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  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)

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फिलिप्पियों का सारांश

      • नमस्कार (1, 2)

      • परमेश्‍वर का धन्यवाद; पौलुस की प्रार्थना (3-11)

      • मुश्‍किलों के बावजूद खुशखबरी फैलती है (12-20)

      • जीना मसीह के लिए, मरना फायदे के लिए (21-26)

      • चालचलन खुशखबरी के योग्य हो (27-30)

फिलिप्पियों 1:1

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 16:12
  • +1ती 3:1, 8

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    संगठित, पेज 53

फिलिप्पियों 1:4

संबंधित आयतें

  • +1थि 1:2

फिलिप्पियों 1:6

संबंधित आयतें

  • +1कुर 1:8
  • +फिल 2:13

फिलिप्पियों 1:7

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 24:10, 14; 25:10-12
  • +इफ 3:1; फिल 1:13; कुल 4:18; 2ती 1:8; फिले 13

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा पुस्तिका,

    7/2023, पेज 3

    गवाही दो, पेज 131-132

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 21

    प्रहरीदुर्ग,

    2/15/2015, पेज 22-23

    8/15/1999, पेज 21-22

    12/1/1998, पेज 18

    “सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र” (2इति–यशा), पेज 11

फिलिप्पियों 1:9

संबंधित आयतें

  • +यूह 17:3
  • +इब्र 5:14
  • +1थि 3:12

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    8/2022, पेज 3

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    8/2019, पेज 9-10

    प्रहरीदुर्ग,

    3/15/1997, पेज 16-17

    6/15/1995, पेज 20

फिलिप्पियों 1:10

फुटनोट

  • *

    शा., “दूसरों को ठोकर न खिलाओ।”

संबंधित आयतें

  • +रोम 12:2
  • +रोम 14:13, 21

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 12

    सजग होइए!,

    अंक 1 2020 पेज 12

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    8/2019, पेज 10-12

    प्रहरीदुर्ग,

    11/15/2008, पेज 24

    3/15/1997, पेज 16-17

फिलिप्पियों 1:11

संबंधित आयतें

  • +यूह 15:5

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    8/2019, पेज 12

    प्रहरीदुर्ग,

    5/1/2007, पेज 11-12

फिलिप्पियों 1:13

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 28:30, 31
  • +इफ 3:1

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    2/15/2013, पेज 14-16

    नयी दुनिया अनुवाद, पेज 2129

फिलिप्पियों 1:16

संबंधित आयतें

  • +फिल 1:7

फिलिप्पियों 1:19

संबंधित आयतें

  • +यूह 15:26
  • +2कुर 1:11

फिलिप्पियों 1:20

फुटनोट

  • *

    शा., “मेरे शरीर के।”

संबंधित आयतें

  • +रोम 14:8; 1पत 4:16

फिलिप्पियों 1:21

संबंधित आयतें

  • +गल 2:20
  • +1थि 4:14; 2ती 4:8; प्रक 14:13

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    3/1/1995, पेज 30

फिलिप्पियों 1:22

फुटनोट

  • *

    शा., “शरीर में।”

फिलिप्पियों 1:23

संबंधित आयतें

  • +2ती 4:6
  • +2कुर 5:6, 8

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    8/15/2008, पेज 28

    3/1/1995, पेज 30-31

फिलिप्पियों 1:27

फुटनोट

  • *

    या “तुम नागरिकों जैसा बरताव करो।”

