मैं एक बाग़ी था
यह मई १, १९४७, सिसली में हुआ था। लगभग ३,००० लोग, जिनमें बच्चों के साथ महिलाएँ भी शामिल थीं, एक पहाड़ के दर्रे पर वार्षिक मज़दूर दिवस मनाने के लिए जमा हुए थे। वे पास के पहाड़ों में छिपे ख़तरे से बेख़बर थे। जो त्रासदी इसके बाद हुई थी उसके बारे में आपने शायद पढ़ा हो या फ़िल्मों में भी देखा हो। इस जनसंहार को पॉरटेलॉ डेलॉ ज़ीनेस्ट्रॉ का क़त्लेआम कहा गया है, जिसमें ११ लोग मारे गए और ५६ घायल हुए थे।
हालाँकि उस त्रासदी में मेरा कोई हिस्सा नहीं था, लेकिन मैं उस पृथकतावादी गिरोह में शामिल था जो इस त्रासदी के लिए ज़िम्मेदार था। उनका नेता सॉलवॉतोरे जूलीऑनो था, जिसके साथ मैं मॉनटेलेप्रे के गाँव में बड़ा हुआ था। वह मुझसे केवल एक साल बड़ा था। १९४२ में, जब मैं १९ का था, तब मुझे द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान सेना में भर्ती होने के लिए बुलाया गया। उसी साल के शुरू में मैं वीटॉ मोटीज़ी से प्रेम करने लगा और उससे विवाह कर लिया। आख़िरकार, मेरे तीन बेटे हुए; पहले का जन्म १९४३ में हुआ।
मैं बाग़ी क्यों बना
१९४५ में, जिस साल द्वितीय विश्वयुद्ध समाप्त हुआ था, मैं सिसलीयाई स्वतंत्रता की स्वयंसेवी सेना (EVIS) की पश्चिमी शाख़ा में शामिल हो गया। यह पृथकतावादी राजनैतिक पार्टी का परासैन्य बल था जो कि सिसली की स्वतंत्रता के लिए आन्दोलन (MIS) कहलाता था। सॉलवॉतोरे जूलीऑनो, जो पहले ही एक भगोड़ा था, EVIS और MIS के उच्च अफ़सरों द्वारा हमारी शाख़ा का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया गया था।
सिसली के अपने द्वीप और अपने लोगों के लिए हमारे प्रेम द्वारा हम संयुक्त थे। और हम उन अन्यायों पर क्रोधित थे जिनका हमने अनुभव किया था। सो मैंने जूलीऑनो गिरोह के आन्दोलन को स्वीकार कर लिया, जो कि सिसली को संयुक्त राष्ट्र अमरीका के ४९वें राज्य के रूप में जोड़ना था। क्या यह विश्वास करने का कोई कारण था कि यह संभव था? निश्चय ही था, क्योंकि MIS के अफ़सरों ने हमें आश्वस्त किया था कि उनका वाशिंगटन, डी.सी. के साथ नज़दीकी सम्बन्ध था, और अमरीकी राष्ट्रपति हैरी एस. ट्रूमैन इस प्रकार के एकीकरण के पक्ष में था।
बाग़ी गतिविधि
मेरे गिरोह का काम मुख्यतः जाने-माने लोगों का अपहरण करना और छुड़ौती के लिए उन्हें रखना था। इसके ज़रिए से हमने ज़रूरी सामान के लिए पैसा इकट्ठा किया। किसी भी अपहृत व्यक्ति को, जिन्हें हम “अपने मेहमान” कहते थे, कभी-भी नुक़सान नहीं पहुँचाया गया। जब उन्हें छोड़ दिया जाता, हम उन्हें एक रसीद देते जिसे वे छुड़ौती की रक़म को, जो हमने पायी थी, वापस लेने के लिए इस्तेमाल कर सकते थे। उन्हें बताया जाता कि हमारी विजय होने के बाद उन रसीदों का इस्तेमाल अपनी रक़म वापस लेने के लिए किया जा सकता था।
मैंने लगभग २० अपहरणों में हिस्सा लिया, साथ ही साथ कॉरॉबीन्येरी जो कि एक राष्ट्रीय सैन्यकृत बल था, के बैरकों पर हथियारों से हमला भी किया। लेकिन मुझे कहने में ख़ुशी होती है कि मैंने कभी किसी की हत्या नहीं की। हमारे पृथकतावादी आक्रमण पॉरटेलॉ डेला ज़ीनेस्ट्रॉ के गाँव पर मूर्ख कार्यवाही के साथ चरमसीमा पर पहुँच गए। इसे जूलीऑनो गिरोह के एक दर्जन लोगों द्वारा संगठित किया गया था और इसे साम्यवादी पार्टी के ख़िलाफ़ निर्दिष्ट किया गया था।
