सर्वश्रेष्ठ मनुष्य का अनुकरण करने के लिए दूसरों को आमंत्रित कीजिए
जैसे मत्ती ५:१४ में लेखबद्ध है, यीशु ने अपने शिष्यों को कहा: “तुम जगत की ज्योति हो।” यीशु के अनुयायियों को सब जगह यहोवा के राज्य और यीशु के ज़रिए उद्धार के लिए उसके प्रेममय प्रबन्ध के बारे में लोगों को बताना था। उस आदेश को ध्यान में रखते हुए, दिसम्बर के महीने में हम वह सर्वश्रेष्ठ मनुष्य जो कभी जीवित रहा पुस्तक पेश करने की उत्सुकता से प्रत्याशा करते हैं। यहाँ कुछ सुझाव हैं जिन्हें आप शायद इस्तेमाल करना चाहें।
२ अपना परिचय देने के बाद, आप शायद निम्नलिखित प्रस्तुति को अपने शब्दों में कहें:
▪“अनेक लोगों ने सोचा है कि जब यीशु इस पृथ्वी पर एक मनुष्य के रूप में जीवित था तब वह कैसा था। आपके विचार में वह किन तरीक़ों में दूसरों से भिन्न था? [जवाब के लिए रुकिए।] यह आकर्षक पुस्तक, वह सर्वश्रेष्ठ मनुष्य जो कभी जीवित रहा, उसके जीवन और सेवकाई की झलकियाँ देती है, और वह जिस प्रकार का मनुष्य था उस पर यह अंतर्दृष्टि प्रदान करती है। इसे पढ़ने के बाद, कुछ लोग ऐसा महसूस करते हैं कि मानो उन्हें यीशु के साथ व्यक्तिगत रूप से संगति करने, उसके दुःखों का भागी होने, और उसकी सेवकाई को प्रत्यक्ष देखने का एक अवसर मिला है।” पुस्तक में पहले दृष्टान्त को दिखाइए जो शीर्षक-विषय पर है। फिर प्रस्तावना को खोलिए, और उपशीर्षक “उसके बारे में सीखने से लाभ पाएँ” के नीचे दूसरे अनुच्छेद को पढ़िए। फिर पुस्तक को ४५ रुपए के चंदे में पेश कीजिए।
३ या आप शायद कुछ इस प्रकार से कहें:
▪“क्रिसमस के आस-पास, हम अकसर यीशु के बारे में काफ़ी सुनते हैं। लेकिन, क्योंकि पूरे संसार में इतनी बुरी बातें हो रही हैं, कुछ लोग शायद सोच सकते हैं कि क्या यीशु वास्तव में हमारे बारे में परवाह करता है या हमारे लिए कुछ कर सकता है। आप इसके बारे में कैसे महसूस करते हैं?” जवाब के लिए रुकिए। सर्वश्रेष्ठ मनुष्य पुस्तक का अध्याय २४ खोलिए, और संक्षिप्त चर्चा कीजिए कि यीशु क्यों पृथ्वी पर आया। फिर, दूसरों के लिए यीशु के हार्दिक प्रेम पर ज़ोर देते हुए यूहन्ना १५:१३ पढ़िए। यदि पुस्तक स्वीकार नहीं की जाती है तो पेश करने के लिए नवीनतम पत्रिकाएँ, एक ब्रोशर, या एक उपयुक्त ट्रैक्ट साथ रखना न भूलिए।
४ यहाँ एक दूसरा सुझाव है:
▪“ज़्यादातर युवा लोग अनुकरण करने के लिए आदर्श नमूनों को ढूँढ रहे हैं, लेकिन अनुकरणीय आदर्श मिलना कठिन है। यीशु मसीह ने सब के लिए परिपूर्ण उदाहरण रखा। [१ पतरस २:२१ पढ़िए।] उसका संपूर्ण जीवन अपने स्वर्गीय पिता की उपासना पर केंद्रित था। आपके विचार से यदि और अधिक लोग उसका अनुकरण करने की कोशिश करें तो कैसा होगा?” जवाब के लिए रुकिए। पुस्तक के दूसरे अन्तिम पृष्ठ पर तीसरे अनुच्छेद को खोलिए, जो उसके विशेष गुणों का वर्णन करता है। समझाइए कि कैसे सर्वश्रेष्ठ मनुष्य पुस्तक हम सभी को बेहतर व्यक्ति बनने के लिए सहायता कर सकती है।
५ आप शायद कुछ इस प्रकार की प्रस्तावना इस्तेमाल करना चाहें:
▪“जब कोई व्यक्ति यीशु मसीह का ज़िक्र करता है, तो अनेक लोग उसे या तो एक शिशु के रूप में या मरने ही वाले एक पीड़ित व्यक्ति के रूप में सोचते हैं। यीशु के बारे में उनकी धारणा सिर्फ़ उसके जन्म और उसकी मृत्यु को सम्मिलित करती है। उसने अपने जीवनकाल के दौरान जो अद्भुत बातें कहीं और जो अद्भुत कार्य किए, उस पर अकसर ध्यान नहीं दिया जाता है। जो उसने निष्पन्न किया उसका प्रभाव हर व्यक्ति पर पड़ता है जो इस पृथ्वी पर कभी जीवित रहा। इसीलिए यह अत्यावश्यक है कि उसने हमारे पक्ष में जो अद्भुत कार्य किए उसके बारे में हम जितना ज़्यादा हो सके उतना सीखें।” यूहन्ना १७:३ पढ़िए। सर्वश्रेष्ठ मनुष्य पुस्तक की प्रस्तावना के पहले पन्ने को खोलिए, और चौथे अनुच्छेद को पढ़िए। पुस्तक को पेश कीजिए और समझाइए कि इसे व्यक्तिगत अध्ययन के लिए कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है।
६ दिखाई गयी दिलचस्पी और दिए गए साहित्यों का रिकार्ड रखने का निश्चय कीजिए ताकि आप पुनःभेंट करने के द्वारा दिलचस्पी को बढ़ा सकें। जब तक कि समय है, आइए हम उत्साह से सत्हृदयी लोगों को ढूँढें और हमारे उद्धारकर्ता, यीशु मसीह के अनुयायी बनने के लिए उनकी सहायता करें।—मत्ती १६:२४.