दुनिया भर में मसीह की मौत की यादगार मनाना
यहोवा ने हम पर अपरंपार आशीषों की वर्षा की है। उसकी बेशुमार भलाई, बेहिसाब प्यार और दया की भरमार को ऐसा “दान” कहा गया है जो “वर्णन के बाहर है।” जी हाँ ‘परमेश्वर का बड़ा अनुग्रह’ इतना अपार है कि हमारे लिए उसका शब्दों में वर्णन करना नामुमकिन है।—२ कुरि. ९:१४, १५.
२ उसका सबसे कीमती वरदान: उसका सबसे कीमती वरदान यीशु मसीह है जिसने मानवजाति की छुड़ौती के लिए खुद को कुरबान कर दिया। यहोवा ने इंसानों के लिए अपने प्यारे, एकलौते बेटे को देकर अपने प्यार का सबसे बड़ा सबूत दिया है। (यूह. ३:१६) मगर हम परमेश्वर की इस आशीष के लायक नहीं हैं। तो फिर कितना सही है कि हम यीशु की मौत की यादगार दुनिया भर में मनाएँ। लेकिन, कब और कैसे? अप्रैल १, १९९९ की शाम को दुनिया भर में सभी मसीही इस सबसे बड़ी कुरबानी को याद करने के लिए प्रभु का संध्या भोज मनाएँगे।—१ कुरि. ११:२०, २३-२६.
३ “हम पापी ही थे” फिर भी मसीह हमारे लिए मरा। इसलिए हम दिल से एहसानमंदी दिखाने के लिए उसकी मृत्यु के स्मारक समारोह में हाज़िर हो सकते हैं और इस सबसे महत्त्वपूर्ण अवसर में दूसरों को भी हाज़िर होने के लिए बुला सकते हैं।—रोमि. ५:८.
४ सबसे महत्त्वपूर्ण अवसर: मसीह की मृत्यु हमें सबसे पहले यह याद दिलाती है कि उसने परमेश्वर के सर्वसत्ता अधिकार का पूरी ईमानदारी से समर्थन किया। और यह भी याद दिलाती है कि यीशु के बलिदान में विश्वास रखने के द्वारा हम यहोवा की नज़रों में शुद्ध ठहर सकते हैं और इस तरह उद्धार पाने का यकीन रख सकते हैं। (प्रेरि. ४:१२) वाकई यह साल का सबसे महत्त्वपूर्ण अवसर है!
५ जब हम दूसरों को अपने साथ प्रभु का संध्या भोज मनाने के लिए बुलाते हैं तो इससे हम यह ज़ाहिर करते हैं कि हम उनसे कितना प्यार करते हैं। छुड़ौती बलिदान से मिलनेवाली आशीषें आज भी उन सभी लोगों को मिल सकती हैं जो इसकी कीमत को पहचानते हैं। (फिलि. ३:८) जो कोई मसीह के बलिदान में विश्वास रखता है वह अनंत जीवन की पूरी आशा रख सकता है।—यूह. १७:३.
६ परमेश्वर की इस दया की आशीष के लिए एहसानमंदी दिखाने के इस स्मारक के समय पर हमारे पास खास मौके हैं। परमेश्वर के राज्य की खुशखबरी का जोश से प्रचार करने का यह बहुत ही उमदा समय है। उन सभी लोगों को अपरंपार आशीषें मिलेंगी जो दिल में भक्ति की भावना के साथ यहोवा से मिले इस लाजवाब वरदान पर मनन करते हैं और इस साल प्रभु के संध्या भोज के मौके पर हाज़िर होते हैं!