बलात्कार होने पर कैसे सामना किया जाए
तैंतीस साल पहले छुरी दिखाकर मेरी का बलात्कार हुआ था। आज, मेरी के दिल की धड़कन बढ़ जाती है और उसे पसीना आ जाता है जब वह इसका वर्णन करने की कोशिश करती है। उसकी आँखों में आँसू भर आते हैं, वह कहती है, “एक स्त्री के अनुभव में इससे बढ़कर और कोई अपमानजनक बात नहीं हो सकती। यह एक घृणित, भयंकर चीज़ है।”
बलात्कार एक व्यक्ति के जीवन में सबसे विनाशक भावात्मक घटना हो सकती है, और प्रभाव जीवन-भर रह सकते हैं। एक अध्ययन में, इन्टरव्यू की गई क़रीब एक तिहाई बलात्कृत स्त्रियों ने आत्महत्या करने के बारे में सोचा था, और अधिकांश ने कहा कि उस अनुभव ने उन्हें स्थायी रूप से बदल दिया।
प्रभाव ख़ासकर अभिघातज हो सकते हैं यदि स्त्री अपने आक्रमक को जानती थी। एक परिचित व्यक्ति द्वारा बलात्कृत स्त्री को दूसरों से सहारा प्राप्त करने की सम्भावना कम है क्योंकि या तो वह किसी को बताती नहीं कि क्या हुआ या वह बताती है पर कोई विश्वास नहीं करता कि यह एक बलात्कार था। क्योंकि उसे एक ऐसे व्यक्ति से चोट पहुँची है जिस पर वह भरोसा करती थी, यह सम्भावना ज़्यादा है कि वह ख्प्ताद को दोषी मानेगी और दूसरों को परखने की अपनी क्षमता पर शक्क करेगी।
मदद स्वीकार कीजिए
अनेक बलात्कृत स्त्रियाँ शुरू-शुरू में सदमे और इन्कार की प्रतिक्रिया दिखाती हैं। एक स्त्री का बलात्कार एक ज़रूरी कॉलेज परीक्षा से थोड़े ही समय पहले हुआ। जब तक कि उसने परीक्षा नहीं दे दी उसने बलात्कार को अपने दिमाग़ में एक तरफ़ कर दिया। एक और बलात्कृत स्त्री ने कहा: “मैं ने उस बारे में अपने आपको कुछ भी नहीं सोचने दिया क्योंकि मेरे भरोसे का जान-पहचान व्यक्ति मेरी ही आँखों के सामने मेरा आक्रमक बन गया। मैं नहीं जानती थी कि आपके किसी जान-पहचान द्वारा आपका बलात्कार हो सकता है। सुनने में शायद मूर्खता लगे, लेकिन इस विश्वास ने मेरे लिए कोई आशा नहीं छोड़ी। मैं ने इतना अकेलापन महसूस किया।”
कुछ स्त्रियाँ अपने बलात्कार के बारे में किसी को न बताकर उसका इन्कार करती रहती हैं। वे उस हमले को सालों दबाए रखती हैं, जो चंगाई प्रक्रिया को धीमी कर देता है और बलात्कार के कारण दूसरी भावात्मक समस्याएँ उत्पन्न करता है जिस बात का शायद बलात्कृत स्त्री को एहसास न हो।
अक़सर स्वास्थ्यलाभ तब तक नहीं शुरू होता जब तक आप दूसरों से बात न करें। एक भरोसेमंद मित्र आपको यह देखने में मदद कर सकता है कि जो आपके साथ हुआ वह सचमुच बलात्कार था और आपकी कोई ग़लती नहीं थी। एक पुराना नीतिवचन कहता है: “मित्र सब समयों में प्रेम रखता है, और विपत्ति के दिन भाई बन जाता है।” (नीतिवचन १७:१७) साथ ही, आध्यात्मिक चरवाहे “आंधी से छिपने का स्थान, और बौछार से आड़” प्रमाणित हो सकते हैं। (यशायाह ३२:२; १ थिस्सलुनीकियों ५:१४) कुछ बलात्कृत स्त्रियों को अपनी भावनाओं को सुलझाने में मदद करने के लिए शायद एक बलात्कार-संकट केंद्र से या एक पेशेवर सलाहकार से संपर्क करने की ज़रूरत हो।
दोष की भावनाओं के कारण बलात्कृत व्यक्ति अक़सर अपने बलात्कार के बारे में बात करने से डरते हैं, ख़ासकर यदि हमले के दौरान वे लैंगिक रूप से उत्तेजित हुए थे। वे शायद दूषित और व्यर्थ महसूस करें और बलात्कार के लिए अपने को दोषी मानें—जबकि बलात्कारी को छोड़ और किसी का दोष नहीं है।
“एक अच्छे मित्र से बात करने से फ़रक पड़ा,” मेरी ने कहा, जिसने एक मसीही पर भरोसा करके बात की। “मैं बिना गंदा महसूस किए और बलात्कृत होने के बारे में बिना कलंक महसूस किए उस के साथ बात कर सकती थी।”
