ईश्वरशासित सेवकाई स्कूल पुनर्विचार
ईश्वरशासित सेवकाई स्कूल की कार्य-नियुक्तियों में सितंबर ७ से दिसंबर २१, १९९८ के सप्ताहों में चर्चा किए गए विषय का बंद-पुस्तक पुनर्विचार। नियत समय में जितने सवालों के जवाब आप दे सकते हैं, उनको लिखने के लिए एक अलग काग़ज़ का प्रयोग कीजिए।
[सूचना: लिखित पुनर्विचार के दौरान, किसी भी सवाल का जवाब देने के लिए, सिर्फ़ बाइबल इस्तेमाल की जा सकती है। सवालों के बाद दिए गए हवाले आपकी व्यक्तिगत खोज के लिए हैं। द वॉचटावर और प्रहरीदुर्ग के हवालों में शायद हर जगह पृष्ठ और अनुच्छेद क्रमांक नहीं दिए गए हों।]
प्रत्येक निम्नलिखित कथन का सही या गलत में जवाब दीजिए:
. १दूसरा तीमुथियुस १:६ में शब्द “बरदान” विभिन्न भाषाओं में बोलने की क्षमता को सूचित करता है जो तीमुथियुस को परमेश्वर की पवित्र आत्मा के ज़रिए दिया गया था। [साप्ताहिक बाइबल पठन; w८५ ५/१ पृ. १६ अनु. १५ देखिए।]
२. एक प्रौढ़ मसीही, परमेश्वर के वचन का ज्ञान प्रयोग करने की आदत बनाकर अपने ‘ज्ञानेन्द्रिय का अभ्यास करते करते, भले बुरे में भेद करने के लिए पक्का’ होता है। (इब्रा. ५:१४) [साप्ताहिक बाइबल पठन; w-HI८६ १/१ पृ. ११ अनु. ७ देखिए।]
३. यह हकीकत कि यहोवा “भलों और बुरों दोनों पर अपना सूर्य उदय करता है, और धर्मियों और अधर्मियों दोनों पर मेंह बरसाता है,” सूचित करती है कि मानव परिवार के साथ अपने सभी व्यवहारों में, यहोवा ने अविरोध अपनी निष्पक्षता प्रदर्शित की है। (मत्ती ५:४५) [w-HI९६ ११/१५ पृ. २५ अनु. ७]
४. बाइबल का लेखक याकूब वही याकूब है, जिसने खतना के बारे में फैसला करने के समय पर ‘प्रेरितों’ और ‘प्राचीनों’ की तरफ से बात की थी। (प्रेरि. १५:६, १३; याकू. १:१) [si पृ. २४८ अनु. २-३]
५. हालाँकि १ पतरस ५:१३ कहता है कि पतरस ने अपनी पहली पत्री बाबुल में लिखी, फिर भी प्रमाण बताता है कि बाबुल, रोम के लिए गुप्त नाम था। [si पृ. २५१ अनु. ४]
६. पहला यूहन्ना २:१८ में अभिव्यक्ति “मसीह का विरोधी आनेवाला है” किसी एक व्यक्ति की बात करती है। [साप्ताहिक बाइबल पठन; rs पृ. ३२ अनु. ३ देखिए।]
७. दूसरा यूहन्ना १० का आदेश कि कुछ व्यक्तियों को न तो घर में आने दो और न नमस्कार करो, केवल उन्हीं लोगों के बारे में है जो झूठी शिक्षा देते हैं? [साप्ताहिक बाइबल पठन; w-HI८६ ६/१ पृ. ३० अनु. १-३ देखिए।]
८. बाइबल में प्रकाशितवाक्य की किताब को आखिर में रखा गया है जो बिलकुल सही है क्योंकि यही किताब प्रेरित यूहन्ना ने आखिर में लिखी थी। [si पृ. २६३ अनु. १]
९. प्रकाशितवाक्य १३:११-१५ सही रीति से चित्रित करता है कि आंग्ल-अमेरिकन विश्व शक्ति कैसे राष्ट्रसंघ और उसके उत्तराधिकार, संयुक्त राष्ट्रसंघ दोनों का समर्थक और जीवन-देने वाला बन गया। [साप्ताहिक बाइबल पठन; w-HI८८ १२/१ पृ. २५ अनु. ३ देखिए।]
१०. क्योंकि बाइबल मद्य पेयों के लिए अनुमति देती है तो स्थानीय रिवाज़ों और परंपराओं के मुताबिक पीना गलत न होगा। (भज. १०४:१५) [w-HI९६ १२/१५ पृ. २७ अनु. ५]
निम्नलिखित सवालों के जवाब दीजिए:
११. अध्यक्ष को “मारपीट करनेवाला” न होने का अर्थ क्या है? (तीतु. १:७) [साप्ताहिक बाइबल पठन; w-HI९१ ५/१ पृ. १९ अनु. २१ देखिए।]
१२. दो कारण बताइए कि यहोवा देने को सच्ची उपासना का एक भाग क्यों बनाता है। [w-HI९६ ११/१ पृ. २९ अनु. ३-६; पृ. ३० अनु. ३]
१३. यीशु का क्या मतलब था जब उसने कहा, “बलिदान और भेंट तू ने न चाही”? (इब्रा. १०:५) [साप्ताहिक बाइबल पठन; w-HI९६ ७/१ पृ. १४ अनु. ३ देखिए।]
१४. मसीही कैसे “संसार पर जय प्राप्त” कर सकते हैं? (१ यूह. ५:३, ४) [si पृ. २५८ अनु. १२]
१५. ‘यहोवा के दिन की बाट जोहते रहने’ की पतरस की अभिव्यक्ति में क्या बात शामिल है? (२ पत. ३:१२) [साप्ताहिक बाइबल पठन; w-HI९७ ९/१ पृ. १९ अनु. २ देखिए।]
१६. पहला यूहन्ना २:२ में ऐसे कौन-से खास शब्द हैं जो यीशु की बलि-मृत्यु से लाभ उठानेवाले दो समूहों की पहचान कराते हैं? [साप्ताहिक बाइबल पठन; w-HI९० ८/१ पृ. १६ अनु. ११ देखिए।]
१७. प्रकाशितवाक्य १:७ के सामंजस्य में, यीशु को बेधनेवाले कैसे उसे ‘बादलों के साथ आते’ हुए देखेंगे? [साप्ताहिक बाइबल पठन; w९३ ५/१ पृ. २२ अनु. ७]
१८. यीशु मसीह ने इस्राएलियों के बीच साढ़े तीन वर्ष प्रचार करते हुए बिताए, फिर भी क्यों अधिकांश लोगों ने उसे मसीहा के तौर पर स्वीकार नहीं किया? [w-HI९६ ११/१५ पृ. २९ अनु. १, ६; पृ. ३० अनु. ३]
१९. प्रकाशितवाक्य १३:१, २ में सांसारिक सरकारों को “एक पशु” के रूप में चित्रित करना उपयुक्त क्यों है? [साप्ताहिक बाइबल पठन; w-HI८९ ४/१ पृ. २० अनु. १७ देखिए।]
२०. प्रकाशितवाक्य ४:४ में “चौबीस प्राचीन” किन्हें सूचित करते हैं और उनके “सिंहासन” और “मुकुट” हमें किसकी याद दिलाते हैं? [साप्ताहिक बाइबल पठन; w-HI९५ ७/१ पृ. १३ अनु. १७ देखिए।]
प्रत्येक निम्नलिखित कथन को पूरा करने के लिए आवश्यक शब्द या वाक्यांश दीजिए:
२१. तीमुथियुस को पौलुस की दूसरी पत्री ______________________से सा.यु. ______________________ में लिखी गई थी और तब तक तीमुथियुस शायद ______________________ में ही था। [si पृ. २३७ अनु. ३]
२२. उस दौड़ में दौड़ने के लिए जो हमारे सामने है हमें हर रोकनेवाली वस्तु और उलझानेवाले_____________________यानी_________________________कोदूर करना है। [साप्ताहिक बाइबल पठन; w-HI९८ १/१ पृ. १० अनु. १५ देखिए।]
२३. दूसरा पतरस १:५-८ में प्रेरित पतरस ऐसे ईश्वरीय गुणों को विकसित करने के लिए_________________________करने को कहता है, जो हमें_________________________या_________________________नहीं होने देंगे। [si पृ. २५५ अनु. ९]
२४. प्रकाशितवाक्य ६:१-८ में लाल रंग के घोड़े का सवार_________________________को; काले घोड़े का सवार_________________________को सूचित करता है; पीले घोड़े पर मृत्यु सवार है, जो बीमारी और दूसरे कारणों से_________________________को दिखाता है। [साप्ताहिक बाइबल पठन; w-HI८७ २/१ पृ. ३ बक्स देखिए।]
२५. यह प्रत्यक्षतः मसीह पूर्व_________________________में था कि यहूदियों ने यूनानियों से_________________________की शिक्षा अपनानी शुरू की। [w-HI९६ ८/१ पृ. ६ अनु. २-३]
प्रत्येक निम्नलिखित कथन में सही जवाब चुनिए:
२६. रोम में पौलुस की पहली कैद के दौरान (उनेसिफुरुस; उनेसिमुस; ओनान) जो (फिलिप्पुस; फेस्तुस; फिलेमोन) के घराने से भागा हुआ एक दास था, उसने पौलुस के प्रचार को सुना था। [si पृ. २४१ अनु. २]
२७. इब्रानियों किताब पौलुस ने ही लिखी है इसका (बाहरी; आंतरिक; सांसारिक) प्रमाण मिलता है, जैसा कि पौलुस का (तीमुथियुस; तीतुस; याकूब) के साथ (स्पेन; क्रेते; इटली) में होना। [si पृ. २४३ अनु. ३]
२८. इब्रानियों ११:१० में ‘स्थिर नेववाला नगर’ (यरूशलेम के पुनःनिर्माण; यहेजकेल ४८:३५ में ज़िक्र किए गए नगर; मसीहाई राज्य) को सूचित करता है। [si पृ. २४७ अनु. २६]
२९. यहूदा ८ में शब्द “प्रभुता” (यीशु के पद; यहोवा की सर्वसत्ता; मसीही कलीसिया में परमेश्वर प्रदत्त अधिकार) को सूचित करता है। [si पृ. २६३ अनु. ९]
३०. प्रकाशितवाक्य ११:११ में “साढ़े तीन दिन” जब अभिषिक्त शेषवर्ग अपने दुश्मनों की नज़रों में मुर्दा थे, तो यह (साढ़े तीन साल; थोड़ी समयावधि; साढ़े तीन महीनों) को सूचित करता है। [साप्ताहिक बाइबल पठन; re पृ. १६७ अनु. २१ देखिए।]
निम्नलिखित शास्त्रवचनों का नीचे सूचीबद्ध कथनों के साथ सुमेल कीजिए:
१ कुरि. ६:९-११; इब्रा. २:१; इब्रा. १०:३२; याकू. ४:१५; १ पत. ३:४
३१. उस गलत-प्रचार के प्रभावों से लड़ने के लिए जो इस संसार में हम झेलते हैं, हमें अध्ययन की अच्छी आदत डालने और बाइबल पढ़ने का अच्छा कार्यक्रम बनाने के द्वारा परमेश्वर के वचन पर “सामान्य से ज़्यादा ध्यान” देना चाहिए। [साप्ताहिक बाइबल पठन; w-HI९८ १/१ पृ. ७ अनु. ९ देखिए।]
३२. जब कभी हम भविष्य के लिए योजना बनाते हैं हमें प्रार्थनापूर्वक विचार करना चाहिए कि यह परमेश्वर के उद्देश्य के मुताबिक हो। [साप्ताहिक बाइबल पठन; w-HI९७ ११/१५ पृ. २१ अनु. १०-११ देखिए।]
३३. “नम्रता और मन की दीनता” रखनेवाली मसीही पत्नी और माता न सिर्फ़ अपने पति को प्रसन्न करती है बल्कि, उस से ज़्यादा महत्त्वपूर्ण, वह परमेश्वर को प्रसन्न करती है। [साप्ताहिक बाइबल पठन; w-HI९० ४/१ पृ. २४ अनु. १२ देखिए।]
३४. आध्यात्मिक युद्ध में निष्ठा के गत कार्यों को याद करना हमें जीवन की दौड़ को पूरा करने के लिए ज़रूरी साहस देता है। [w-HI९६ १२/१ पृ. २९ अनु. ३]
३५. यहोवा के साक्षी ऐसे किसी भी व्यक्ति को जो अपश्चातापी पियक्कड़ बनता है मसीही कलीसिया में रहने की अनुमति नहीं देते। [w-HI९६ १२/१५ पृ. २५ अनु. ३]