1
सेना के लिए नाम-लिखाई (1-46)
लेवियों को सेना से छूट (47-51)
छावनी डालने का कायदा (52-54)
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4
5
अशुद्ध लोग छावनी से बाहर (1-4)
पाप कबूल करना और मुआवज़ा (5-10)
व्यभिचार के शक पर पानी से परखना (11-31)
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7
8
हारून ने सात दीए जलाए (1-4)
लेवी शुद्ध किए गए; उनकी सेवा शुरू (5-22)
लेवियों की सेवा के लिए तय उम्र (23-26)
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10
चाँदी की तुरहियाँ (1-10)
सीनै से रवाना हुए (11-13)
पड़ाव उठाने का कायदा (14-28)
होबाब से रास्ता दिखाने की गुज़ारिश (29-34)
पड़ाव उठाते समय मूसा की प्रार्थना (35, 36)
11
शिकायतों की वजह से आग बरसी (1-3)
लोग गोश्त के लिए रोए (4-9)
मूसा ने नाकाबिल महसूस किया (10-15)
70 मुखियाओं को पवित्र शक्ति मिली (16-25)
एलदाद और मेदाद; यहोशू को मूसा के लिए जलन (26-30)
बटेर भेजे गए; लालच की सज़ा (31-35)
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14
लोगों ने मिस्र लौटना चाहा (1-10)
यहोवा भड़का; मूसा ने बीच-बचाव किया (11-19)
सज़ा: 40 साल वीराने में (20-38)
इसराएल को अमालेकियों ने हराया (39-45)
15
चढ़ावे के बारे में कानून (1-21)
अनजाने में किए पापों के लिए चढ़ावे (22-29)
जानबूझकर किए पापों की सज़ा (30, 31)
सब्त का नियम तोड़नेवाले को मार डाला गया (32-36)
पोशाक के नीचे के घेरे में झालर (37-41)
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याजकों और लेवियों की ज़िम्मेदारियाँ (1-7)
याजकों को मिलनेवाला हिस्सा (8-19)
लेवी दसवाँ हिस्सा पाएँगे और देंगे (20-32)
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अराद के राजा की हार (1-3)
ताँबे का साँप (4-9)
इसराएल ने मोआब के किनारे-किनारे सफर किया (10-20)
एमोरी राजा सीहोन की हार (21-30)
एमोरी राजा ओग की हार (31-35)
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लेवियों के लिए शहर (1-8)
शरण नगर (9-34)
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