स्मारक में उनका स्वागत कीजिए
पिछले कुछ सालों में, स्मारक में उपस्थित ३ व्यक्तियों में से सिर्फ़ १ व्यक्ति ही सुसमाचार का प्रकाशक था। संभवतः शायद इस साल भी वैसा ही होगा। कुछ लोग शायद दूसरे शहर में रहनेवाले एक रिश्तेदार या परिचित व्यक्ति के आग्रह करने पर उपस्थित हों, जबकि दूसरे शायद स्थानीय प्रकाशकों द्वारा आमंत्रित किए गए हों। इसके अतिरिक्त उपस्थित होनेवाले अन्य जन वे हैं जो, बपतिस्मा-प्राप्त होने पर भी अब सेवकाई में सक्रिय नहीं हैं। हम निष्कपटता से उन सब का स्वागत करते हैं जो यीशु की आज्ञा के लिए आदर दिखाते हैं: “मेरे स्मरण के लिये यही किया करो।”—१ कुरि. ११:२४; रोमि. १५:७.
२ नियुक्त परिचारकों को सभी का, ख़ास तौर पर नए जनों का स्वागत करने के लिए सतर्क रहना चाहिए, जब वे राज्यगृह आते हैं। बहरहाल, स्मारक में हम सब आतिथ्य-सत्कार करने में भाग ले सकते हैं। (रोमि. १२:१३) यह कैसे?
३ उस शाम कुछ प्रकाशक दिलचस्पी रखनेवालों के लिए वाहन व्यवस्था प्रदान करने में बहुत ही व्यस्त होंगे। अन्य जन जल्दी आ सकते हैं ताकि उन अतिथियों का स्वागत करने के लिए उपस्थित हो सकें जो अपने आप आते हैं। जब एक अजनबी राज्यगृह में प्रवेश करता है, उसका स्नेहपूर्वक स्वागत कीजिए और वार्तालाप शुरू कीजिए। उसे पूछिए कि क्या वह किसी स्थानीय गवाह को जानता है। अगर जानता है, तो उस व्यक्ति के आने तक उसका ख़्याल रखिए। (लूका १०:३५ से तुलना कीजिए.) अगर वह किसी को वैयक्तिक रूप से नहीं जानता है, तो क्यों न उसे सभा के दौरान अपने साथ बैठने का आमंत्रण दें? समझाइए कि कार्यक्रम के दौरान दाखमधु और रोटी का प्रयोग किस तरह किया जाएगा। वक्ता द्वारा उद्धृत शास्त्रवचनों को खोलने के लिए उसे शायद आपकी सहायता की ज़रूरत हो।
४ स्मारकोत्सव की समाप्ति पर, उसे बताइए कि आप उसके आने से ख़ुश हैं। हमारे कार्य के बारे में उसके सवाल हो सकते हैं, जिनके जवाब आप दे सकते हैं। आपकी निजी दिलचस्पी किसी बाइबल विषय पर एक चर्चा की ओर ले जा सकती है, चाहे राज्यगृह में या कहीं और। यह सराहनीय पहल करनेवाले सतर्क भाइयों द्वारा कुछ उत्कृष्ट अध्ययन शुरू किए गए हैं। अजनबी के राज्यगृह से जाने से पहले, दूसरों से उसका परिचय कराइए और उसे दोबारा आने का स्नेही आमंत्रण दीजिए।
५ हमारे उन प्यारे भाई-बहनों का स्वागत करने के लिए हम कितने ख़ुश हैं जो नियमित रूप से सभाओं में उपस्थित नहीं हो रहे हैं या कुछ समय से सेवकाई में सक्रिय नहीं हैं! ऐसे सवाल पूछने के बजाय कि वे किस लिए सभाओं में उपस्थित नहीं हुए हैं, उन्हें उपस्थित देखकर अपना आनन्द व्यक्त कीजिए। शायद स्मारक भाषण के दौरान सुनी हुई कोई बात उन्हें यहोवा के साथ अपने समर्पित रिश्ते को फिर से आँकने के लिए प्रेरित करे। हमारा स्नेही स्वागत और प्रदर्शित की गयी सच्ची चिन्ता उनके हृदयों को छू सकती है। उन्हें यह बताइए कि उन्हें दोबारा देखने के लिए आप उत्सुक हैं।—रोमि. १:११, १२.
६ अप्रैल १० के दिन अधिकांश कलीसियाओं में “सच्चा धर्म मानवी समाज की ज़रूरतों को पूरा करता है” शीर्षक पर ख़ास जन भाषण दिया जाएगा। निश्चित कीजिए कि स्मारकोत्सव के लिए उपस्थित सभी जन आमंत्रित किए गए हैं और उपस्थित होने के लिए उनकी सहायता की गयी है। यह हमारी आशा है कि इन ख़ास सभाओं के लिए उपस्थित होनेवालों का स्वागत किया जाएगा और वे यहोवा के लोगों के बीच भाईचारे की स्नेही आत्मा का अनुभव करेंगे।—भज. १३३:१.