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  • फिलिप्पियों 3
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)

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फिलिप्पियों का सारांश

      • शरीर पर भरोसा नहीं करते (1-11)

        • मसीह की खातिर सब बातों को बेकार समझा (7-9)

      • खुद को खींचते हुए लक्ष्य की तरफ बढ़ना (12-21)

        • स्वर्ग की नागरिकता (20)

फिलिप्पियों 3:1

संबंधित आयतें

  • +2कुर 13:11; फिल 4:4; 1थि 5:16

फिलिप्पियों 3:2

फुटनोट

  • *

    शा., “कुत्तों।”

संबंधित आयतें

  • +गल 5:2

फिलिप्पियों 3:3

संबंधित आयतें

  • +यिर्म 4:4; रोम 2:29; कुल 2:11
  • +गल 6:14; इब्र 9:13, 14

फिलिप्पियों 3:5

संबंधित आयतें

  • +उत 17:12; लैव 12:3
  • +2कुर 11:22
  • +प्रेष 23:6; 26:4, 5

फिलिप्पियों 3:6

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 8:3; 9:1, 2; गल 1:13

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    6/15/1999, पेज 29-31

फिलिप्पियों 3:7

फुटनोट

  • *

    या शायद, “खुशी-खुशी छोड़ दिया है।”

संबंधित आयतें

  • +मत 13:44

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    4/1/2001, पेज 5-6

    7/15/1996, पेज 28

फिलिप्पियों 3:8

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 46

    प्रहरीदुर्ग,

    6/15/2012, पेज 22-23

    3/15/2012, पेज 27-28

    9/15/2009, पेज 24

    3/15/2005, पेज 19-20

    4/1/2001, पेज 5-6

    7/15/1996, पेज 28

फिलिप्पियों 3:9

संबंधित आयतें

  • +रोम 3:20-22; 4:5; गल 2:15, 16

फिलिप्पियों 3:10

संबंधित आयतें

  • +1कुर 15:22; 2कुर 13:4
  • +रोम 8:17; 2कुर 4:10; कुल 1:24
  • +रोम 6:5

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    2/15/2006, पेज 22

फिलिप्पियों 3:11

संबंधित आयतें

  • +1थि 4:16; प्रक 20:6

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2020, पेज 6-7

    सर्वदा जीवित रहिए, पेज 173

फिलिप्पियों 3:12

संबंधित आयतें

  • +लूक 13:24
  • +1ती 6:12

फिलिप्पियों 3:13

संबंधित आयतें

  • +लूक 9:62
  • +1कुर 9:24

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    8/2019, पेज 3-4

    प्रहरीदुर्ग,

    3/15/2012, पेज 28

    8/15/2008, पेज 28

    5/1/1996, पेज 31

    1/1/1991, पेज 31

फिलिप्पियों 3:14

संबंधित आयतें

  • +इब्र 3:1
  • +2ती 4:8; इब्र 12:1

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    3/15/2009, पेज 11

    1/1/1991, पेज 31

फिलिप्पियों 3:15

फुटनोट

  • *

    या “सयाने और समझदार।”

संबंधित आयतें

  • +1कुर 14:20; इब्र 5:14

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    9/1/2000, पेज 8-9

फिलिप्पियों 3:16

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 60

    प्रहरीदुर्ग,

    8/1/2001, पेज 21

    10/1/1998, पेज 28-29

    6/1/1998, पेज 12

    12/1/1991, पेज 30-31

    राज-सेवा,

    8/1994, पेज 3

    युवाओं के प्रश्‍न, पेज 145-146

फिलिप्पियों 3:17

संबंधित आयतें

  • +1कुर 4:16; 2थि 3:9

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    “सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र” (मत्ती-कुलु), पेज 30-31

फिलिप्पियों 3:18

फुटनोट

  • *

    शब्दावली देखें।

फिलिप्पियों 3:19

संबंधित आयतें

  • +रोम 8:5; याकू 3:15

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    4/15/2008, पेज 4-5

    6/15/2001, पेज 15

फिलिप्पियों 3:20

संबंधित आयतें

  • +इफ 2:19
  • +यूह 18:36; इफ 2:6; कुल 3:1
  • +1कुर 1:7; 1थि 1:10; तीत 2:13; इब्र 9:28

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    8/15/2012, पेज 11

फिलिप्पियों 3:21

संबंधित आयतें

  • +1कुर 15:27; इब्र 2:8
  • +1कुर 15:42, 49

दूसरें अनुवाद

मिलती-जुलती आयतें देखने के लिए किसी आयत पर क्लिक कीजिए।

दूसरी

फिलि. 3:12कुर 13:11; फिल 4:4; 1थि 5:16
फिलि. 3:2गल 5:2
फिलि. 3:3यिर्म 4:4; रोम 2:29; कुल 2:11
फिलि. 3:3गल 6:14; इब्र 9:13, 14
फिलि. 3:5उत 17:12; लैव 12:3
फिलि. 3:52कुर 11:22
फिलि. 3:5प्रेष 23:6; 26:4, 5
फिलि. 3:6प्रेष 8:3; 9:1, 2; गल 1:13
फिलि. 3:7मत 13:44
फिलि. 3:9रोम 3:20-22; 4:5; गल 2:15, 16
फिलि. 3:101कुर 15:22; 2कुर 13:4
फिलि. 3:10रोम 8:17; 2कुर 4:10; कुल 1:24
फिलि. 3:10रोम 6:5
फिलि. 3:111थि 4:16; प्रक 20:6
फिलि. 3:12लूक 13:24
फिलि. 3:121ती 6:12
फिलि. 3:13लूक 9:62
फिलि. 3:131कुर 9:24
फिलि. 3:14इब्र 3:1
फिलि. 3:142ती 4:8; इब्र 12:1
फिलि. 3:151कुर 14:20; इब्र 5:14
फिलि. 3:171कुर 4:16; 2थि 3:9
फिलि. 3:19रोम 8:5; याकू 3:15
फिलि. 3:20इफ 2:19
फिलि. 3:20यूह 18:36; इफ 2:6; कुल 3:1
फिलि. 3:201कुर 1:7; 1थि 1:10; तीत 2:13; इब्र 9:28
फिलि. 3:211कुर 15:27; इब्र 2:8
फिलि. 3:211कुर 15:42, 49
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
  • नयी दुनिया अनुवाद (nwt) में पढ़िए
  • नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र (bi7) में पढ़िए
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
फिलिप्पियों 3:1-21

फिलिप्पियों के नाम चिट्ठी

3 आखिर में मेरे भाइयो, तुम प्रभु में खुशी मनाते रहो।+ तुम्हें वही बातें फिर से लिखना मेरे लिए परेशानी की बात नहीं है, मगर इनसे तुम्हारी ही हिफाज़त होगी।

2 अशुद्ध लोगों* से खबरदार रहो, नुकसान पहुँचानेवालों से खबरदार रहो और जो शरीर के अंगों की काट-कूट करते हैं, उनसे खबरदार रहो।+ 3 इसलिए कि हम वे हैं जिनका सही मायनों में खतना हुआ है,+ जो परमेश्‍वर की पवित्र शक्‍ति से पवित्र सेवा करते हैं और मसीह यीशु पर गर्व करते हैं+ और शरीर पर भरोसा नहीं करते। 4 लेकिन अगर किसी के पास शरीर पर भरोसा करने की वजह है, तो सबसे बढ़कर मेरे पास है।