उसे सहारा दीजिए
दूसरी ओर, बलात्कृत स्त्री के मित्रों के लिए यह अनुचित और प्रेम रहित होगा कि उसके कथन पर संदेह करें या इस बात का फ़ैसला ख्प्ताद करें कि उसका “सचमुच बलात्कार हुआ था” या नहीं। यह कभी न कहिए कि उसे इसमें मज़ा आया था या वह अनैतिक थी। जब मदद माँगी जाए तो सबसे महत्त्वपूर्ण चीज़ जो एक मित्र कर सकता है वह यह है कि उसका विश्वास करे। उसे पुनःआश्वासन दीजिए। जब वह बात करना चाहती है तब उसकी सुनिए, लेकिन विस्तार से बताने के लिए उस पर दबाव नहीं डालिए।
यदि बलात्कार हाल में ही हुआ है, तो मित्र बलात्कृत स्त्री को चिकित्सीय मदद प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं और रहने के लिए एक सुरक्षित जगह पेश कर सकते हैं। बलात्कार की रिपोर्ट लिखवाने के लिए उसे प्रोत्साहित कीजिए, लेकिन फ़ैसले उसे ही करने दीजिए। उसने अभी-अभी एक ऐसी स्थिति का अनुभव किया है जहाँ उससे सारा नियंत्रण ले लिया गया था। आगे क्या करना है इसका चुनाव उसे ख्प्ताद करने देने के द्वारा उसे कुछ नियंत्रण पुनःप्राप्त करने दीजिए।
बलात्कृत व्यक्तियों के परिवारों को स्थिति पर भावात्मक रूप से प्रतिक्रिया दिखाने की प्रवृत्ति से बचना चाहिए। वे शायद बलात्कार के लिए किसी को दोषी ठहराना चाहें या बलात्कारी से बदला लेने की कोशिश करें, जिसमें से कुछ भी बलात्कृत की मदद नहीं करता। (रोमियों १२:१९) जो हुआ उसके लिए बलात्कारी को छोड़ किसी और पर दोष लगाना व्यर्थ है, और बदला लेने की कोशिश करना ख़तरनाक है। अपने स्वास्थ्यलाभ पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय बलात्कृत स्त्री को अपने प्रिय जनों की सुरक्षा के बारे में चिन्ता लग जाएगी।
परिवारों को इस बात से भी अवगत रहना चाहिए कि अनेक बलात्कृत व्यक्ति बलात्कार के बाद लैंगिक सम्बन्धों को भिन्न दृष्टिकोण से देखते हैं। उनके मनों में, काम-क्रिया एक शस्त्र बन गई है, और उन्हें कुछ समय के लिए शायद काम-क्रिया में कठिनाई हो, यहाँ तक कि उसके साथ भी जिससे वे प्रेम करती हैं और जिस पर वे भरोसा करती हैं। इस कारण, एक पति को अपनी पत्नी पर ज़ोर नहीं डालना चाहिए कि वह लैंगिक क्रिया दुबारा शुरू कर दे जब तक कि वह तैयार न हो। (१ पतरस ३:७) एक जवान स्त्री के आत्म-सम्मान को बढ़ाकर परिवार उसकी मदद कर सकते हैं और उसे यह दिखा सकते हैं कि उसके साथ जो कुछ हुआ उसके बावजूद भी वे उसे अब भी प्रेम करते हैं और उसका आदर करते हैं। जैसे कि बलात्कृत व्यक्ति भावात्मक स्वास्थ्यलाभ में कभी-कभी लम्बा समय लगाता है, उसे लगातार सहारे की ज़रूरत होगी।
डर और हताशा का सामना करना
जिन स्त्रियों का बलात्कार हुआ है वे कहती हैं कि उनकी सबसे ज़बरदस्त प्रतिक्रिया है डर। अधिकांश बलात्कृत व्यक्तियों ने हमले से जीवित बचने की आशा नहीं की थी। बाद में शायद उन्हें फिर से बलात्कार होने का डर हो या वे शायद बलात्कारी को अचानक देखने से भी डरें।
बलात्कार के दौरान जो डर महसूस किया गया था वह वैसी ही आवाज़ों, महक, और स्थानों के द्वारा फिर से जागृत हो सकता है। यदि एक स्त्री का बलात्कार एक गली में हुआ था, वह शायद गली में जाने से डरे। यदि उसका बलात्कार घर पर हुआ था, तो वह शायद दोबारा वहाँ कभी सुरक्षित न महसूस करे और शायद घर बदलने के लिए मजबूर हो जाए। यहाँ तक कि वैसे कोलोन की महक भी जो बलात्कारी ने लगाया था अप्रिय यादें जगा सकती है।
