अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा करने के छः तरीक़े
नाइजीरिया में सजग होइए! संवाददाता द्वारा
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू.एच.ओ.) के अनुसार, विकासशील देशों में रहनेवाले लगभग २५ प्रतिशत लोगों को साफ़ पानी सुलभ नहीं है। ६६ प्रतिशत से अधिक—कम-से-कम २.५ अरब—लोगों को पर्याप्त सफ़ाई-प्रबंध का अभाव है। बहुतों के लिए इसका परिणाम है बीमारी और मृत्यु।
ऐसी परिस्थितियों में, अच्छी साफ़-सफ़ाई रखना एक चुनौती है। लेकिन, यदि आप व्यक्तिगत साफ़-सफ़ाई को जीवन-शैली बना लेते हैं, तो आप अपने आपको अनेक बीमारियों से सुरक्षित रखेंगे। यहाँ ऐसे छः क़दम बताये गये हैं जिन्हें लेने के द्वारा आप ख़ुद को और अपने परिवार को उन कीटाणुओं से सुरक्षित रख सकते हैं जो आपके शरीर में घुसकर आपका स्वास्थ्य ख़राब कर सकते हैं।
१. मल के संपर्क में आने के बाद और भोजन छूने से पहले अपने हाथ साबुन और पानी से धोइए।
बीमारी से बचने का एक महत्त्वपूर्ण तरीक़ा है यह निश्चित करना कि साबुन और पानी हमेशा उपलब्ध रहे ताकि आपके परिवार में हर व्यक्ति अपने हाथ धो सके। साबुन और पानी हाथ से कीटाणुओं को दूर करते हैं—वे कीटाणु जो अन्यथा भोजन या मुँह में घुस सकते हैं। चूँकि छोटे बच्चे प्रायः अपनी उँगलियाँ अपने मुँह में डाल लेते हैं, उनके हाथ बार-बार धुलाते रहना महत्त्वपूर्ण है, ख़ासकर उन्हें भोजन देने से पहले।
शौच जाने के बाद, भोजन छूने से पहले और उस शिशु या बच्चे को साफ़ करने के बाद जिसने अभी-अभी मल त्यागा है, साबुन से अपने हाथ धोना ख़ासकर महत्त्वपूर्ण है।
२. शौचालय का प्रयोग कीजिए।
कीटाणुओं के फैलाव को रोकने के लिए, मल को ठीक तरह से विसर्जित करना अत्यावश्यक है। अनेक रोग, ख़ासकर दस्त, मानव मल के कीटाणुओं से उत्पन्न होते हैं। ये कीटाणु पीने के पानी या भोजन में, हाथ में, या बरतनों में और भोजन बनाने अथवा परोसने की जगहों में घुस सकते हैं। ऐसा होने पर, लोग कीटाणुओं को निगलकर बीमार हो सकते हैं।
इससे बचने के लिए, शौचालय का प्रयोग कीजिए। जानवरों का गोबर घरों और पानी के स्रोतों से दूर रखा जाना चाहिए। आप यह जानकर शायद चकित हों कि शिशुओं और छोटे बच्चों का मल बड़ों के मल से अधिक ख़तरनाक होता है। सो बच्चों को भी शौचालय का प्रयोग करना सिखाया जाना चाहिए। जब बच्चे कहीं और मल त्यागते हैं, तब उनके मल को तुरंत उठाकर शौचालय में डालना चाहिए या गाड़ देना चाहिए।
शौचालय को साफ़ और बंद रखा जाना चाहिए।
३. साफ़ पानी प्रयोग कीजिए।
जिन परिवारों के पास नल का साफ़ पानी भरपूर मात्रा में होता है वे दूसरों की तुलना में कम बीमार पड़ते हैं। जिनके पास नल का पानी नहीं, वे कुओं को ढाँककर रखने के द्वारा और मलजल को पीने, नहाने, अथवा धोने के पानी से अलग रखने के द्वारा अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा कर सकते हैं। जानवरों को घर से बाहर और पीने के पानी से दूर रखना भी महत्त्वपूर्ण है।
