पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल) यशायाह का सारांश यशायाह सारांश 1 पिता और उसके बागी बेटे (1-9) दिखावे की उपासना से यहोवा को नफरत (10-17) ‘आओ हम मामला सुलझा लें’ (18-20) सिय्योन दोबारा विश्वासयोग्य नगरी बनेगी (21-31) 2 यहोवा का पर्वत ऊँचा किया जाएगा (1-5) तलवारों को हल के फाल बनाएँगे (4) यहोवा का दिन घमंडियों को नीचा करेगा (6-22) 3 यहूदा के अगुवे गुमराह करते हैं (1-15) सिय्योन की बेटियों को मिलेगी सज़ा (16-26) 4 सात औरतों के लिए एक आदमी (1) जो चीज़ यहोवा उगाएगा शानदार दिखेगी (2-6) 5 यहोवा के अंगूरों के बाग पर गीत (1-7) यहोवा के बाग पर आनेवाली आफतें (8-24) परमेश्वर का क्रोध भड़का (25-30) 6 दर्शन जिसमें यहोवा अपने मंदिर में है (1-4) “यहोवा पवित्र, पवित्र, पवित्र है” (3) यशायाह के होंठ शुद्ध किए गए (5-7) यशायाह को भेजा गया (8-10) “मैं यहाँ हूँ! मुझे भेज!” (8) “हे यहोवा, ऐसा कब तक रहेगा?” (11-13) 7 राजा आहाज के लिए संदेश (1-9) शार-याशूब (3) इम्मानुएल निशानी ठहरेगा (10-17) विश्वासघात के अंजाम (18-25) 8 अश्शूर धावा बोलने आ रहा है (1-8) महेर-शालाल-हाश-बज़ (1-4) मत डरो—“परमेश्वर हमारे साथ है!” (9-17) यशायाह और उसके बच्चे चिन्ह ठहरे (18) कानून में ढूँढ़ो, दुष्ट स्वर्गदूतों से मत पूछो (19-22) 9 गलील देश में तेज़ रौशनी चमकी (1-7) ‘शांति के शासक’ का जन्म (6, 7) इसराएल पर परमेश्वर का हाथ उठा (8-21) 10 इसराएल पर परमेश्वर का हाथ उठा (1-4) अश्शूर—परमेश्वर के क्रोध की छड़ी (5-11) अश्शूर को सुनायी सज़ा (12-19) याकूब के बचे हुए लौटेंगे (20-27) परमेश्वर अश्शूर को सज़ा देगा (28-34) 11 यिशै की टहनी नेकी से राज करेगी (1-10) भेड़िया, मेम्ने के साथ बैठेगा (6) पृथ्वी यहोवा के ज्ञान से भर जाएगी (9) बचे हुए लोगों की बहाली (11-16) 12 धन्यवाद का गीत (1-6) “याह यहोवा मेरी ताकत है” (2) 13 बैबिलोन के खिलाफ संदेश (1-22) यहोवा का दिन करीब है! (6) मादी, बैबिलोन को हरा देंगे (17) बैबिलोन फिर नहीं बसेगी (20) 14 इसराएल अपने देश में बसेगा (1, 2) बैबिलोन के राजा पर कसा ताना (3-23) चमकता तारा आसमान से गिरेगा (12) यहोवा का हाथ अश्शूर को कुचल देगा (24-27) पलिश्त के खिलाफ संदेश (28-32) 15 मोआब के खिलाफ संदेश (1-9) 16 मोआब को संदेश सुनाना जारी (1-14) 17 दमिश्क के खिलाफ संदेश (1-11) राष्ट्रों को यहोवा फटकारेगा (12-14) 18 इथियोपिया के खिलाफ संदेश (1-7) 19 मिस्र के खिलाफ संदेश (1-15) मिस्र यहोवा को जान जाएगा (16-25) मिस्र में यहोवा के लिए एक वेदी (19) 20 मिस्र और इथियोपिया के खिलाफ निशानी (1-6) 21 समुद्री वीराने के खिलाफ संदेश (1-10) पहरे की मीनार पर पहरा देना (8) “बैबिलोन नगरी गिर पड़ी!” (9) दूमा और रेगिस्तान के खिलाफ संदेश (11-17) “पहरेदार! रात कब खत्म होगी?” (11) 22 दर्शन की घाटी के लिए संदेश (1-14) प्रबंधक शेबना की जगह एल्याकीम चुना गया (15-25) लाक्षणिक खूँटी (23-25) 23 सोर के खिलाफ संदेश (1-18) 24 यहोवा देश को खाली कर देगा (1-23) यहोवा सिय्योन का राजा (23) 25 परमेश्वर के लोगों पर ढेरों आशीषें (1-12) यहोवा की दावत में उम्दा दाख-मदिरा (6) मौत नहीं रहेगी (8) 26 भरोसे और