अगर कोई और आदमी सोचता है कि उसके पास शरीर पर भरोसा करने की वजह है तो उससे भी बढ़कर मेरे पास हैं: 5 आठवें दिन मेरा खतना हुआ,+ मैं इसराएल राष्ट्र के बिन्यामीन गोत्र का हूँ, जन्म से इब्रानी हूँ और मेरे माता-पिता भी इब्रानी थे।+ कानून के हिसाब से मैं एक फरीसी हूँ।+ 6 जहाँ तक जोशीला होने की बात है, मैं मंडली पर ज़ुल्म किया करता था।+ जहाँ तक कानून से नेक ठहरने की बात है, मैंने खुद को निर्दोष साबित किया है। 7 फिर भी जो बातें मेरे फायदे की थीं, उन्हें मैंने मसीह की खातिर बेकार समझा है।*+ 8 यही नहीं, मैं अपने प्रभु मसीह यीशु के बारे में उस ज्ञान की खातिर जिसका कोई मोल नहीं लगाया जा सकता, सब बातों को बेकार समझता हूँ। उसी की खातिर मैंने सब बातों को ठुकरा दिया है और मैं उन्हें ढेर सारा कूड़ा समझता हूँ ताकि मसीह को पा सकूँ 9 और उसके साथ एकता में पाया जाऊँ और इस वजह से नहीं कि मैं कानून मानकर नेक ठहरा हूँ बल्कि मसीह पर विश्‍वास करने की वजह से परमेश्‍वर मुझे नेक समझता है।+ 10 मेरा लक्ष्य यही है कि मैं मसीह को और उसके दोबारा ज़िंदा होने की ताकत को जानूँ+ और उसके जैसी दुख-तकलीफें सहूँ+ और उसके जैसी मौत मरने के लिए खुद को दे दूँ+ 11 ताकि मैं किसी तरह उन लोगों में से होऊँ जो पहले ज़िंदा किए जाएँगे।+

12 ऐसी बात नहीं कि मैं अभी से यह इनाम पा चुका हूँ या मैं परिपूर्ण हो चुका हूँ, बल्कि मैं पुरज़ोर कोशिश कर रहा हूँ+ ताकि मैं हर हाल में वह इनाम पा सकूँ जिसके लिए मसीह यीशु ने मुझे चुना है।+ 13 भाइयो, मैं अपने बारे में यह नहीं मानता कि मैं वह इनाम पा चुका हूँ, मगर एक बात पक्की है: जो बातें पीछे रह गयी हैं, उन्हें भूलकर+ मैं खुद को खींचता हुआ उन बातों की तरफ बढ़ता जा रहा हूँ जो आगे रखी हैं।+ 14 और परमेश्‍वर ने मसीह यीशु के ज़रिए ऊपर का जो बुलावा दिया है,+ उस इनाम+ के लक्ष्य तक पहुँचने के लिए मैं पुरज़ोर कोशिश कर रहा हूँ। 15 इसलिए हम सभी जो प्रौढ़* हैं,+ हमारी सोच और हमारा नज़रिया ऐसा ही हो। और अगर तुम्हारा झुकाव किसी और तरफ होगा तो परमेश्‍वर तुम पर ज़ाहिर कर देगा कि सही सोच और नज़रिया क्या है। 16 और हमने जिस हद तक तरक्की की है, आओ हम इसी राह पर कायदे से चलते रहें।

17 भाइयो, तुम सब मिलकर मेरी मिसाल पर चलो+ और उन पर गौर करते रहो जो उस मिसाल के मुताबिक चलते हैं जो हमने तुम्हारे लिए रखी है। 18 इसलिए कि ऐसे कई हैं जिनका मैं पहले अकसर ज़िक्र किया करता था लेकिन अब उनका ज़िक्र करते वक्‍त मेरी आँखों में आँसू आ जाते हैं, क्योंकि वे मसीह के यातना के काठ* के दुश्‍मन बन गए हैं। 19 उनका अंजाम विनाश है और उनका पेट ही उनका ईश्‍वर है और जिन बातों पर उन्हें शर्मिंदा होना चाहिए, उन पर वे घमंड करते हैं और धरती की बातों के बारे में सोचते रहते हैं।+ 20 मगर हमारी नागरिकता+ स्वर्ग की है+ और उसी जगह से हम एक उद्धारकर्ता यानी प्रभु यीशु मसीह का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं।+ 21 वह अपनी उस महाशक्‍ति से, जिसके ज़रिए वह सबकुछ अपने वश में कर सकता है,+ हमारे तुच्छ शरीर को बदलकर इन्हें अपने शरीर की तरह महिमा से भर देगा।+

हिंदी साहित्य (1972-2025)
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