हमारे पाठकों से
संतुलन “परमेश्वर की संतुलन की देन” (अप्रैल-जून, १९९६) लेख पढ़कर, मुझे प्रेरणा मिली कि आपका धन्यवाद करूँ। मैं अभी श्रवणविज्ञान का अध्ययन कर रही हूँ, और उनमें से एक भी पाठ्यपुस्तक में इतनी सम्पूर्ण और आसानी से समझ आनेवाली जानकारी नहीं है जितना सजग होइए! के इस लेख में है। कान का चित्र भी बहुत बढ़िया था।
जे. पी. ए., ब्रज़िल
लैंगिक उत्पीड़न “जब लैंगिक उत्पीड़न नहीं रहेगा” इस श्रंखला के लिए शुक्रिया! (मई २२, १९९६; अंग्रेज़ी) इस पत्रिका को दूसरों के साथ बाँटते वक़्त, मैं ने पाया कि अनेक स्त्रियाँ इन सुझावों के लिए आभारी थीं कि कैसे उत्पीड़न से दूर रहा जाए और जब उत्पीड़ित किया जाता है तब क्या करना है। कुछ सप्ताह बाद मुझे ख़ुद नौकरी की जगह पर लैंगिक छेड़छाड़ का अनुभव हुआ और मैं ने इसकी रिपोर्ट पुलिस को दी। मैं ने इस स्थिति को जिस तरीक़े से निपटाया उसके लिए मेरी प्रशंसा की गयी।
नाम नहीं बताया गया, जर्मनी
मैं इन लेखों के लिए सचमुच आभारी हूँ। मैं अब ग्यारहवीं कक्षा में हूँ और मैं ने उत्पीड़न का अनुभव किया है, लेकिन मैं ने इसके बारे में कभी किसी को नहीं बताया। इन लेखों ने मुझे प्रोत्साहित किया कि अपने माता-पिता और अपने शिक्षकों को बताऊँ। अब मैं उत्पीड़कों के विरुद्ध अपनी स्थिति को साहस से व्यक्त कर सकती हूँ।
के. वाय., जापान
मैं २१-वर्षीय सेक्रेटरी हूँ और हाल ही में मेरे मालिक ने मुझे लैंगिक रूप से उत्पीड़ित किया था। जबकि मैं यह जानने की कोशिश कर रही थी कि मैं कैसे उसके पास जाकर अपनी भावनाएँ व्यक्त करूँ, मैं ने सजग होइए! का यह अंक पाया। मैं ने अपने मालिक को एक प्रति दी, जो उसने पढ़ी। उसने खेद व्यक्त किया और जो उसने मेरे साथ किया था वह फिर कभी न करने का उसने वचन दिया।
डी. एन. आइ., नाइजीरिया
मैं इस बात की क़दर करती हूँ कि आप इस महत्त्वपूर्ण मुद्दे को सामने लाए, लेकिन आपके चित्रों के अनुसार, केवल पुरुष ही उत्पीड़न दे रहे हैं। स्पष्ट है कि आप एकतरफ़ा मत पेश कर रहे हैं।
एच. टी., अमरीका
अधिकांश खोजकर्ता कहते हैं कि लैंगिक उत्पीड़न के शिकारों के रूप में स्त्रियों की संख्या पुरुषों से बहुत ज़्यादा होती है। फिर भी, लेखों ने यह स्वीकार किया कि पुरुषों को भी उत्पीड़ित किया जा सकता है, और ख़ास उदाहरणों का भी उल्लेख किया गया।—सम्पादक।
इस विषय पर अधिकांश लेख केवल इस बात पर ज़ोर देते हैं कि ख़ुद अपनी रक्षा करने के लिए स्त्रियों को क्या करना चाहिए लेकिन वे पुरुषों को स्त्रियों के लिए आदर सिखाना नज़रअंदाज़ करते हैं। बहरहाल, अगर कोई उत्पीड़क न हों, तो उत्पीड़न भी नहीं होगा। आपके लेख में “पुरुषों के लिए उचित व्यवहार” पर चर्चा की गयी। इसके लिए, यह शाबाशी के योग्य है।
ओ. सी., ताइवान
दोस्ती “युवा लोग पूछते हैं . . . मैं क्यों दोस्ती बनाए नहीं रख सकता?” मैं इस लेख के लिए दिल से आपका शुक्रिया अदा करता हूँ। (मई २२, १९९६, अंग्रेज़ी) आप कल्पना नहीं कर सकते कि इस लेख ने मेरी कितनी मदद की है। इसने मुझे दिखाया कि अड़चनों के बावजूद, स्थायी दोस्ती बनाए रखना संभव है। कभी-कभी, हम दोस्त खो देते हैं क्योंकि हम मतभेदों को निपटाने में देर करते हैं। इस लेख ने इस सम्बन्ध में मेरी कमज़ोरियों से लड़ने में मेरी मदद की।
ए. एम. पी., ब्रज़िल
यह लेख बिलकुल सही समय पर आया। तीन महीने पहले एक और लड़की के साथ मेरी अतिप्रिय दोस्ती कम होने लगी; हम उस हद तक पहुँचे कि एक दूसरे से बात करनी बन्द कर दी। जब लेख आया, मेरी सहेली और मैं ने, हम दोनों ने उसे पढ़ा और महसूस किया कि हम मूर्खता से व्यवहार कर रहे थे। हमने अच्छी तरह बातचीत की और ढेर सारे मतभेदों को दूर किया। अब हमारी दोस्ती को नयी जान मिली है।
एन. टी. इटली