पवित्र शक्ति के ज़रिए जीवन और आज़ादी (1-11)
पवित्र शक्ति के ज़रिए गोद लिए जाते हैं (12-17)
सृष्टि परमेश्वर के बच्चे होने की आज़ादी के इंतज़ार में (18-25)
‘पवित्र शक्ति हमारे लिए बिनती करती है’ (26, 27)
परमेश्वर ने पहले से तय किया (28-30)
परमेश्वर के प्यार की मदद से जीत (31-39)