हालाँकि आम लोगों की हत्या—जिसमें पड़ोसी और समर्थक शामिल थे—जानबूझकर नहीं की जाती थी, जिन लोगों ने हमें समर्थन दिया और हमारे द्वारा सुरक्षित महसूस किया था, उन्होंने समझा कि हमने उनसे विश्वासघात किया था। उस वक़्त से, जूलिऑनो गिरोह के बाग़ियों की तलाश लगातार होती रही। पुलिस को ख़बर मिलने के बाद, मेरे कई साथी पकड़े गए। मार्च १९, १९५० में, मैं एक जाल में फँस गया और गिरफ़्तार कर लिया गया। और उन गर्मियों में ख़ुद जूलिऑनो मारा गया।
जेल जाना और सज़ा पाना
पालेरमो जेल में, जहाँ मुझे विचाराधीन मुक़दमे के लिए रखा गया था, मैं अपनी युवा पत्नी और तीन बेटों से बिछड़ने से दुःखी था। फिर भी, जो मुझे सही महसूस होता था उसके लिए लड़ने की इच्छा ने मुझे गहरी निराशा से सुरक्षित रखा। ख़ुद को व्यस्त रखने के लिए मैंने पढ़ना शुरू कर दिया। एक पुस्तक ने बाइबल पढ़ने के लिए मेरी इच्छा को भड़का दिया। यह सीलवयो पेलीको, एक इतालवी की आत्मकथा थी, जिसे राजनैतिक कारणों से १९वीं शताब्दी के दौरान क़ैद किया गया था।
पेलीको ने लिखा कि जेल में उसके पास हमेशा एक शब्दकोष और बाइबल होती थी। हालाँकि मेरा परिवार और मैं रोमन कैथोलिक थे, मैंने सचमुच बाइबल के बारे में कभी कुछ नहीं सुना था। सो मैंने एक प्रति पाने के लिए अफ़सरों से निवेदन किया। मुझे बताया गया कि यह वर्जित थी, लेकिन मुझे मत्ती, मरकुस, लूका और यूहन्ना के सुसमाचार की पुस्तकों की एक प्रति दे दी गई। बाद में, मैं पूरी बाइबल की एक प्रति पाने में समर्थ हुआ, जिसे मैंने आज तक एक बहुमूल्य यादगार के रूप में रखा है।
आख़िरकार, १९५१ में मेरा मुक़दमा रोम के पास, विटरबो में शुरू हुआ। यह १३ महीनों तक चला। मुझे दो आजीवन कारावास साथ ही ३०२ साल की सज़ा दी गयी! जिसका मतलब था कि मैं कभी-भी जीवित जेल से बाहर नहीं आता।
बाइबल सच्चाइयाँ सीखना
पालेरमो जेल में वापस जाने पर, मुझे उस भाग में भेजा गया जहाँ हमारे समूह का एक सदस्य जो जूलिऑनो का चचेरा भाई था उसे भी जेल हुई थी। उसे मुझसे तीन साल पहले गिरफ़्तार किया गया था। इससे पहले, वह जेल में स्विट्ज़रलैंड के एक यहोवा के साक्षी से मिल चुका था, जिसने उसके साथ शानदार बाइबल प्रतिज्ञाओं के बारे में चर्चा की थी। उस व्यक्ति और उसके एक साथी साक्षी को पालेरमो से गिरफ़्तार किया गया था, जब वे परमेश्वर के राज्य के सुसमाचार का प्रचार कर रहे थे। (मत्ती २४:१४) मुझे बाद में बताया गया कि उनकी गिरफ़्तारी पादरीवर्ग के सदस्यों द्वारा भड़काने पर की गई थी।
मेरी ग़ैरकानूनी गतिविधियों के बावजूद, मैं परमेश्वर और गिरजे की शिक्षाओं में विश्वास रखता था। सो मुझे यह जानकर धक्का लगा कि तथाकथित संतों की पूजा करना अशास्त्रीय है और दस आज्ञाओं में से एक उपासना में मूर्तियों के प्रयोग को वर्जित करती है। (निर्गमन २०:३, ४) मैंने प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! पत्रिकाओं का अभिदान किया, जो मेरे लिए बहुत बहुमूल्य बन गईं। मैं जो पढ़ता था उसे पूरा-पूरा नहीं समझता था, लेकिन जितना ज़्यादा मैं पढ़ता, उतना ज़्यादा मुझे भाग निकलने की ज़रूरत महसूस होती, जेल से नहीं, बल्कि धार्मिक झूठ और आध्यात्मिक अन्धेपन की क़ैद से।
अंततः, मैंने जान लिया कि परमेश्वर को प्रसन्न करने के लिए मुझे पुराने मनुष्यत्व को उतारकर नए मनुष्यत्व को पहनने की ज़रूरत है—ऐसा मनुष्यत्व जो नम्र और मसीह यीशु के समान था। (इफिसियों ४:२०-२४) मेरा परिवर्तन धीरे-धीरे हुआ। फिर भी लगभग तुरन्त ही मैं अपने संगी क़ैदियों के लिए काम करने लगा, और मैंने उनके साथ उन अद्भुत बातों के बारे में बात करने की कोशिश की जो मैं सीख रहा था। अतः, १९५३ में मेरे लिए एक आनन्दपूर्ण समय शुरू हुआ। लेकिन बाधाएँ भी थीं।
पादरी से विरोध
प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! के लिए मेरे अभिदान के छः महीने बाद, उनके आने में बाधा हुई। मैं क़ैदियों के पत्र-व्यवहार निरीक्षक के पास गया और इस बात की उनको जानकारी दी। उसने मुझे बताया कि वह पादरी था जिसने उनके आने पर रोक लगा दी थी।
मैंने पादरी से मिलने का निवेदन किया। हमारी चर्चा के दौरान मैंने उसे बाइबल में से जो थोड़ा-बहुत मैं जानता था दिखाया, जिसमें उपासना में मूर्तियों के इस्तेमाल के बारे में निर्गमन २०:३, ४ और यशायाह ४४:१४-१७ जैसे शास्त्रवचन शामिल थे। मैंने उसे मत्ती २३:८, ९ में अभिलिखित यीशु के शब्द भी पढ़ाए, कि “पृथ्वी पर किसी को अपना पिता न कहना।” खीजते हुए, उसने जवाब दिया कि मैं बाइबल नहीं समझ सकता क्योंकि मैं एक अज्ञानी व्यक्ति था।
यह अच्छा था कि मैंने अपना व्यक्तित्व पहले ही बदलना शुरू कर दिया था—नहीं तो, मैं नहीं जानता कि मैं क्या कर बैठता। शान्त रहते हुए, मैंने जवाब दिया: “हाँ, यह सच है; मैं अज्ञानी हूँ। लेकिन आपने पढ़ा है, और आपने मुझे बाइबल सच्चाइयाँ सिखाने के लिए कुछ भी नहीं किया है।” पादरी ने जवाब दिया कि यहोवा के साक्षियों का साहित्य पाने के लिए मुझे न्याय मंत्रालय से कैथोलिक धर्म का त्याग करने का निवेदन करना होगा। मैंने तत्काल वैसा किया, लेकिन मेरा निवेदन अस्वीकार किया गया। लेकिन, बाद में मैं एक यहोवा के साक्षी के तौर पर अपना नाम दर्ज़ कराने में समर्थ हुआ और दोबारा पत्रिकाओं को पाने में समर्थ हुआ। लेकिन मुझे बहुत आग्रही होना पड़ा।
जेल में एक राज्यगृह
कुछ समय से मैंने जेल के निरीक्षक से एक नौकरी के लिए पूछा था ताकि मैं अपने परिवार को भेजने के लिए कुछ पैसे कमा सकूँ। वह हमेशा कहता कि यदि उसने मुझे नौकरी दी तो उसे दूसरों को भी देनी पड़ेगी, और वह संभव नहीं था। लेकिन अगस्त ५, १९५५ की सुबह निरीक्षक ने मुझे एक ख़ुशख़बरी दी—मुझे जेल के अन्दर एक मुंशी के रूप में काम करना था।
मेरे काम ने मुझे जेल के निरीक्षक का आदर पाने में समर्थ किया, और उसने मुझे बाइबल अध्ययन के लिए सभाएँ आयोजित करने के लिए एक गोदाम को इस्तेमाल करने की कृपापूर्वक इजाज़त दे दी। अतः, १९५६ में रद्दी फाइल कॆबिनेटों की लकड़ी इस्तेमाल करते हुए मैंने उस स्थान के लिए बैंचें तैयार कीं जिसे राज्यगृह समझा जा सकता था। यहोवा के साक्षियों के सभा-स्थानों को राज्यगृह पुकारा जाता है। मैं वहाँ हरेक रविवार बाक़ी सहवासियों के साथ मिलता, और हमारी बाइबल चर्चाओं के लिए हमने २५ की शिखर उपस्थिति हासिल की।
कुछ समय बाद, पादरी को उन सभाओं के बारे में पता चला जिन्हें मैं आयोजित करता था, और वह आगबबूला हो उठा। परिणामस्वरूप, १९५७ की गर्मियों में, मुझे पालेरमो से एलबा के उपद्वीप, पोर्टो ऑट्सुरो के धर्मदण्डविभाग में भेज दिया गया। यह जगह बहुत बदनाम थी।
जेल में बपतिस्मा
