विषय-सूची
29 मई, 2017–4 जून, 2017 का हफ्ता
3 “तू जो भी मन्नत माने उसे पूरा करना”
आपने यहोवा से कितने वादे किए हैं? क्या आपको लगता है कि आप उन्हें निभाने में कामयाब हो रहे हैं? अपने समर्पण के वादे और शादी की शपथ के बारे में आप क्या कहेंगे? इस लेख में हम यिप्तह और हन्ना की बढ़िया मिसालों से सीखेंगे जिन्होंने अपनी मन्नतें पूरी की थीं। इन मिसालों पर ध्यान देने से हम यहोवा से किए अपने वादे पूरे कर पाएँगे।
5-11 जून, 2017 का हफ्ता
9 जब परमेश्वर का राज आएगा, तो क्या-क्या मिट जाएगा?
हम अकसर सोचते हैं कि यहोवा हमें नयी दुनिया में क्या-क्या आशीषें देगा। लेकिन इस लेख में हम चार ऐसी समस्याओं पर चर्चा करेंगे जिन्हें यहोवा मिटा देगा और ऐसी दुनिया लाएगा जहाँ शांति और खुशहाली होगी। इस चर्चा से हमारा विश्वास मज़बूत होगा और धीरज धरने का हमारा इरादा और पक्का होगा।
14 जीवन कहानी—मैं मसीह का सैनिक हूँ, उसी का सैनिक रहूँगा
12-18 जून, 2017 का हफ्ता
18 “सारी दुनिया का न्याय करनेवाला” हमेशा वही करता है जो सही है
19-25 जून, 2017 का हफ्ता
23 क्या आप यहोवा के न्याय के स्तरों पर चलेंगे?
जब हमें लगता है कि मंडली में हमारे साथ या किसी और के साथ अन्याय हो रहा है तब हमारे विश्वास, नम्रता और वफादारी की परख हो सकती है। इन लेखों में हम बाइबल से तीन उदाहरणों पर चर्चा करेंगे जिनकी मदद से हम न्याय के बारे में यहोवा जैसा नज़रिया रख पाएँगे।
26 जून, 2017–2 जुलाई, 2017 का हफ्ता
28 यहोवा की सेवा के लिए आगे आइए कि उसकी बड़ाई हो
यहोवा को हमसे किसी भी चीज़ की ज़रूरत नहीं है मगर यह देखकर उसे खुशी होती है कि हम उसकी हुकूमत का साथ देने में कितनी मेहनत करते हैं। न्यायियों अध्याय 4 और 5 से हम सीखेंगे कि जब हम खुशी-खुशी यहोवा की सेवा करते हैं और उसके निर्देशों को मानते हैं तो वह इसकी कदर करता है।