।”

संबंधित आयतें

  • +प्रक 21:10, 11
  • +1यूह 1:5

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    3/15/2005, पेज 31

प्रकाशितवाक्य 4:4

संबंधित आयतें

  • +प्रक 4:10; 5:8; 11:16; 19:4

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/1995, पेज 13

प्रकाशितवाक्य 4:5

संबंधित आयतें

  • +यहे 1:13
  • +निर्ग 19:16
  • +प्रक 1:4; 5:6

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    1/15/2009, पेज 30

प्रकाशितवाक्य 4:6

फुटनोट

  • *

    या “राजगद्दी के साथ बीच में।”

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 30:18; 1रा 7:23
  • +यहे 1:5-10

प्रकाशितवाक्य 4:7

संबंधित आयतें

  • +नीत 28:1; यश 31:4
  • +अय 39:9-11; प्रक 6:3
  • +प्रक 6:5
  • +प्रक 6:7
  • +अय 39:27, 29; यहे 1:10

प्रकाशितवाक्य 4:8

फुटनोट

  • *

    अति. क5 देखें।

संबंधित आयतें

  • +यहे 10:9, 12
  • +यश 6:2, 3
  • +प्रक 1:4

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 4

    प्रहरीदुर्ग,

    4/1/1987, पेज 10

प्रकाशितवाक्य 4:9

संबंधित आयतें

  • +भज 90:2; दान 12:7

प्रकाशितवाक्य 4:10

संबंधित आयतें

  • +प्रक 5:8

प्रकाशितवाक्य 4:11

फुटनोट

  • *

    अति. क5 देखें।

संबंधित आयतें

  • +मत 5:16; प्रक 14:7
  • +प्रक 19:10
  • +प्रक 5:13; 7:12; 11:17; 12:10
  • +प्रक 10:6

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 4

    प्रहरीदुर्ग,

    1/1/2009, पेज 30

    12/1/1999, पेज 10-11

दूसरें अनुवाद

मिलती-जुलती आयतें देखने के लिए किसी आयत पर क्लिक कीजिए।

दूसरी

प्रका. 4:21रा 22:19; यश 6:1; यहे 1:26, 27; दान 7:9; प्रेष 7:55
प्रका. 4:3प्रक 21:10, 11
प्रका. 4:31यूह 1:5
प्रका. 4:4प्रक 4:10; 5:8; 11:16; 19:4
प्रका. 4:5यहे 1:13
प्रका. 4:5निर्ग 19:16
प्रका. 4:5प्रक 1:4; 5:6
प्रका. 4:6निर्ग 30:18; 1रा 7:23
प्रका. 4:6यहे 1:5-10
प्रका. 4:7नीत 28:1; यश 31:4
प्रका. 4:7अय 39:9-11; प्रक 6:3
प्रका. 4:7प्रक 6:5
प्रका. 4:7प्रक 6:7
प्रका. 4:7अय 39:27, 29; यहे 1:10
प्रका. 4:8यहे 10:9, 12
प्रका. 4:8यश 6:2, 3
प्रका. 4:8प्रक 1:4
प्रका. 4:9भज 90:2; दान 12:7
प्रका. 4:10प्रक 5:8
प्रका. 4:11मत 5:16; प्रक 14:7
प्रका. 4:11प्रक 19:10
प्रका. 4:11प्रक 5:13; 7:12; 11:17; 12:10
प्रका. 4:11प्रक 10:6
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
  • नयी दुनिया अनुवाद (nwt) में पढ़िए
  • नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र (bi7) में पढ़िए
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
प्रकाशितवाक्य 4:1-11

यूहन्‍ना को दिया गया प्रकाशितवाक्य

4 इसके बाद देखो मैंने क्या देखा, स्वर्ग में एक खुला दरवाज़ा है और जो आवाज़ मैंने पहले सुनी थी वह एक तुरही जैसी आवाज़ थी और उस आवाज़ ने मुझसे कहा, “यहाँ ऊपर आ जा, मैं तुझे वे बातें दिखाऊँगा जिनका होना तय है।” 2 इसके बाद पवित्र शक्‍ति फौरन मुझ पर उतरी और मैंने स्वर्ग में एक राजगद्दी देखी और उस पर कोई बैठा हुआ था।+ 3 और जो बैठा था उसका रूप यशब और माणिक्य* जैसा था+ और उसकी राजगद्दी के चारों तरफ एक मेघ-धनुष था जो दिखने में पन्‍ने जैसा था।+

4 उस राजगद्दी के चारों तरफ 24 राजगद्दियाँ थीं और उन राजगद्दियों पर मैंने 24 प्राचीन बैठे देखे,+ जो सफेद पोशाक पहने हुए थे और उनके सिर पर सोने के ताज थे। 5 उस राजगद्दी से बिजलियाँ कौंध रही थीं+ और गड़गड़ाहट और गरजन की आवाज़ निकल रही थी।+ और राजगद्दी के सामने आग के सात बड़े दीए थे जिनसे लपटें उठ रही थीं। इनका मतलब परमेश्‍वर की सात पवित्र शक्‍तियाँ हैं।+ 6 और राजगद्दी के सामने काँच जैसा समुंदर था+ जो बिल्लौर जैसा आर-पार दिखनेवाला था।

राजगद्दी के बीच* और उसके चारों तरफ चार जीवित प्राणी थे+ जिनके आगे-पीछे आँखें-ही-आँखें थीं। 7 पहला जीवित प्राणी दिखने में शेर जैसा था,+ दूसरा जीवित प्राणी बैल जैसा था,+ तीसरे जीवित प्राणी+ का चेहरा इंसान के चेहरे जैसा था और चौथा जीवित प्राणी+ एक उड़ते उकाब जैसा था।+ 8 इन चार जीवित प्राणियों में से हरेक के छ:-छ: पंख थे। इनके चारों तरफ और अंदर की तरफ आँखें-ही-आँखें थीं।+ और वे बिना रुके रात-दिन कहते हैं, “सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर यहोवा* पवित्र, पवित्र, पवित्र है!+ वह परमेश्‍वर, जो था, जो है और जो आ रहा है।”+

9 जब-जब ये जीवित प्राणी राजगद्दी पर बैठे परमेश्‍वर की, जो सदा तक जीवित रहता है,+ महिमा करते हैं और उसे आदर और धन्यवाद देते हैं, 10 तब-तब ये 24 प्राचीन+ राजगद्दी पर बैठे परमेश्‍वर के सामने गिरकर उसकी उपासना करते हैं जो सदा तक जीवित रहता है और अपने ताज निकालकर उसकी राजगद्दी के सामने रखते हैं और कहते हैं, 11 “हे यहोवा,* हमारे परमेश्‍वर, तू महिमा,+ आदर+ और शक्‍ति+ पाने के योग्य है क्योंकि तू ही ने सारी चीज़ें रची हैं+ और तेरी ही मरज़ी से ये वजूद में आयीं और रची गयीं।”

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