वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • g22 अंक 1 पेज 10-12
  • 3 | अच्छे रिश्‍ते रखें

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • 3 | अच्छे रिश्‍ते रखें
  • सजग होइए!—2022
  • उपशीर्षक
  • मिलते-जुलते लेख
  • यह क्यों ज़रूरी है?
  • किन बातों का ध्यान रखें?
  • अभी से क्या करें?
  • सोच-समझकर दोस्त बनाइए
    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!—ईश्‍वर से जानें
  • बेवफा दुनिया में वफा निभाना
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2009
  • आप स्थायी मित्रता का आनन्द ले सकते हैं
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1996
  • सजग होइए! के इस अंक में
    सजग होइए!—2022
और देखिए
सजग होइए!—2022
g22 अंक 1 पेज 10-12
एक बुज़ुर्ग जोड़ा एक-दूसरे की बाहों में हैं और मुस्कुरा रहे हैं।

मुश्‍किलों से भरी दुनिया में

3 | अच्छे रिश्‍ते रखें

यह क्यों ज़रूरी है?

मुसीबतों के चलते आजकल लोग बहुत परेशान रहने लगे हैं। इस वजह से वे जाने-अनजाने में अपनों से दूर होते जा रहे हैं।

  • कई लोगों ने अपने दोस्तों से मिलना- जुलना और बातचीत करना कम कर दिया है।

  • कई पति-पत्नियों के बीच झगड़े बढ़ गए हैं।

  • कई माँ-बाप ध्यान नहीं दे पाते कि उनके बच्चे किन बातों को लेकर परेशान हैं।

किन बातों का ध्यान रखें?

  • सबको दोस्तों की ज़रूरत होती है, खासकर मुसीबतों का सामना करते वक्‍त। दोस्त होने से हम खुश रहते हैं और हमें हिम्मत मिलती है। इससे हमारी सेहत अच्छी रहती है।

  • दुनिया की मुसीबतों को लेकर अगर पति-पत्नी तनाव में रहेंगे, तो इससे परिवार में ऐसी मुश्‍किलें खड़ी हो सकती हैं, जिनके बारे में उन्होंने सोचा ही नहीं होगा।

  • शायद आपको अंदाज़ा न हो, पर बुरी-बुरी खबरें सुनकर या देखकर बच्चे अकसर बहुत सहम जाते हैं।

अभी से क्या करें?

पवित्र शास्त्र में लिखा है, “सच्चा दोस्त हर समय प्यार करता है और मुसीबत की घड़ी में भाई बन जाता है।”​—नीतिवचन 17:17.

क्या आपका कोई दोस्त है जो मुसीबत की घड़ी में आपका साथ दे सकता है और अच्छी सलाह दे सकता है? उसके साथ अच्छा रिश्‍ता बनाए रखें। वह आपकी हिम्मत बँधा सकता है और आप कभी अकेला महसूस नहीं करेंगे।

बचाव कैसे करें?​—कुछ सुझाव

मुसीबतों के वक्‍त में अपनों के साथ अच्छे रिश्‍ते रखने के लिए ये कदम उठाएँ

शादी का बंधन मज़बूत करें

एक बुज़ुर्ग जोड़ा एक-दूसरे की बाहों में हैं और मुस्कुरा रहे हैं।

शादी का बंधन मज़बूत करें

पवित्र शास्त्र में लिखा है, “एक से भले दो हैं . . . अगर उनमें से एक गिर जाए, तो उसका साथी उसे उठा लेगा।” (सभोपदेशक 4:9, 10) पति-पत्नी को साथ मिलकर मुश्‍किलों का सामना करना है। उन्हें याद रखना है कि वे एक ही टीम के खिलाड़ी हैं, ना कि दो विरोधी टीम के।

  • पक्का इरादा कर लें कि आप चाहे कितने ही परेशान क्यों ना हों, आप एक-दूसरे पर गुस्सा नहीं निकालेंगे। इसके बजाय आप सब्र रखेंगे और एक-दूसरे की छोटी-मोटी गलतियाँ नज़रअंदाज़ कर देंगे।

  • तय करें कि हफ्ते में कम-से-कम एक बार आप दोनों खुलकर समस्याओं के बारे में बात करेंगे। याद रखें कि आपको मुश्‍किलों से लड़ना है, ना कि एक-दूसरे से।

  • एक-दूसरे के लिए वक्‍त निकालें। मिलकर कुछ ऐसा करें जिसमें आप दोनों को मज़ा आता है।

