जीएँ मसीहियों की तरह
अपनी शादी का बंधन मज़बूत बनाए रखिए
जब एक आदमी और औरत शादी की शपथ लेते हैं, तो यहोवा इस शपथ को एक गंभीर बात मानता है। यहोवा ने बताया है कि एक पति-पत्नी सारी ज़िंदगी एक-दूसरे से जुड़े रहें। (मत 19:5, 6) हमारे बीच ऐसे कई जोड़े हैं जो अपना रिश्ता बहुत अच्छी तरह निभा रहे हैं। मगर हर पति-पत्नी के बीच कभी-न-कभी समस्या आ ही जाती है। ऐसे में उन्हें दुनिया के लोगों की तरह यह नहीं सोचना चाहिए कि अलग हो जाना या तलाक ले लेना सही रहेगा। एक मसीही पति- पत्नी को पूरी कोशिश करनी चाहिए कि उनका रिश्ता कभी न टूटे। आप अपनी शादी का बंधन मज़बूत करने के लिए क्या कर सकते हैं?
पाँच बातों का ध्यान रखिए:
अपने दिल की हिफाज़त कीजिए। इश्कबाज़ी मत कीजिए और ऐसा मनोरंजन मत कीजिए जिसमें अनैतिक बातें होती हैं। वरना अपने जीवन-साथी के साथ आपका रिश्ता कमज़ोर पड़ सकता है।—मत 5:28; 2पत 2:14.
परमेश्वर के साथ अपना रिश्ता मज़बूत कीजिए। परमेश्वर एक शादीशुदा जोड़े से जो चाहता है वह कीजिए ताकि वह आपसे खुश हो।—भज 97:10.
नयी शख्सियत में जो-जो गुण होने चाहिए वे दर्शाइए। अपने साथी की मदद करने के लिए कुछ-न-कुछ कीजिए, भले ही कोई छोटे-मोटे काम हों।—कुल 3:8-10, 12-14.
नियमित तौर पर एक-दूसरे के साथ आदर से और दिल से बात कीजिए। ऐसे विषयों पर भी बात कीजिए जो आपके साथी के लिए अहमियत रखते हैं।—कुल 4:6.
प्यार से एक-दूसरे की लैंगिक ज़रूरतें पूरी कीजिए। —1कुर 7:3, 4; 10:24.
जब मसीही अपनी शादी की शपथ निभाते हैं, तो यहोवा की महिमा होती है जिसने इस खास रिश्ते की शुरूआत की है।
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