अपने आपको बीमारी से सुरक्षित रखने का एक और तरीक़ा है पानी भरने और रखने के लिए प्रयोग की गयी बाल्टियों, रस्सियों, और मटकों को भरसक साफ़ रखा जाए। उदाहरण के लिए, बाल्टी को ज़मीन पर छोड़ने के बजाय उसे टाँगकर रखना बेहतर है।
घर में रखा गया पीने का पानी साफ़, बंद बरतन में रखा जाना चाहिए। उस बरतन में से पानी को एक साफ़ करछुल या लोटे से निकाला जाना चाहिए। लोगों को पीने के पानी में अपना हाथ मत डालने दीजिए या पानी रखने के बरतन से सीधे मत पीने दीजिए।
४. नल से पानी साफ़ नहीं आ रहा तो पीने का पानी उबालिए।
पीने का सबसे साफ़ पानी आम तौर पर नल से आता है। दूसरे स्रोतों से मिले पानी में कीटाणु होने की संभावना अधिक है, जबकि पानी शायद साफ़ दिखे।
पानी को उबालने से कीटाणु मर जाते हैं। सो जब आप तालाबों, नहरों या टंकियों से पानी भरते हैं, तब उसे उबालकर और फिर ठंडा करके पीना बुद्धिमानी की बात है। कीटाणु-रहित पीने का पानी शिशुओं और छोटे बच्चों के लिए ख़ासकर महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि उनमें कीटाणुओं से लड़ने की क्षमता बड़ों से कम होती है।
यदि पीने के पानी को उबालना संभव नहीं, तो उसे पारदर्शी प्लास्टिक या काँच के बंद बरतन में रखिए। फिर पानी इस्तेमाल करने से पहले उस बरतन को दो दिन तक सूरज की रोशनी में रखिए।
५. अपना भोजन साफ़ रखिए।
जिन चीज़ों को कच्चा खाया जाना है उन्हें अच्छी तरह धोना चाहिए। दूसरी चीज़ों को, ख़ासकर मांस और अंडों को अच्छी तरह पकाया जाना चाहिए।
भोजन को पकाने के बाद जल्द ही खा लेना अच्छा होता है; इस तरह उसे ख़राब होने का समय नहीं मिलेगा। यदि आपको पका हुआ भोजन पाँच घंटे से अधिक समय तक रखना है, तो आपको उसे गरम रखना चाहिए नहीं तो फ्रिज में रखना चाहिए। खाने से पहले, आपको उसे अच्छी तरह फिर से गरम कर लेना चाहिए।
आम तौर पर कच्चे मांस में कीटाणु होते हैं, तो आपको उसे पके हुए भोजन के पास नहीं रखना चाहिए कि कहीं उससे छू न जाए। कच्चे मांस को काटने-धोने के बाद, इस्तेमाल किये गये बरतनों को और रसोई की उस जगह को साफ़ कीजिए जहाँ वह छू गया है।
भोजन तैयार करने की जगह को हमेशा साफ़ रखना चाहिए। भोजन को ढाँककर और मक्खियों, चूहों, छछूँदरों और दूसरे जानवरों की पहुँच से दूर रखना चाहिए।
६. घर के कचरे को जला दीजिए अथवा गाड़ दीजिए।
मक्खियाँ, जो कीटाणु फैलाती हैं, भोजन के कचरे में बढ़ना पसंद करती हैं। सो घर के कचरे को ज़मीन पर नहीं फेंकना चाहिए। हर दिन, उसे गाड़ा, जलाया, या किसी दूसरे तरीक़े से विसर्जित किया जाना चाहिए।
इन सलाहों पर अमल करने से, आप दस्त, हैज़ा, आन्त्रज्वर, कीड़ों के संक्रमण, भोजन विषाक्तता, और अनेक अन्य रोगों से अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा करने में मदद कर सकते हैं।
स्रोत: जीवन के सत्य (अंग्रेज़ी), संयुक्त राष्ट्र बाल निधि, संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक, और सांस्कृतिक संगठन, और डब्ल्यू.एच.ओ. द्वारा संयुक्त रूप से प्रकाशित।
[चित्र का श्रेय]
Source: Facts for Life, jointly published by United Nations Children’s Fund, United Nations Educational, Scientific, and Cultural Organization, and WHO.