जब मैं पहुँचा, तो मुझे १८ दिन के लिए कालकोठरी में डाल दिया गया। वहाँ मुझे अपनी बाइबल रखने तक की अनुमति नहीं थी। उसके बाद, मैंने यह निवेदन करते हुए दोबारा न्याय मंत्रालय को लिखा कि मुझे कैथोलिक धर्म का त्याग करने की अनुमति दी जाए। लेकिन इस बार, मैंने रोम के यहोवा के साक्षियों के शाख़ा दफ़्तर की मदद माँगी। दस महीने बाद, लम्बे इन्तज़ार का जवाब आया। मंत्रालय ने मेरे धर्म परिवर्तन को मान्यता दी! इसका मतलब था कि न केवल मैं बाइबल, पत्रिकाएँ और अन्य बाइबल साहित्य रख सकता था बल्कि यह भी कि मैं यहोवा के साक्षियों के एक सेवक से नियमित भेंट प्राप्त कर सकता था।
मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा जब पहली बार जूज़ेपपे रोमानो ने मुझसे भेंट की, जो इटली में यहोवा के साक्षियों के शाख़ा दफ़्तर से था। जेल के अफ़सरों की अनुमति से, प्रबन्ध किए गए ताकि मैं आख़िरकार यहोवा के प्रति अपने समर्पण को पानी के बपतिस्मे द्वारा चिन्हित कर सकूँ। अक्तूबर ४, १९५८ को, जेल निरीक्षक, अनुशासन के कमाण्डर इन चार्ज, और अन्य अफ़सरों की उपस्थिति में, भाई रोमानो ने मुझे एक अन्य सहवासी के साथ, बड़े टब में बपतिस्मा दिया जिसे जेल के बग़ीचे में पानी देने के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
हालाँकि मैं दूसरे सहवासियों के साथ प्रहरीदुर्ग का अध्ययन लगभग हमेशा कर पाने में समर्थ था, लेकिन मसीह की मृत्यु का वार्षिक स्मारकोत्सव मुझे अकेले ही मनाना पड़ा क्योंकि यह अनुपालन सूर्यास्त के बाद होता है। यह कल्पना करते हुए कि मैं संगी साक्षियों के साथ इकट्ठा हुआ था, मैं अपनी आँखें बंद करके प्रार्थना करता।
जेल में चेले बनाना
१९६८ में, मुझे पेसारो प्रान्त में फ़ोसोमब्रोने के जेल में भेज दिया गया। वहाँ मैंने दूसरों के साथ बाइबल सच्चाइयों के बारे में बात करने के अच्छे परिणामों का आनन्द उठाया। मैंने दवाखाने में काम किया, जहाँ साक्षी देने के अवसर पाना आसान था। एक सहवासी, एमॉनवेले ऑलटॉविलॉ की प्रगति देखना ख़ासकर आनन्द की बात थी। दो महीने के अध्ययन के बाद, उसे अहसास हुआ कि उसे प्रेरितों १९:१९ की सलाह को लागू करना था और जादू विद्या की अपनी पुस्तक को नाश करना था। बाद में, एमॉनवेले यहोवा का एक साक्षी बन गया।
अगले वर्ष मुझे नेपलज़ खाड़ी के ठीक सामने, प्रोचीडॉ द्वीप के जेल में भेज दिया गया। अच्छे आचरण के कारण, मुझे एक बार फिर दवाखाने में नियुक्त किया गया। वहाँ मैं मॉरयो मोरेनो, एक सहवासी से मिला जो एक अधिकृत कैथोलिक था। उसके पास भी ज़िम्मेदारी का पद था, वह लेखा विभाग में काम करता था।
एक शाम मॉरयो ने मुझसे कुछ पढ़ने के लिए माँगा, और मैंने उसे पुस्तक सत्य जो अनन्त जीवन की ओर ले जाता हैa दी। वह जो पढ़ रहा था उसके महत्त्व को वह एकदम समझ गया, और हमने बाइबल अध्ययन शुरू कर दिया। मॉरयो ने एक दिन में अपने तीन सिगरेट के पैकेट पीना बन्द कर दिया। इसके अतिरिक्त, उसे एहसास हुआ कि उसे ईमानदारी से काम करना चाहिए यहाँ तक कि जेल के लेखा कार्य में भी। उसने अपनी मंगेतर को साक्षी देनी शुरू कर दी, और उसने भी बाइबल शिक्षाओं को मानना शुरू कर दिया। उसके कुछ ही समय बाद, जेल में उनका विवाह हो गया। १९७५ में, नेपलज़ के एक अधिवेशन में, मॉरयो की पत्नी का बपतिस्मा हुआ। उसे बहुत आनन्द हुआ जब उसने सुना कि उसी दिन जेल में उसके पति का बपतिस्मा हुआ!
