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  • हर कोई तसल्ली चाहता है
  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (जनता के लिए)—2016
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प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (जनता के लिए)—2016
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पहले पेज का विषय | दुख की घड़ी में तसल्ली कैसे पाएँ?

हर कोई तसल्ली चाहता है

एक माँ बड़े प्यार से अपने बच्चे को दवा लगा रही है

क्या आप कभी बचपन में खेलते-खेलते गिरे हैं? हो सकता है आपके हाथ में चोट लगी हो या आपका घुटना छिल गया हो और आप रोने लगे हों। क्या आपको याद है कि उस वक्‍त आपकी माँ ने क्या किया था? शायद पहले उन्होंने घाव साफ किया होगा, फिर मरहम-पट्टी की होगी। आप बहुत रो रहे थे, लेकिन जब माँ ने गले से लगाकर आपको चुप कराया, तब आपको कितनी तसल्ली मिली। उस उम्र में तसल्ली पाना कितना आसान था।

लेकिन जब हम बड़े हो जाते हैं, तो ज़िंदगी वैसी नहीं रहती, जैसी बचपन में थी। उम्र के साथ-साथ हमारी समस्याएँ भी बढ़ती चली जाती हैं और दिलासा पाना और भी मुश्‍किल हो जाता है। तब माँ की ममता या मरहम-पट्टी भी काम नहीं आती। कुछ उदाहरणों पर गौर कीजिए:

  • क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है कि अचानक आपकी नौकरी चली गयी हो? हूल्यान कहता है कि जब उसे बताया गया कि उसे नौकरी से निकाल दिया गया है, तो उसका दिल बैठ गया। वह सोचने लगा कि अब क्या होगा। उसके मन में बहुत-सी बातें घूमने लगीं, ‘मैं परिवार का खयाल कैसे रखूँगा? मैंने सालों तक इस कंपनी में मेहनत की और अब उन्हें लगता है कि मैं किसी काम का नहीं?’

  • क्या आपके जीवन-साथी ने आपको छोड़ दिया है? राकेल नाम की एक स्त्री कहती है, ‘18 महीने पहले जब मेरे पति मुझे अचानक छोड़कर चले गए, तो मैं बहुत दुखी हो गयी और मुझे ऐसा लगा जैसे मेरे दिल के दो टुकड़े हो गए हों। मेरे शरीर में भी हर वक्‍त दर्द रहने लगा। भविष्य के बारे में सोचते ही मुझे डर लगने लगता था।’

  • क्या आपको कोई ऐसी बीमारी है, जो ठीक होने का नाम ही नहीं ले रही? सदियों पहले अय्यूब नाम का एक व्यक्‍ति ने कहा, “मुझे अपने जीवन से घृणा आती है; मैं सर्वदा जीवित रहना नहीं चाहता।” (अय्यूब 7:16) शायद आपको भी अय्यूब जैसा लगे या फिर लूईस नाम के व्यक्‍ति जैसा लगे जिसकी उम्र 80 के आस-पास है, वह कहता है, “कभी-कभी तो ऐसा लगता है कि मैं बस मरने का इंतज़ार कर रहा हूँ।”

  • हो सकता है कि किसी अपने की मौत का गम आपको सताता रहता हो। रौबर्ट कहता है, ‘जब मेरे बेटे की मौत एक हवाई दुर्घटना में हुई, तो पहले मुझे यकीन ही नहीं हुआ। फिर मुझे ऐसा लगा कि जैसे किसी ने तलवार से मेरे शरीर को चीर दिया हो।’—लूका 2:35.

रौबर्ट, लूईस, राकेल और हूल्यान के हालात अलग-अलग थे। इसके बावजूद उन्हें मुश्‍किलों के दौरान तसल्ली मिली। उन्हें यह तसल्ली देनेवाला दुनिया का सबसे शक्‍तिशाली व्यक्‍ति, परमेश्‍वर है, जिसका नाम पवित्र शास्त्र में यहोवा बताया गया है। वह तसल्ली कैसे देता है? क्या वह आपको भी तसल्ली देगा? (wp16-E No. 5)

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