वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • my कहानी 32
  • 10 विपत्तियाँ

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • 10 विपत्तियाँ
  • बाइबल कहानियों की मेरी मनपसंद किताब
  • मिलते-जुलते लेख
  • शुरू के तीन कहर
    बाइबल से सीखें अनमोल सबक
  • यहोवा कौन है?
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1993
  • दसवाँ कहर
    बाइबल से सीखें अनमोल सबक
  • अगले छ: कहर
    बाइबल से सीखें अनमोल सबक
और देखिए
बाइबल कहानियों की मेरी मनपसंद किताब
my कहानी 32
पहली विपत्ति में नील नदी का पानी खून में बदल जाता है

कहानी 32

10 विपत्तियाँ

ज़रा यहाँ दी तसवीरों को देखिए। इन तसवीरों में वे दस विपत्तियाँ दिखायी गयी हैं, जो यहोवा मिस्रियों पर लाया था। पहली तसवीर में आप देख सकते हैं कि हारून अपनी लाठी नील नदी में मार रहा है। जब उसने ऐसा किया तो नदी का पूरा पानी खून बन गया। नदी की सारी मछलियाँ मर गयीं और नदी में से बदबू आने लगी।

दूसरी विपत्ति के दौरान फिरौन अपने बिस्तर से मेंढक हटा रहा है

फिर यहोवा दूसरी विपत्ति लाया। जानते हैं उसमें क्या हुआ? नील नदी के सारे मेंढक बाहर निकलकर पूरे शहर में फैल गए। जहाँ देखो वहाँ मेंढक-ही-मेंढक थे। तन्दूरों में मेंढक, खाना पकाने के बर्तनों में मेंढक, लोगों के बिस्तरों पर मेंढक। फिर जब मेंढक मर गए तो मिस्रियों ने उन्हें इकट्ठा करके बड़े-बड़े ढेर लगा दिए। पूरा देश उनकी बदबू से भर गया।

इसके बाद हारून ने ज़मीन पर अपनी लाठी मारी, तो धूल से छोटे-छोटे कीड़े बन गए। ये कीड़े लोगों को काटने लगे। यह मिस्र पर आयी तीसरी विपत्ति थी।

तीसरी विपत्ति के दौरान एक औरत को कीड़े काट रहे हैं

इन विपत्तियों के बाद जितनी भी विपत्तियाँ आयीं, उनसे सिर्फ मिस्रियों को नुकसान पहुँचा, इस्राएलियों को नहीं। चौथी विपत्ति बड़ी-बड़ी मक्खियाँ थीं, जो सब मिस्रियों के घरों में घुस गयीं। पाँचवीं विपत्ति जानवरों पर आयी। मिस्रियों के बहुत-से गाय-बैल और भेड़-बकरियाँ मर गए।

पाँचवीं विपत्ति के बाद, मूसा और हारून ने कुछ राख लेकर हवा में उड़ा दी। इससे लोगों और जानवरों के शरीर पर बड़े-बड़े फोड़े निकल आए। यह छठी विपत्ति थी।

फिर मूसा ने अपना हाथ आसमान की तरफ उठाया। तब यहोवा मिस्र पर सातवीं विपत्ति लाया। बिजली कड़कने लगी और ओले गिरने लगे। इतने बड़े-बड़े ओले गिरे, जितने कि मिस्र में पहले कभी नहीं गिरे थे।

चौथी विपत्ति के दौरान मिस्री, मक्खियों से बच कर भाग रहे हैं
पाँचवीं विपत्ति में मिस्रियों के जानवर मर रहे हैं

आठवीं विपत्ति में मिस्र पर टिड्डियों ने हमला बोला। टिड्डियों का इतना बड़ा दल न तो इससे पहले कभी देखा गया और ना ही इसके बाद। जो कुछ भी ओलों से बच गया था, वह सब इन टिड्डियों ने सफाचट कर दिया।

मिस्र पर जो नौवीं विपत्ति आयी, वह थी अंधकार। तीन दिन तक सारे देश में घुप अंधेरा छाया रहा। मगर जहाँ इस्राएली रहते थे, वहाँ उजाला था।

इस सब के बाद, परमेश्‍वर ने इस्राएलियों से कहा कि वे अपने घर की चौखटों पर छोटे बकरे या मेम्ने का खून छिड़कें। तब परमेश्‍वर का एक स्वर्गदूत मिस्र देश से गुज़रा। उस स्वर्गदूत को जिस किसी घर की चौखट पर खून दिखायी दिया, उस घर के किसी भी आदमी या जानवर को उसने नहीं मारा। लेकिन जिन घरों की चौखटों पर खून नहीं लगा था, उन घरों में इंसानों और जानवरों, दोनों के पहले बच्चे को स्वर्गदूत ने मार डाला। यह दसवीं विपत्ति थी।

इस आखिरी विपत्ति के बाद फिरौन ने इस्राएलियों को जाने दिया। इस्राएली मिस्र से जाने के लिए तैयार ही बैठे थे। इसलिए वे उसी रात मिस्र से निकल गए।

निर्गमन अध्याय 7 से 12.

अध्ययन के लिए सवाल

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें