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परमेश्वर के विश्राम में दाखिल न होना, एक खतरा (1-10)
उसके विश्राम में दाखिल होने का बढ़ावा (11-13)
यीशु महान महायाजक (14-16)
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प्रौढ़ता की तरफ बढ़ो (1-3)
जो गिर जाते हैं वे बेटे को दोबारा काठ पर ठोंकते हैं (4-8)
अपनी आशा के पूरा होने का पक्का भरोसा रखो (9-12)
परमेश्वर का वादा पक्का है (13-20)
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जानवरों का बलिदान पापों को नहीं मिटा सका (1-4)
मसीह का बलिदान एक बार हमेशा के लिए (5-18)
एक नयी और जीवित राह (19-25)
जानबूझकर पाप करने से खबरदार (26-31)
धीरज धरने का भरोसा और विश्वास (32-39)
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यीशु, हमारे विश्वास को परिपूर्ण करनेवाला (1-3)
यहोवा की शिक्षा को तुच्छ मत समझो (4-11)
अपने कदमों के लिए सीधी राह बनाओ (12-17)
स्वर्ग की यरूशलेम के पास जाना (18-29)
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