प्रोचीडॉ में जो साक्षी मुझसे भेंट करने आते थे, उनके साथ मुझे साप्ताहिक बातचीत करने की अनुमति दी गयी थी। मुझे उनके साथ मेहमान कक्ष में खाने के लिए भोजन बनाने की भी अनुमति दी गयी थी। एक बार में दस लोग उपस्थित हो सकते थे। जब यहोवा के साक्षियों के सफ़री ओवरसियर आते, तो मैं उनकी स्लाइड प्रस्तुतियाँ दिखाने के लिए अनुमति हासिल करता था। एक बार १४ साक्षियों की भेंट के दौरान मुझे प्रहरीदुर्ग अध्ययन संचालित करने की ख़ुशी प्राप्त हुई। ऐसा लगता था कि अधिकारी मुझ पर पूर्ण रूप से विश्वास करते थे। नियुक्त दिनों पर, शाम के समय, मैं कोठरी से कोठरी प्रचार करने जाता।
१९७४ में, विभिन्न जेलखानों में २४ साल गुज़ारने के बाद, मुझसे एक न्यायाधीश भेंट करने आया जिसने क्षमा के लिए एक याचिका दायर करने के लिए मुझे प्रोत्साहित किया। मैंने ऐसा करना ठीक नहीं समझा क्योंकि यह पॉरटेलॉ डेला ज़ीनेस्ट्रॉ के क़त्लेआम में शामिल होने की मंज़ूरी थी, और मैंने उसमें कोई हिस्सा नहीं लिया था।
बड़े आनन्द के अवसर
१९७५ में एक नए नियम ने जेल से बाहर जाने का अनुमति-पत्र देने का प्रबन्ध किया। अतः, मुझे नेपलज़ के शहर में, यहोवा के साक्षियों के मेरे पहले अधिवेशन में उपस्थित होने का अवसर प्राप्त हुआ। मैंने पाँच अविस्मरणीय दिनों का आनन्द उठाया, जिसके दौरान मैं इतने मसीही भाई-बहनों से मिला जिन्हें मैंने इससे पहले कभी नहीं देखा था।
जिस बात ने मुझे सबसे ज़्यादा आनन्द दिया, वह थी इतने सालों के बाद अपने परिवार से पुनर्मिलन। मेरी पत्नी वीटॉ, मेरे प्रति वफ़ादार रही, और मेरे बेटे अब २० और ३० साल के जवान पुरुष थे।
उसके अगले साल—जिसके दौरान मैंने जेल से कई बार छुट्टी लेने का आनन्द उठाया था—यह सुझाया गया था कि मैं जेल से रिहा होने का निवेदन करूँ। परख-अवधि के दौरान मेरे बारे में परीक्षण दण्डाधिकारी की रिपोर्ट में, उसने सिफ़ारिश की कि मेरा निवेदन स्वीकार कर लिया जाए। उसने लिखा: “बिना किसी दोराय के यह कहा जा सकता है—मॉननीनो, उस खून के प्यासे युवक की तुलना में जो जूलीऑनो का हुक़्म मानता था, आज एक दूसरा व्यक्ति है; वह पूरी तरह बदल गया है।”
समय आने पर, प्रोचीडॉ के जेल अफ़सरों ने मेरे लिए क्षमा याचना की। आख़िरकार, क्षमा दे दी गई, और दिसम्बर २८, १९७८ को मुझे जेल से रिहा कर दिया गया। २८ साल की कैद के बाद, एक आज़ाद व्यक्ति होना क्या ही आनन्द की बात थी!
न्याय के लिए एकमात्र आशा
सॉलवॉतोरे जूलीऑनो के हुक़्म के अधीन एक अपहरणकर्ता के तौर पर, मैं उस बात के लिए लड़ा जो मैं विश्वास करता था कि मेरे परिवार और मेरे देशवासियों के लिए सच्ची स्वतंत्रता लाएगी। लेकिन, मैंने बाइबल से सीखा कि मनुष्य चाहे कितने ही कर्त्तव्यनिष्ठ क्यों न हों, वे कभी-भी वह न्याय नहीं ला सकते जिसकी मैंने एक युवक के तौर पर हार्दिक इच्छा की थी। कृतज्ञता की बात है, बाइबल ज्ञान ने मुझे यह देखने में मदद की कि उसके पुत्र यीशु मसीह के हाथों, केवल परमेश्वर का राज्य अन्याय से वह राहत प्रदान कर सकता है जिसकी अत्यन्त ज़रूरत है।—यशायाह ९:६, ७; दानिय्येल २:४४; मत्ती ६:९, १०; प्रकाशितवाक्य २१:३, ४.
अनेक अख़बारों ने मेरे व्यक्तित्व में परिवर्तन को लिखा, जिसके लिए ऐसा बाइबल ज्ञान ज़िम्मेदार था। उदाहरण के लिए, पॉएज़ सेरॉ ने प्रोचीडॉ के जेल वॉर्डन को यह कहते हुए उद्धृत किया: “यदि सभी क़ैदी फ्रैंक की तरह होते, तो जेल ग़ायब हो जाते; उसका चालचलन निर्दोष रहा है, उसने कभी झगड़ा नहीं किया, और उसने कभी थोड़ी-सी भी डाँट नहीं खाई।” दूसरे अख़बार ऑवेनीरॆ ने कहा: “आम क़ैदियों के बीच, वह एक आदर्श क़ैदी है। उसके सुधार सब उम्मीदों से बढ़कर हैं। वह संस्थानों और जेल अफ़सरों के प्रति आदरपूर्ण है और एक असाधारण आध्यात्मिकता रखता है।”
एक प्रतिफलदायक जीवन
१९८४ से, मैंने यहोवा के साक्षियों की कलीसिया में एक प्राचीन और एक पायनियर के तौर पर, जैसा पूर्ण-समय सेवकों को कहा जाता है, सेवा की है। १९९० में जेल के एक गार्ड ने, जिसके साथ १५ साल पहले मैंने बाइबल ज्ञान बाँटा था, मुझे यह बताने के लिए फ़ोन किया कि वह और उसका पूरा परिवार यहोवा का साक्षी बन गया था।
लेकिन मुझे सबसे आनन्ददायक अनुभव जुलाई १९९५ में मिला। उस साल मुझे अपनी प्यारी पत्नी, वीटॉ के बपतिस्मे पर उपस्थित होने का बड़ा आनन्द मिला। इतने सालों के बाद, उसने बाइबल सच्चाइयों को अपनाया था। शायद मेरे तीन बेटे भी, जो अभी मेरे विश्वास में साझेदार नहीं हैं, एक दिन उसे स्वीकार कर लेंगे जिसे मैंने परमेश्वर के वचन से सीखा है।
दूसरों को बाइबल सच्चाइयाँ सीखने में मदद करने के मेरे अनुभवों ने मुझे अतुलनीय ख़ुशी दी है। उस ज्ञान को प्राप्त करना जो अनन्त जीवन की ओर ले जाता है और इसे सत्हृदयी लोगों के साथ बाँटने में समर्थ होना कितना प्रतिफलदायक रहा है!—यूहन्ना १७:३.—फ्रैंक मॉननीनो द्वारा बताया गया
[फुटनोट]
a वॉचटावर बाइबल एण्ड ट्रैक्ट सोसाइटी द्वारा प्रकाशित
[पेज 15 पर तसवीरें]
सिसली का वह पहाड़ी दर्रा जहाँ क़त्लेआम हुआ था
[पेज 16 पर तसवीरें]
१९४२ में, जब हमारा विवाह हुआ
[पेज 18 पर तसवीरें]
मैं अकसर जेल के गार्डों के साथ बाइबल सच्चाइयाँ बाँटता था
[पेज 20 पर तसवीरें]
अपनी पत्नी के साथ