उद्धार का गीत (1-21) याह यहोवा सदा कायम रहनेवाली चट्टान (4) धरती के लोग नेकी सीखेंगे (9) ‘तेरे जो मर गए हैं उठेंगे’ (19) अंदरवाले कमरे में जाकर छिप जाओ (20) 27 लिव्यातान को यहोवा ने मार डाला (1) गीत जिसमें इसराएल अंगूरों का बाग है (2-13) 28 धिक्कार है एप्रैम के शराबियों पर! (1-6) यहूदा के याजक और भविष्यवक्ता लड़खड़ाते हैं (7-13) “मौत के साथ करार” (14-22) सिय्योन में कीमती कोने का पत्थर (16) यहोवा का अनोखा काम (21) कैसे यहोवा बुद्धिमानी से सुधारता है (23-29) 29 धिक्कार है अरीएल पर! (1-16) सिर्फ होंठों से आदर करना गलत है (13) बहरे सुनेंगे; अंधे देखेंगे (17-24) 30 मिस्र की मदद बेकार है (1-7) लोग भविष्यवक्ताओं का संदेश ठुकराते हैं (8-14) भरोसा रखने से हिम्मत मिलेगी (15-17) यहोवा ने अपने लोगों पर दया की (18-26) यहोवा महान उपदेशक (20) “राह यही है” (21) यहोवा अश्शूर को सज़ा देगा (27-33) 31 सच्ची मदद परमेश्वर से, इंसानों से नहीं (1-9) मिस्र के घोड़े हाड़-माँस के हैं (3) 32 राजा और हाकिम सच्चे न्याय से शासन करेंगे (1-8) बेफिक्र औरतों को मिली चेतावनी (9-14) पवित्र शक्ति उँडेले जाने पर आशीषें (15-20) 33 नेक जनों के लिए आशा और इंसाफ (1-24) यहोवा न्यायी, कानून देनेवाला और राजा है (22) कोई नहीं कहेगा, “मैं बीमार हूँ” (24) 34 यहोवा राष्ट्रों से बदला लेगा (1-4) एदोम उजड़ जाएगा (5-17) 35 धरती फिर से सुंदर हो जाएगी (1-7) अंधे देखेंगे; बहरे सुनेंगे (5) छुड़ाए गए लोगों के लिए पवित्र मार्ग (8-10) 36 यहूदा पर सनहेरीब का हमला (1-3) रबशाके यहोवा पर ताना कसता है (4-22) 37 हिजकियाह यशायाह के ज़रिए परमेश्वर से मदद माँगता है (1-7) सनहेरीब यरूशलेम को धमकाता है (8-13) हिजकियाह की प्रार्थना (14-20) परमेश्वर का जवाब (21-35) स्वर्गदूत ने 1,85,000 अश्शूरियों को मार डाला (36-38) 38 हिजकियाह की बीमारी; उसका ठीक होना (1-22) धन्यवाद का गीत (10-20) 39 बैबिलोन से आए दूत (1-8) 40 परमेश्वर के लोगों को दिलासा (1-11) वीराने में कोई पुकार रहा है (3-5) परमेश्वर की महानता (12-31) राष्ट्र, पानी की एक बूँद (15) परमेश्वर “पृथ्वी के घेरे” पर विराजमान (22) हर तारे को नाम से पुकारता है (26) परमेश्वर कभी थकता नहीं (28) यहोवा पर भरोसा रखने से नयी ताकत मिलती है (29-31) 41 जीत पानेवाला पूरब से उभरा (1-7) इसराएल को परमेश्वर का सेवक चुनना (8-20) ‘मेरा दोस्त अब्राहम’ (8) दूसरे ईश्वरों को दी चुनौती (21-29) 42 परमेश्वर का सेवक; उसका काम (1-9) ‘यहोवा मेरा नाम है’ (8) यहोवा की तारीफ में नया गीत (10-17) इसराएल अंधा और बहरा है (18-25) 43 यहोवा लोगों को दोबारा इकट्ठा करेगा (1-7) देवताओं पर मुकदमा (8-13) “तुम मेरे साक्षी हो” (10, 12) बैबिलोन से रिहाई (14-21) “हम एक-दूसरे से मुकदमा लड़ेंगे” (22-28) 44 परमेश्वर के चुने हुओं पर आशीषें (1-5) यहोवा को छोड़ कोई परमेश्वर नहीं (6-8) इंसान की बनायी मूरतें व्यर्थ (9-20) यहोवा, इसराएल का छुड़ानेवाला (21-23) कुसरू के हाथों बहाली (24-28) 45 बैबिलोन को जीतने के लिए कुसरू का अभिषेक (1-8) मिट्टी कुम्हार से बहस नहीं कर सकती (9-13) बाकी राष्ट्र इसराएल का आदर करेंगे (14-17) सृष्टि