  • साथ बिताए मीठे पलों को याद करें। आप चाहे तो अपनी शादी का एल्बम या दूसरी तसवीरें देखकर यादें ताज़ा कर सकते हैं।

दक्ष कहता है, “पति-पत्नी के विचार हमेशा नहीं मिलते, फिर भी वे एक-साथ मिलकर काम कर सकते हैं। वे मिलकर कोई फैसला ले सकते हैं और एकजुट होकर उसके मुताबिक काम कर सकते हैं।”

दोस्तों से जुड़े रहें

  • अलग-अलग देशों की कुछ औरतें हँसते-मुस्कुराते हुए समय बिता रही हैं।

    दोस्तों से जुड़े रहें

    दोस्त सुख-दुख के साथी होते हैं। इसलिए सिर्फ यह ना सोचें कि वे  आपकी मदद कैसे कर सकते हैं बल्कि यह भी सोचें कि आप  कैसे उनकी मदद कर सकते हैं। जब आप दूसरों का हौसला बढ़ाएँगे तो आपका भी हौसला बढ़ेगा।

  • हर दिन दो-चार दोस्तों से उनका हाल-चाल पूछें।

  • अगर आप ऐसी मुश्‍किलों का सामना कर रहे हैं जिनसे शायद आपके दोस्त भी गुज़रे थे, तो उनसे पूछें कि उन्होंने क्या-क्या किया।

नीना कहती है, “जब हम मुश्‍किलों से घिरे होते हैं और हमें कुछ नहीं सूझता, तो दोस्त हमें सही राह दिखाते हैं। कई बार शायद हमें पता हो कि हमें क्या करना है, हमें बस याद दिलाए जाने की ज़रूरत हो और हमारे दोस्त यही करते हैं। इसी को तो दोस्ती कहते हैं! वे आपकी फिक्र करते हैं और आप उनकी।”

बच्चों को समझें और उनकी मदद करें

माता-पिता अपने दोनों बच्चों के साथ झील के पास बैठे हैं और आस-पास के नज़ारे का मज़ा ले रहे हैं।

बच्चों को समझें और उनकी मदद करें

पवित्र शास्त्र में लिखा है, “हर कोई सुनने में फुर्ती करे, बोलने में उतावली न करे।” (याकूब 1:19) हो सकता है शुरू-शुरू में आपके बच्चे यह बताने से झिझकें कि उन्हें किन बातों से डर लग रहा है या वे किन बातों को लेकर परेशान हैं। लेकिन अगर आप ध्यान से उनकी सुनेंगे, तो वे खुलकर आपको अपने मन की बात बता पाएँगे।

  • ऐसे मौकों पर बात करें जब बच्चे आपसे खुलकर बात कर पाएँ। कुछ बच्चे जब अपने मम्मी-पापा के साथ आमने-सामने बैठकर बात करते हैं, तो कुछ नहीं बोल पाते। लेकिन जब वे कहीं घूमने जाते या टहलने निकलते हैं तब खुलकर अपनी बात कह पाते हैं।

  • ध्यान रखें कि आपके बच्चे बुरी खबरें ज़्यादा ना देखें।

  • अपने बच्चों को बताएँ कि परिवार को सुरक्षित रखने के लिए आपने कौन-से कदम उठाए हैं।

  • पहले से सोचकर रखें कि अचानक कोई खतरा आने पर आपका परिवार क्या करेगा। फिर इस बारे में अपने बच्चों को बताएँ और उनके साथ ऐसा करके देखें।

वीना कहती है, “हो सकता है आपके बच्चों के दिल में कोई डर बैठ गया हो या किसी बात को लेकर वे परेशान हों या उन्हें गुस्सा आ रहा हो। शायद वे ये बातें छिपाएँ या खुलकर ना बताएँ। ऐसे में अपने बच्चों से बात कीजिए। उन्हें बताइए कि कई बार आप भी ऐसा ही महसूस करते हैं। इससे वे खुलकर अपने दिल की बात बता पाएँगे। फिर आप उन्हें समझा सकते हैं कि इन भावनाओं से लड़ने के लिए आप क्या करते हैं।”

“आपका परिवार खुश रह सकता है” वीडियो का एक सीन। एक पति-पत्नी एक-दूसरे का हाथ पकड़े खुशी-खुशी टहल रहे हैं।

और जानिए: आपका परिवार खुश रह सकता है वीडियो देखें।

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें