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सजग होइए!–2007
g 7/07 पेज 11-12

शराब की गुलामी से आज़ाद हुआ

शराब को अगर सही मात्रा में ली जाए, तो खाने के साथ इसकी जोड़ी खूब जम सकती है या यह किसी जश्‍न की खुशी में चार चाँद लगा सकती है। मगर कुछ लोगों के लिए यह गंभीर समस्याएँ खड़ी करती है। आइए ऐसे ही एक इंसान की आप-बीती सुनें, जो शराब की बुरी लत से आज़ाद हो सका।

बचपन में मेरे घर का माहौल इतना तनाव-भरा रहता था कि आज भी उस बारे में बात करना मेरे लिए मुश्‍किल होता है। मम्मी और पापा दोनों पीना शुरू कर देते थे। फिर पापा, मम्मी को पीटते थे। अकसर मैं उनके घूँसों का निशाना बन जाता था। जब मैं सिर्फ चार साल का था, तब उन्होंने अलग होने का फैसला किया। मुझे आज भी वह दिन याद है, जब मुझे अपनी नानी के पास रहने के लिए ले जाया गया था।

मुझे लगता था जैसे कोई मुझसे प्यार नहीं करता। जब मैं सात साल का था, तब मैं घर पर बनी वाईन पीने के लिए दबे पाँव तहखाने में जाया करता था। इससे मुझे अपने गम को भुलाने में मदद मिलती थी। जब मैं 12 साल का हुआ, तब मेरी मम्मी और नानी के बीच मुझको लेकर गरमा-गरम बहस हुई। मम्मी को इतना गुस्सा आ गया कि उसने मुझ पर पाँचा फेंका। मगर मैं किसी तरह बच गया! ऐसा मेरे साथ पहली बार नहीं हो रहा था! लेकिन मेरे दिल पर लगे ज़ख्म, मेरे बदन पर लगे ज़ख्मों से कहीं ज़्यादा गहरे थे।

चौदह साल की उम्र के होते-होते, मैं शराब पीने का आदी हो गया था। फिर 17 साल की उम्र में, मैं घर से भाग गया। शराब पीने के बाद मुझे ऐसा लगता था जैसे मैं आज़ाद हूँ और अपनी मरज़ी का मालिक हूँ। मगर इससे मैं बहुत गुस्सैल भी हो गया था और अकसर जहाँ शराब बिकती थी, वहाँ मैं बहुत हंगामा करता था। पीना मेरी ज़िंदगी का एक अकेला शौक रह गया था। उससे मुझे जो सुख मिलता था, वह और किसी चीज़ से नहीं मिलता था। क्या आप सोच सकते हैं कि सिर्फ एक दिन में मैं 5 लीटर वाईन, बियर की कुछ बोतलें, साथ ही तेज़ शराब भी पी लेता था?

शादी के बाद, मेरी इस लत की वजह से मेरी बीवी को बहुत मुश्‍किलें झेलनी पड़ी। फिर क्या था, दोनों के बीच नाराज़गी और कड़वाहट बढ़ती गयी। मैं उसे मारता, अपने बच्चों को पीटता। जी हाँ, मैंने वही माहौल पैदा कर दिया था, जिसमें मैं पला-बढ़ा था। मैं जो कुछ कमाता था, उसे शराब में लुटा देता था। हमारे घर में पलंग-कुर्सियाँ कुछ नहीं थीं, इसलिए मैं और मेरी बीवी ज़मीन पर ही सोते। मुझे जीने का कोई मकसद नज़र नहीं आ रहा था और ना ही मैंने अपने घर की हालत सुधारने की कोशिश की।

एक दिन मेरी बातचीत यहोवा के एक साक्षी से हुई। मैंने उससे पूछा कि दुनिया में इतनी दुःख-तकलीफें क्यों हैं। उसने बाइबल से मेरे सवाल का जवाब दिया और बताया कि परमेश्‍वर ने वादा किया है कि वह बहुत जल्द इस दुनिया से सारी समस्याएँ और दुःख-तकलीफें मिटा देगा। इस बातचीत से मैं साक्षियों के साथ बाइबल का अध्ययन करने के लिए कायल हो गया। जैसे-जैसे मैं बाइबल की शिक्षाओं को ज़िंदगी में लागू करता गया और शराब पीना कम किया, मैंने पाया कि इससे मेरी घरेलू ज़िंदगी में काफी सुधार आया है। मगर फिर भी मुझे इस बात का एहसास था कि अगर मुझे यहोवा के बताए तरीके से सेवा करनी है, तो मुझे शराब की लत छोड़नी होगी। तीन महीने के कड़े संघर्ष के बाद मैं शराब की गुलामी से पूरी तरह आज़ाद हो गया था। छः महीने बाद मैंने परमेश्‍वर को अपना जीवन समर्पित किया और पानी में बपतिस्मा लेकर अपने समर्पण को ज़ाहिर किया।

शराब की गुलामी से आज़ाद होने की वजह से मैं अपने सारे कर्ज़ चुका पाया। वक्‍त के गुज़रते मैंने एक घर खरीदा, फिर गाड़ी खरीदी, जिसका इस्तेमाल हम मसीही सभाओं और घर-घर के प्रचार में जाने के लिए करते हैं। और आखिरकार मुझे अपना आत्म-सम्मान वापस मिल गया है।

कभी-कभी जब मैं किसी पार्टी में जाता हूँ, तो शराब पीने के लिए मुझसे पूछा जाता है। कई लोग मेरे अंदर चल रहे ज़बरदस्त संघर्ष से वाकिफ नहीं हैं, और वे नहीं जानते कि बस एक जाम ही काफी है उस संघर्ष में मात खाने के लिए। पीने की इच्छा तो मुझे आज भी होती है। मगर शराब को इनकार करने की ताकत पाने के लिए मुझे यहोवा से गिड़गिड़ाकर बिनती करने और मज़बूत इरादे की ज़रूरत पड़ती है। जब मुझे प्यास लगती है, तो मैं शराब को छोड़ बाकी कोई भी ड्रिंक पी लेता हूँ। दस साल बीत चुके हैं, मगर मैंने शराब को हाथ तक नहीं लगाया है।

वाकई, यहोवा वह कर दिखा सकता है, जो इंसान के लिए करना नामुमकिन है। उसने मुझे वह आज़ादी पाने में मदद दी है, जिसकी मैंने कभी उम्मीद भी नहीं की थी। बचपन में दिल पर लगे ज़ख्म मुझे आज भी तड़पाते हैं और मुझे मायूस कर देनेवाली भावनाओं से लगातार जूझना पड़ता है। लेकिन दूसरी तरफ, मुझे कई आशीषें भी मिली हैं। जैसे, मैं परमेश्‍वर के साथ एक अच्छा रिश्‍ता कायम कर पाया हूँ, कलीसिया में मुझे सच्चे दोस्त मिले हैं, और मैंने एक अच्छा परिवार पाया है, जो मेरे साथ परमेश्‍वर की सेवा कर रहा है। शराब के खिलाफ मेरी इस लड़ाई में मेरे बीवी-बच्चे मेरा पूरा-पूरा साथ देते हैं। मेरी बीवी कहती है: “पहले मेरी ज़िंदगी किसी जहन्‍नुम से कम नहीं थी। मगर आज मैं यहोवा की इतनी शुक्रगुज़ार हूँ कि मैं अपने पति और दो बच्चों के साथ एक सुखी ज़िंदगी बिता रही हूँ।”—भेंट। (g 5/07)

[पेज 11 पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]

चौदह साल की उम्र के होते-होते, मैं शराब पीने का आदी हो गया था

[पेज 12 पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]

यहोवा वह कर दिखा सकता है, जो इंसान के लिए करना नामुमकिन है

[पेज 12 पर बक्स/तसवीरें]

शराब के बारे में बाइबल क्या कहती है

◼ बाइबल शराब पीने की निंदा नहीं करती। यह कहती है कि “दाखमधु जिस से मनुष्य का मन आनन्दित होता है,” इंसानों के लिए परमेश्‍वर की तरफ से एक तोहफा है। (भजन 104:14,15) इसके अलावा, बाइबल दाखलता को खुशहाली और सुरक्षा की निशानी कहती है। (मीका 4:4) यहाँ तक कि यीशु मसीह ने जो पहला चमत्कार किया था, वह था एक शादी की दावत में पानी को दाखमधु बनाना। (यूहन्‍ना 2:7-9) और जब प्रेरित पौलुस ने तीमुथियुस के “बार बार बीमार होने” के बारे में सुना, तो उसने उसे “थोड़ा थोड़ा दाखरस” पीने के लिए कहा।—1 तीमुथियुस 5:23.

◼ लेकिन बाइबल हद-से-ज़्यादा शराब पीने की निंदा करती है:

“पियक्कड़ . . . परमेश्‍वर के राज्य के वारिस [कभी नहीं] होंगे।”—1 कुरिन्थियों 6:9-11.

“दाखरस से मतवाले न बनो, क्योंकि इस से लुचपन होता है।”—इफिसियों 5:18.

“कौन कहता है, हाय? कौन कहता है, हाय हाय? कौन झगड़े रगड़े में फंसता है? कौन बक बक करता है? किसके अकारण घाव होते हैं? किसकी आंखें लाल हो जाती हैं? उनकी जो दाखमधु देर तक पीते हैं, और जो मसाला मिला हुआ दाखमधु ढूंढ़ने को जाते हैं। जब दाखमधु लाल दिखाई देता है, और कटोरे में उसका सुन्दर रंग होता है, और जब वह धार के साथ उण्डेला जाता है, तब उसको न देखना। क्योंकि अन्त में वह सर्प की नाईं डसता है, और करैत के समान काटता है। तू विचित्र वस्तुएं देखेगा, और उल्टी-सीधी बातें बकता रहेगा।”—नीतिवचन 23:29-33.

जैसा कि ऊपर दिया लेख बताता है, जिन्हें शराब पीने की लत थी, उन्होंने इससे पूरी तरह दूर रहने का बुद्धि-भरा फैसला किया है।—मत्ती 5:29.

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