जीएँ मसीहियों की तरह
परमेश्वर की सोच जानने की कोशिश कीजिए
हम चाहते हैं कि हम जो भी करें उससे यहोवा का दिल खुश हो। (नीत 27:11) इसलिए ज़रूरी है कि हम यहोवा की सोच के मुताबिक फैसले लें, उन मामलों में भी जिनके बारे में बाइबल में कोई नियम न दिया गया हो। इसके लिए हमें क्या करना होगा?
नियमित तौर पर बाइबल का अध्ययन कीजिए: जब भी हम बाइबल पढ़ते हैं तो मानो हम यहोवा के साथ वक्त बिता रहे होते हैं। बाइबल पढ़ते वक्त हम ध्यान दे सकते हैं कि यहोवा अपने लोगों के साथ कैसे पेश आया। हम उन लोगों के उदाहरणों पर ध्यान दे सकते हैं, जिन्होंने यहोवा की नज़र में अच्छे काम किए और उन लोगों के उदाहरणों पर भी, जिन्होंने बुरे काम किए। इस तरह हम यहोवा की सोच जान पाएँगे। फिर जब हमें कोई फैसला लेना हो तो पवित्र शक्ति हमें वे सबक और सिद्धांत याद दिला सकती है, जो हमने बाइबल से सीखे हैं।—यूह 14:26.
खोजबीन कीजिए: जब आपको कोई फैसला लेना हो तो खुद से पूछिए, ‘इस मामले के बारे में यहोवा क्या सोचता है? यह मैं बाइबल की किन आयतों या घटनाओं से जान सकता हूँ?’ यहोवा से प्रार्थना करके मदद माँगिए। फिर आपकी भाषा में जो प्रकाशन मौजूद हैं उनमें खोजबीन कीजिए। ढूँढ़िए कि आपके मामले में बाइबल के कौन-से सिद्धांत लागू हो सकते हैं और फिर उन सिद्धांतों के मुताबिक काम कीजिए।—भज 25:4.
‘धीरज से दौड़ते रहिए’—पौष्टिक खाना खाइए वीडियो देखिए। फिर आगे दिए सवालों के जवाब दीजिए:
वीडियो में दिखायी नौजवान बहन पर कौन-से दबाव आए?
इस तरह के दबावों का सामना करने के लिए आप हमारे प्रकाशनों में कैसे खोजबीन कर सकते हैं?
सही फैसले लेने के लिए जब हम समय निकालकर निजी अध्ययन और खोजबीन करते हैं, तो हमें क्या फायदा होता है? —इब्र 5:13, 14