जबकि कुछ ही बलात्कार गर्भावस्था में परिणित होते हैं, अनेक बलात्कृत व्यक्ति इसकी सम्भावना से दहशत में होते हैं। अनेक जन उचित ही इस बारे में भी डरते हैं कि क्या उन्हें लैंगिक रूप से फैलनेवाली बीमारी तो नहीं लग गई। क़रीब ५०% बलात्कार के शिकारों को हताशा, आशाहीनता, और व्यर्थता की भावनाओं का अनुभव होता है, जो कई हफ़्तों से लेकर कई महीनों रह सकती हैं। उन्हें शायद चिन्ता, भय, और सन्त्रास के दौरों के साथ भी संघर्ष करना पड़े।
जबकि शायद स्त्रियाँ बलात्कार से बचने में समर्थ न हों, समय बीतने पर वे हमले के प्रति अपने विचारों, भावनाओं, और प्रतिक्रियाओं पर नियंत्रण पा सकती हैं। वे अपने बारे में नकारात्मक विचारों के बजाय सकारात्मक दृष्टिकोण रखना सीख सकती हैं।
“अपने आप को यह कहने के बजाय कि आप कितनी कमज़ोर, बेकार, या असहाय हैं, अपने आप से यह कहना सीखिए कि आप कितनी उन्नति कर रही हैं और हमले के तुरन्त बाद की अशांति से अब कितनी बेहतर हो गई हैं,” लिन्डा लेडरे ने रिकवरिंग फ्रॉम रेप (Recovering From Rape) में कहा। “हर दिन जब आप नकारात्मक विचारों और भावनाओं के द्वारा कम कुचला हुआ महसूस करती हैं, तो अपने आप से कहिए, ‘मैं नियंत्रण को पुनःप्राप्त करना सीख रही हूँ।’”
जो चीज़ डर उत्पन्न कर रही है उसे पहचानना सीखने के द्वारा भी डर से लड़ा जा सकता है। जब बलात्कृत यह पहचान लेती है कि क्या चीज़ डर उत्पन्न कर रही है, तब वह अपने आप से पूछ सकती है कि वह डर कितना वास्तविक है? उदाहरण के लिए, यदि वह किसी ऐसे व्यक्ति को देखती है जो उस बलात्कारी की तरह दिखता है, तो वह अपने आप को याद दिला सकती है कि वह बलात्कारी नहीं है और वह उसे चोट नहीं पहुँचाएगा।
क्रमबद्ध असंवेदीकरण एक और तरीक़ा है जिसकी सलाह डर से लड़ने के लिए दी जाती है। जिन क्रियाओं और स्थितियों से स्त्री डरती है वह उनकी इस क्रम से एक सूची बनाती है, सबसे कम डरावनी बातों से लेकर सबसे ज़्यादा डरावनी बातों तक। फिर वह कल्पना करती है कि वह उस सबसे कम तनावपूर्ण स्थिति में है और तब तक ऐसा करती है जब तक कि उसे यह न प्रतीत होने लगे कि वह स्थिति डरावनी नहीं है। एक एक करके वह सूची की सभी स्थितियों में अपनी कल्पना करती है जब तक कि वह सभी स्थितियों के बारे में सोचते समय निश्चिन्त न हो जाए।
एक मित्र की मदद से, फिर वह वास्तविक जीवन में क्रियाएँ करने की हद तक उन्नति कर सकती है, जैसे कि रात के समय घर से बाहर जाना या अकेले रहना। अन्त में वह अपने डर पर नियंत्रण कर सकती है ताकि वह उसकी दिनचर्या को फिर न प्रभावित करे। फिर भी, कुछ क्रियाओं का डर—जैसे कि रात में अंधेरी गली में जाने का डर—स्वाभाविक है, और उन स्थितियों में बेचैनी को हटाने की कोशिश करने का कोई तुक नहीं होगा।
क्रोध को पुनःनिर्दिष्ट करना
बलात्कृत व्यक्ति क्रोध की भावनाओं का भी अनुभव करते हैं, जो शुरू-शुरू में शायद सभी पुरुषों के प्रति निर्दिष्ट हो, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता जाता है, आम तौर पर बलात्कारी पर केंद्रित हो जाता है। क्रोधित लोग अक़सर अपना क्रोध अन्धाधुन्ध किसी पर भी निर्दिष्ट कर देते हैं। दूसरे शायद अपनी भावनाओं को दबाने के द्वारा प्रतिक्रिया दिखाएँ। लेकिन, क्रोध को रचनात्मक रूप से दिशा दी जा सकती है, और जिस तरह एक स्त्री अपने क्रोध से निपटती है उसे स्वास्थ्यलाभ में मदद मिल सकती है। शास्त्रवचन कहते हैं: “क्रोध तो करो, पर पाप मत करो।”—इफिसियों ४:२६.