संबंधित आयतें

  • +इफ 4:1, 3; कुल 1:10
  • +रोम 15:5, 6; 1कुर 1:10

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    8/15/2012, पेज 11-12

    9/15/2010, पेज 13-14

फिलिप्पियों 1:28

संबंधित आयतें

  • +2थि 1:6
  • +लूक 21:19; 2थि 1:4, 5

फिलिप्पियों 1:29

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 5:41

फिलिप्पियों 1:30

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 16:22, 23; 1थि 2:2

दूसरें अनुवाद

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दूसरी

फिलि. 1:1प्रेष 16:12
फिलि. 1:11ती 3:1, 8
फिलि. 1:41थि 1:2
फिलि. 1:61कुर 1:8
फिलि. 1:6फिल 2:13
फिलि. 1:7प्रेष 24:10, 14; 25:10-12
फिलि. 1:7इफ 3:1; फिल 1:13; कुल 4:18; 2ती 1:8; फिले 13
फिलि. 1:9यूह 17:3
फिलि. 1:9इब्र 5:14
फिलि. 1:91थि 3:12
फिलि. 1:10रोम 12:2
फिलि. 1:10रोम 14:13, 21
फिलि. 1:11यूह 15:5
फिलि. 1:13प्रेष 28:30, 31
फिलि. 1:13इफ 3:1
फिलि. 1:16फिल 1:7
फिलि. 1:19यूह 15:26
फिलि. 1:192कुर 1:11
फिलि. 1:20रोम 14:8; 1पत 4:16
फिलि. 1:21गल 2:20
फिलि. 1:211थि 4:14; 2ती 4:8; प्रक 14:13
फिलि. 1:232ती 4:6
फिलि. 1:232कुर 5:6, 8
फिलि. 1:27इफ 4:1, 3; कुल 1:10
फिलि. 1:27रोम 15:5, 6; 1कुर 1:10
फिलि. 1:282थि 1:6
फिलि. 1:28लूक 21:19; 2थि 1:4, 5
फिलि. 1:29प्रेष 5:41
फिलि. 1:30प्रेष 16:22, 23; 1थि 2:2
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
  • नयी दुनिया अनुवाद (nwt) में पढ़िए
  • नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र (bi7) में पढ़िए
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
फिलिप्पियों 1:1-30

फिलिप्पियों के नाम चिट्ठी

1 पौलुस और तीमुथियुस, जो मसीह यीशु के दास हैं, फिलिप्पी+ में रहनेवाले सभी पवित्र जनों को जो मसीह यीशु के साथ एकता में हैं और निगरानी करनेवालों और सहायक सेवकों+ को यह चिट्ठी लिख रहे हैं:

2 हमारे पिता यानी परमेश्‍वर की तरफ से और प्रभु यीशु मसीह की तरफ से तुम्हें महा-कृपा और शांति मिले।

3 मैं जब भी तुम्हें याद करता हूँ, तो अपने परमेश्‍वर का धन्यवाद करता हूँ। 4 मैं तुम सबके लिए हमेशा खुशी-खुशी मिन्‍नतें करता हूँ+ 5 क्योंकि जिस दिन तुमने खुशखबरी सुनी थी, उस दिन से लेकर आज के दिन तक तुमने खुशखबरी फैलाने में कितना बढ़िया योगदान दिया है। 6 मुझे इस बात का यकीन है कि परमेश्‍वर जिसने तुम्हारे बीच एक भले काम की शुरूआत की है, वह मसीह यीशु के दिन+ तक उसे पूरा भी करेगा।+ 7 तुम सबके बारे में ऐसा सोचना मेरे लिए बिलकुल सही है क्योंकि तुम मेरे दिल में बसे हो। चाहे मेरी ज़ंजीरों में कैद होने की बात हो या खुशखबरी की पैरवी करने और उसे कानूनी मान्यता दिलाने की,+ तुम सब मेरे साथ परमेश्‍वर की महा-कृपा में साझेदार हो।+

8 परमेश्‍वर मेरा गवाह है कि मैं तुम सबसे मिलने के लिए कितना तरस रहा हूँ, क्योंकि मैं तुमसे वैसा ही गहरा लगाव रखता हूँ जैसा मसीह यीशु रखता है। 9 और मैं यही प्रार्थना करता रहता हूँ कि सही ज्ञान+ और पैनी समझ+ के साथ तुम्हारा प्यार और भी बढ़ता जाए+ 10 ताकि तुम पहचान सको कि ज़्यादा अहमियत रखनेवाली बातें क्या हैं,+ जिससे कि मसीह के दिन तक तुम्हारे अंदर कोई खामी न हो और तुम दूसरों के विश्‍वास में बाधा न बनो*+ 11 और नेकी के फलों से लद जाओ जो तुम यीशु मसीह की बदौलत पैदा कर पाओगे+ ताकि परमेश्‍वर की महिमा और तारीफ हो।

12 भाइयो, मैं चाहता हूँ कि तुम यह जान लो कि आज मैं जिस हाल में हूँ, उससे खुशखबरी फैलाने में मदद ही मिली है। 13 सम्राट के अंगरक्षक दल के सब लोग और बाकी लोग भी जान गए हैं+ कि मैं मसीह की वजह से ज़ंजीरों में हूँ।+ 14 अब प्रभु में ज़्यादातर भाइयों को मेरे कैद में होने की वजह से हिम्मत मिली है और वे पहले से ज़्यादा निडर और बेधड़क होकर परमेश्‍वर का वचन सुना रहे हैं।