और भविष्यवाणियाँ दिखाती हैं कि परमेश्वर भरोसेमंद है (18-25) पृथ्वी को बसने के लिए रचा (18) 46 बैबिलोन के देवता; इसराएल का परमेश्वर (1-13) यहोवा भविष्य की बातें बताता है (10) पूरब से एक शिकारी पक्षी (11) 47 बैबिलोन का गिरना (1-15) ज्योतिषियों का परदाफाश (13-15) 48 इसराएल को फटकारना; शुद्ध करना (1-11) यहोवा बैबिलोन के खिलाफ उठेगा (12-16क) परमेश्वर की शिक्षा फायदेमंद (16ख-19) “बैबिलोन से निकल जाओ!” (20-22) 49 यहोवा के सेवक का काम (1-12) राष्ट्रों के लिए रौशनी (6) इसराएल को दिलासा (13-26) 50 इसराएल के पाप से आयी मुसीबतें (1-3) यहोवा का आज्ञाकारी सेवक (4-11) सीखनेवालों की ज़बान और कान (4) 51 सिय्योन फिर से अदन के बाग जैसी (1-8) सिय्योन के बनानेवाले से मिला दिलासा (9-16) यहोवा के क्रोध का प्याला (17-23) 52 जाग सिय्योन जाग! (1-12) खुशखबरी लानेवालों के सुंदर पाँव (7) सिय्योन के पहरेदारों ने जयजयकार की (8) यहोवा के बरतन उठानेवाले शुद्ध हों (11) यहोवा का सेवक महान किया जाएगा (13-15) बिगड़ा हुआ रूप (14) 53 यहोवा के सेवक का दुख; उसकी मौत; उसे दफनाना (1-12) उसे तुच्छ जाना; किनारा किया (3) उसने बीमारी और दर्द ले लिया (4) “भेड़ की तरह बलि होने के लिए” (7) वह बहुतों का पाप उठा ले गया (12) 54 बाँझ सिय्योन के कई बेटे होंगे (1-17) यहोवा, सिय्योन का पति (5) सिय्योन के बेटे यहोवा के सिखाए हुए होंगे (13) सिय्योन पर उठे हथियार नाकाम होंगे (17) 55 मुफ्त में खाने-पीने का न्यौता (1-5) यहोवा और उसके भरोसेमंद वचन की खोज करो (6-13) परमेश्वर की राहें इंसान की राहों से ऊँची (8, 9) परमेश्वर का वचन ज़रूर पूरा होगा (10, 11) 56 परदेसियों और नपुंसकों पर आशीषें (1-8) सबके लिए प्रार्थना का घर (7) अंधे पहरेदार, गूँगे कुत्ते (9-12) 57 नेक जन और वफादार लोग मिट गए (1, 2) इसराएल के विश्वासघात का परदाफाश (3-13) दीन जनों को दिलासा (14-21) दुष्ट, अशांत समुंदर जैसा है (20) दुष्टों को शांति नहीं मिलती (21) 58 सच्चा और दिखावटी उपवास (1-12) सब्त मनाने में खुशी (13, 14) 59 इसराएल के पाप उन्हें परमेश्वर से दूर ले गए (1-8) पाप कबूल करना (9-15क) पश्चाताप करनेवालों के लिए यहोवा कदम उठाता है (15ख-21) 60 यहोवा का तेज सिय्योन पर चमका (1-22) कबूतरों की तरह कबूतरखाने की ओर (8) ताँबे के बदले सोना (17) थोड़े-से-थोड़ा, एक हज़ार हो जाएगा (22) 61 खुशखबरी सुनाने के लिए हुआ अभिषेक (1-11) ‘यहोवा की मंज़ूरी पाने का साल’ (2) “नेकी के बड़े-बड़े पेड़” (3) परदेसी मदद करेंगे (5) “यहोवा के याजक” (6) 62 सिय्योन का नया नाम (1-12) 63 यहोवा राष्ट्रों से बदला लेगा (1-6) बीते समय में यहोवा का अटल प्यार (7-14) पश्चाताप की प्रार्थना (15-19) 64 पश्चाताप की प्रार्थना जारी (1-12) यहोवा “हमारा कुम्हार” (8) 65 यहोवा ने मूर्ति पूजनेवालों को सज़ा सुनायी (1-16) सौभाग्य देवता; भविष्य बतानेवाला देवता (11) “मेरे सेवक खाएँगे” (13) नया आकाश और नयी पृथ्वी (17-25) घर बनाना; अंगूरों के बाग लगाना (21) किसी की मेहनत बेकार नहीं जाएगी (23) 66 सच्ची और झूठी उपासना (1-6) सिय्योन माँ और उसके बेटे (7-17) लोग यरूशलेम में उपासना के लिए इकट्ठा हुए (18-24)