पहली बात, बलात्कृतों को क्रोध व्यक्त करने में डरने की ज़रूरत नहीं है। वे इसके बारे में दूसरों से बात कर सकते हैं। क़ानूनी कार्यवाही में अन्तर्ग्रस्त होना या एक रिकार्ड रखना इसकी एक अभिव्यक्ति हो सकती है। वे अपने क्रोध को शारीरिक क्रियाएँ करने के द्वारा भी शांत कर सकते हैं, जैसे कि टेनिस, रैकेटबॉल, और हैंडबाल खेलना, चलना, धीरे-धीरे दौड़ना, साइकिल चलाना, या तैरना, जिनके अतिरिक्त फ़ायदे ये हैं कि ये हताशा से लड़ने में मदद करते हैं।
आप अपने जीवन का नियंत्रण पुनःप्राप्त कर सकती हैं।
कौन-सी बात बलात्कार को रोकेगी?
स्त्रियों का बलात्कारियों से छिपना या सफलतापूर्वक उनसे लड़ना ही बलात्कार को रोकने के लिए काफ़ी नहीं है। लेखक तिमोथी बेनेकी ने अपनी पुस्तक मॅन ऑन रेप (Men on Rape) में कहा, “पुरुष ही बलात्कार करते हैं और पुरुषों के पास ही बलात्कार का अन्त करने के लिए सामूहिक रूप से शक्ति है।”
बलात्कार का अन्त तब तक नहीं होगा जब तक कि पुरुष स्त्रियों को मात्र काम-वस्तु समझना न बन्द कर दें और यह न सीखें कि सफल सम्बन्ध हिंसात्मक प्रभुत्व पर निर्भर नहीं करते। व्यक्तिगत स्तर पर, प्रौढ़ पुरुष स्त्रियों के पक्ष में बात करके दूसरे पुरुषों को प्रभावित कर सकते हैं। दोनों ही, पुरुष और स्त्रियाँ, लैंगिकवादी मज़ाक पसन्द करने से, ऐसी फिल्में देखने से जिनमें लैंगिक आक्रमण दिखाया जाता है, या ऐसे विज्ञापनदाताओं का समर्थन करने से जो अपने उत्पादन बेचने के लिए स्त्रीलिंग का शोषण करते हैं, इन्कार कर सकते हैं। बाइबल सलाह देती है: “जैसा पवित्र लोगों के योग्य है, वैसा तुम में व्यभिचार, और किसी प्रकार अशुद्ध काम, या लोभ की चर्चा तक न हो। और न निर्लज्जता, न मूढ़ता की बातचीत की, न ठट्ठे की, क्योंकि ये बातें सोहती नहीं, बरन धन्यवाद ही सुना जाए।”—इफिसियों ५:३, ४.
