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lfb पाठ 33 पेज 82-पेज 83 पैरा. 2
नाओमी रूत से घर लौटने के लिए कह रही है

पाठ 33

रूत और नाओमी

एक बार जब इसराएल में अकाल पड़ा तो नाओमी नाम की एक इसराएली औरत अपने पति और दोनों बेटों के साथ मोआब देश चली गयी। बाद में नाओमी के पति की मौत हो गयी। उसके बेटों ने मोआबी औरतों से शादी की। एक का नाम रूत था और दूसरी का ओरपा। मगर दुख की बात है कि कुछ समय बाद नाओमी के बेटों की भी मौत हो गयी।

जब नाओमी ने सुना कि इसराएल में अब अकाल नहीं है तो उसने अपने देश लौटने का फैसला किया। रूत और ओरपा उसके साथ निकल पड़ीं। मगर रास्ते में नाओमी ने उनसे कहा, ‘तुम दोनों ने पत्नियों और बहुओं की ज़िम्मेदारी अच्छी तरह निभायी। अब मैं चाहती हूँ कि तुम दोनों फिर से शादी कर लो। इसलिए तुम मोआब में अपने घर लौट जाओ।’ मगर उन्होंने कहा, ‘हम तुझसे प्यार करते हैं। हम तुझे छोड़कर नहीं जाएँगे।’ नाओमी उनसे बार-बार जाने के लिए कहती रही। आखिर में ओरपा अपने घर लौट गयी, मगर रूत नहीं गयी। नाओमी ने उससे कहा, ‘ओरपा अपने लोगों और अपने देवताओं के पास वापस जा रही है। तू भी उसके साथ अपनी माँ के घर चली जा।’ मगर रूत ने कहा, ‘मैं तुझे छोड़कर नहीं जाऊँगी। तेरे लोग मेरे लोग होंगे और तेरा परमेश्‍वर मेरा परमेश्‍वर होगा।’ आपको क्या लगता है, रूत की यह बात सुनकर नाओमी को कैसा लगा होगा?

जब रूत और नाओमी इसराएल पहुँचीं तब तक जौ की कटाई शुरू हो चुकी थी। एक दिन रूत बोअज़ नाम के आदमी के खेत में बचा हुआ अनाज इकट्ठा करने गयी। बोअज़, राहाब का बेटा था। बोअज़ ने सुना कि रूत एक मोआबी औरत है और उसने नाओमी का साथ नहीं छोड़ा है। बोअज़ ने खेत में काम करनेवालों से कहा कि वे खेत में ज़्यादा अनाज छोड़ दें ताकि रूत उसे इकट्ठा कर सके।

रूत बोअज़ के खेत में अनाज इकट्ठा कर रही है

शाम को नाओमी ने रूत से पूछा, ‘तूने आज किसके खेत में काम किया?’ रूत ने कहा, ‘बोअज़ नाम के आदमी के खेत में।’ नाओमी ने कहा, ‘वह तो मेरे पति का रिश्‍तेदार है। तू दूसरी जवान औरतों के साथ उसी के खेत में काम करना। तुझे वहाँ कुछ नहीं होगा।’

नाओमी बोअज़, रूत और ओबेद के साथ

रूत कटाई खत्म होने तक बोअज़ के खेत में ही काम करती रही। बोअज़ ने देखा कि रूत बहुत मेहनती है और एक अच्छी औरत है। उस ज़माने में अगर एक आदमी की मौत हो जाती और उसका कोई बेटा न हो, तो उसका एक रिश्‍तेदार उसकी विधवा से शादी करता। इसलिए बोअज़ ने रूत से शादी की। उनका एक बेटा हुआ जिसका नाम ओबेद था। ओबेद आगे चलकर राजा दाविद का दादा बना। नाओमी के आस-पड़ोस की औरतें बहुत खुश हुईं। उन्होंने कहा, ‘यहोवा ने पहले तुझे रूत दी जिसने तेरे साथ बहुत भलाई की और अब उसने तुझे एक पोता दिया है। यहोवा की बड़ाई हो।’

“ऐसा भी दोस्त होता है, जो भाई से बढ़कर वफा निभाता है।”—नीतिवचन 18:24

सवाल: रूत ने कैसे दिखाया कि वह नाओमी से प्यार करती है? यहोवा ने कैसे रूत और नाओमी की देखभाल की?

रूत 1:1–4:22; मत्ती 1:5

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