15 यह सच है कि कुछ लोग ईर्ष्या और होड़ की भावना से मसीह का प्रचार कर रहे हैं, मगर दूसरे अच्छी भावना से प्रचार कर रहे हैं। 16 जो अच्छी भावना से प्रचार कर रहे हैं वे प्यार की वजह से मसीह का प्रचार करते हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि मुझे खुशखबरी की पैरवी करने के लिए ठहराया गया है।+ 17 मगर जो नेक इरादे से नहीं बल्कि झगड़ा करने के इरादे से प्रचार करते हैं, वे ऐसा इसलिए करते हैं ताकि मैं कैद में दुखी हो जाऊँ। 18 मगर इसका नतीजा क्या हुआ है? यही कि चाहे कोई गलत इरादे से करे या नेक इरादे से, मसीह का प्रचार तो हो रहा है और इससे मुझे खुशी मिलती है। दरअसल, मैं खुशी मनाता रहूँगा 19 क्योंकि मैं जानता हूँ कि तुम्हारी मिन्‍नतों की वजह से और यीशु मसीह से मिलनेवाली पवित्र शक्‍ति की मदद से+ मेरा उद्धार होगा।+ 20 और मैं दिल से यही उम्मीद और आशा करता हूँ कि मुझे किसी भी तरह से शर्मिंदा नहीं होना पड़ेगा। इसके बजाय जैसे हमेशा होता आया है, वैसे ही अब भी मेरे बेझिझक बोलने की वजह से मेरे* ज़रिए मसीह की बड़ाई होगी, फिर चाहे मैं जीऊँ या मर जाऊँ।+

21 जहाँ तक मेरी बात है, अगर मैं जीऊँ तो मसीह की सेवा में लगा रहूँगा+ और अगर मैं मर जाऊँ तो यह भी मेरे फायदे के लिए होगा।+ 22 जब तक मैं दुनिया में* ज़िंदा हूँ, मैं अपने काम से और ज़्यादा फल पैदा कर सकूँगा। मैं नहीं बताता कि मैं क्या चुनूँगा। 23 मैं बड़ी उलझन में हूँ कि दोनों में से क्या चुनूँ। मैं चाहता तो यही हूँ कि छुटकारा पाकर मसीह के साथ रहूँ,+ क्योंकि यही बढ़िया रहेगा।+ 24 लेकिन तुम्हारी खातिर मेरे लिए इस दुनिया में जीते रहना ज़्यादा ज़रूरी है। 25 मुझे पूरा यकीन है और मैं जानता हूँ कि मैं ज़िंदा रहूँगा और तुम सबके साथ रहूँगा ताकि तुम तरक्की करो और विश्‍वास में खुशी मनाओ 26 और जब मैं दोबारा तुम्हारे साथ रहूँगा, तो मसीह यीशु में तुम्हारी खुशी उमड़ती रहे।

27 सिर्फ इस बात का ध्यान रखो कि तुम्हारा चालचलन मसीह की खुशखबरी के योग्य रहे*+ ताकि चाहे मैं आकर तुमसे मिलूँ या दूर रहूँ, मैं तुम्हारे बारे में यही सुनूँ और पाऊँ कि तुम सब एक ही सोच रखते हुए, मज़बूती से एक-साथ खड़े हो+ और खुशखबरी पर विश्‍वास के लिए कंधे-से-कंधा मिलाकर कड़ा संघर्ष कर रहे हो 28 और किसी भी बात में विरोधियों से नहीं डरते। यही उनके लिए विनाश+ का और तुम्हारे लिए उद्धार का सबूत है।+ यह परमेश्‍वर की तरफ से है। 29 क्योंकि मसीह की खातिर तुम्हें यह सम्मान दिया गया है कि तुम न सिर्फ उस पर विश्‍वास करो बल्कि उसकी खातिर दुख भी सहो।+ 30 तुम भी वैसा ही संघर्ष कर रहे हो जैसा तुमने मुझे करते देखा था+ और जैसा कि तुमने सुना है मैं अब भी संघर्ष कर रहा हूँ।

हिंदी साहित्य (1972-2025)
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