माता-पिता उदाहरण के द्वारा स्त्रियों के लिए आदर सिखा सकते हैं। वे अपने पुत्रों को सिखा सकते हैं कि स्त्रियों को उस दृष्टि से देखें जैसे यहोवा परमेश्वर देखता है। परमेश्वर पक्षपात नहीं करता। (प्रेरितों १०:३४) माता-पिता अपने पुत्रों को सिखा सकते हैं कि स्त्रियों के साथ मित्रता करें और उनके आस-पास सहजता महसूस करें, जैसे यीशु ने की। वे अपने पुत्रों को सिखा सकते हैं कि मैथुन प्रेम की एक कोमल क्रिया है जो सिर्फ़ एक व्यक्ति के विवाह-साथी के लिए ही रखी गई है। माता-पिता स्पष्ट संकेत कर सकते हैं कि हिंसा को सहन नहीं किया जाएगा, और न ही दूसरों पर प्रभुत्व का मूल्यांकन किया जाएगा। (भजन ११:५) वे अपने बच्चों को प्रोत्साहित कर सकते हैं कि वे उनके साथ खुलकर लैंगिक मामलों पर चर्चा करें और लैंगिक दबावों का विरोध करें।
समस्या जिसका अन्त जल्द होगा
फिर भी, विश्व समाज में बिना क्रांतिकारी परिवर्तनों के बलात्कार का अन्त नहीं होगा। अनुसंधायिका लिन्डा लेडरे ने कहा, “बलात्कार सिर्फ़ एक व्यक्तिगत समस्या नहीं है [बल्कि] यह एक पारिवारिक, सामाजिक, और एक राष्ट्रीय समस्या भी है।”
बाइबल हिंसा रहित एक विश्वव्यापी समाज की प्रतिज्ञा करती है, जहाँ फिर कभी भी “एक मनुष्य दूसरे मनुष्य पर अधिकारी होकर अपने ऊपर हानि” नहीं लाएगा। (सभोपदेशक ८:९; यशायाह ६०:१८) वह समय जल्द आएगा जब यहोवा परमेश्वर शक्ति के दुरुपयोग को, जिसमें बलात्कार भी सम्मिलित है, और ज़्यादा सहन नहीं करेगा।—भजन ३७:९, २०.
उस नए विश्व समाज में, सभी व्यक्तियों को शांतिप्रिय होने की शिक्षा दी जाएगी और लिंग, जाति, या राष्ट्रीयता पर ध्यान न देते हुए सभी एक दूसरे से प्रेम करेंगे। (यशायाह ५४:१३) और उस समय, नम्र व्यक्ति मित्रों या अनजानों के डर के बिना रहेंगे और “बड़ी शांति के कारण आनन्द मनाएंगे।”—भजन ३७:११.
[पेज 20 पर बक्स/तसवीर]
यदि आपका बलात्कार होता है
◻ चिकित्सीय सहायता लीजिए।
◻ यदि आप चाहती हैं, और यदि उपलब्ध है तो यह निवेदन कीजिए कि एक बलात्कार-शिकार सलाहकार चिकित्सीय और क़ानूनी कार्यवाही के दौरान आपके साथ-साथ रहे।
◻ जितनी जल्दी आप समर्थ हों पुलिस को बुलाइए। आपकी सुरक्षा और दूसरी स्त्रियों की सुरक्षा के लिए, सलाहकार पुलिस को सूचना देने की सलाह देते हैं। रिपोर्ट लिखवाना मुक़दमा चलाने के समान नहीं है, लेकिन यदि आप बाद में मुक़दमा चलाने का चुनाव करती हैं, तो आपका मामला विलम्बित रिर्पोट के कारण कमज़ोर पड़ जाएगा।
◻ सबूत सुरक्षित रखिए। बलात्कार के तुरन्त बाद न नहाइए, न कपड़े बदलिए, न बाल धोइए या बनाइए, और न ही उंगलियों या पैरों के निशानों को मिटाइए।
◻ चिकित्सा कार्यकर्त्ता सबूत एकत्रित करेंगे और लैंगिक रूप से फैलनेवाली बीमारियों तथा गर्भ के लिए जाँच करेंगे। यदि वे गर्भ रोकने की दवाएँ देते हैं, जिन्हें अगली-सुबह की गोली (morning-after pill) भी कहते हैं, तो मसीहियों को अवगत होना चाहिए कि ऐसी दवाएं शरीर में निषेचित डिम्ब का गर्भपात कर सकती हैं।
◻ सुरक्षित महसूस करने के लिए आपको जो करना है वह कीजिए—ताले बदल दीजिए, एक मित्र के साथ रहिए, अपने दरवाज़े के आगे आड़ लगा दीजिए—चाहे ऐसा ही क्यों न लगे कि आप ज़रूरत से ज़्यादा प्रतिक्रिया दिखा रही हैं।
◻ सबसे बढ़कर, शास्त्रवचनों में से सांत्वना लीजिए, हमले के दौरान और उसके बाद भी यहोवा से प्रार्थना कीजिए, यहाँ तक कि उसका नाम ऊँची आवाज़ में पुकारिए। सहारे के लिए कलीसिया में प्राचीनों और दूसरे नज़दीकी साथियों का आश्रय लीजिए। यदि संभव हो तो ही सभाओं में उपस्थित होइए, और सेवकाई में संगी मसीहियों के साथ संगति करने की कोशिश कीजिए।